चार पीढ़ी का आदर्श यह संयुक्त परिवार----- पितृ पक्ष से लेकर दुर्गा पूजा तक चौथी पीढ़ी के प्रखर स्तंभ आदित्य राजे के अद्भुत सेवा एवं भक्ति भाव से सब हुए सारोबार-------!!! - fastnewsharpal.com
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चार पीढ़ी का आदर्श यह संयुक्त परिवार----- पितृ पक्ष से लेकर दुर्गा पूजा तक चौथी पीढ़ी के प्रखर स्तंभ आदित्य राजे के अद्भुत सेवा एवं भक्ति भाव से सब हुए सारोबार-------!!!

 चार पीढ़ी का आदर्श यह संयुक्त परिवार----- पितृ पक्ष से लेकर दुर्गा पूजा तक चौथी पीढ़ी के प्रखर स्तंभ आदित्य राजे के अद्भुत सेवा एवं भक्ति भाव से सब हुए सारोबार-------!!!



नयापारा राजिम /रायपुर...

हर मजबूत रिश्तों की डोर है संयुक्त परिवार--- कभी इसमें डांट- नसीहत मिले तो कभी मिले बेहद अनूठा प्यार ---जब मिल बैठे छोटे बड़े स्वर्ग के आनंद के साथ मिलते ढेर सारे संस्कार--- ऐसा होता संयुक्त परिवार--- इसके बगैर नहीं हमारे आपके जीवन का आधार---'!! कितनी सच्चाई है इस पैरोडी में आप हम गंभीरता से गौर करें पाश्चात्य सभ्यता के रंग में रंगने के कारण पारिवारिक दायित्व और संयुक्त परिवार से हम तेजी से विरक्त होते चले गए भारतीय संस्कृति और जीवन शैली का यह बहुत बड़ा आधार था इसका परिणाम संस्कार रहित जीवन, जिससे परिवार ही नहीं समाज प्रदेश और देश का भी विघटन होता है लेकिन अभी भी हमारे देश में हमारे बीच ऐसा आदर्श संयुक्त परिवार देखने को मिलता है कि आप चौंक जाएंगे ऐसा ही एक बेहद आइडियल संयुक्त परिवार जिसमें चार पीढ़ी के सदस्य रहते हैं जी हां छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की बेहद पाश कॉलोनी में गिने जाने वाली सफायर' ग्रीन विधानसभा रोड के रहवासी अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा बाकानेर के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं एक मल्टी नेशनल कंपनी के स्टेट हेड अखिलेश सिंह के परिवार में लगभग 100 वर्ष के चुस्त दुरुस्त पितामह अवध नारायण सिंह इनके पिता श्री लगभग 68 वर्ष के कमलापति सिंह स्वयं लगभग 42 वर्ष  धर्मपत्नी नम्रता सिंह लगभग 39 वर्ष उनकी बेटी ब्रिलियंट बेबीआस्था सिंह उम्र लगभग 16 वर्ष और सबसे छोटा बेटा उम्र लगभग 10 वर्ष लिटिल योग चैंपियन एवं पर्यावरण मित्र स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेता मास्टर आदित्य राजे सिंह चार पीढ़ी का अनूठा संगम।



पूरा परिवार बेहद धार्मिक- संस्कार युक्त एवं समाज सेवा में अग्रणी--------- पूरा परिवार प्रभु- सेवा भक्ति, सदाचार के संस्कारों से परिपूर्ण, और दीन हीन -गरीबों की सेवा में हमेशा आगे रहते हैं। इस परिवार में प्रथम पीढ़ी से लेकर चौथी पीढ़ी तक सभी ने प्रगति के नए सोपान तय किया। इसमें हम बात करेंगे चौथी पीढ़ी के सुपरस्टार लिटिल योग चैंप एवं पर्यावरण मित्र आदित्य राजे सिंह की।।

शैशव काल से परमात्मा की देंन धर्म- योग और पर्यावरण से बेहद लगाव के साथ सेवा भाव से परिपूर्ण.-------- मास्टर आदित्य राजे जोकि छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे भारतवर्ष में शिक्षा के क्षेत्र में माइलस्टोन डीपीएस पब्लिक स्कूल ग्रुप के रायपुर में कक्षा 3 के ब्रिलियंट विद्यार्थी हैं बचपन से धर्म योग पर्यावरण और सेवा भाव से भरे हुए थे, इनकी माता श्रीमती नम्रता सिंह ने विशेष संवाददाता महेंद्र सिंह ठाकुर को बताया आदित्य राज बचपन से जब 2 साल के थे घर में पूजा पाठ के साथ रामायण भागवत पाठ पाठ पूरी तन्मयता से सुनते थे और थोड़ा उम्र बढ़ाने के साथ पूजा पाठ में शामिल होना पेड़ पौधों को पानी देना और योग को अपने दिनचर्या में शामिल कर लिए कई कंपटीशन में भाग लेकर राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार मिले पर्यावरण  प्रेम के कारण सैकड़ो पौधे लोगों को बांट चुके हैं और दलित नारायण की सेवा में लगातार अपने पापा के साथ सक्रिय रहते हैं जिसमें निशुल्क नेत्र शिविर, चिकित्सा शिविर, निर्धन बच्चों को पाठ्य सामग्री एवं ड्रेस देना एवं भूखे को खाना खिलाना इनका जुनून है। अभी बीते हुए पितृ पक्ष में पूरे पखवाड़े भर इन्होंने पितरों को विधिवत तर्पण करते हुए पूरे अपने बड़े बुजुर्गों के साथ कर्मकांड संपन्न किये और अभी शारदीय दुर्गा पक्ष में लगातार माता के भजन पूजन के साथ अपने चार पीढ़ी के स्तंभ परदादा श्री , दादा श्री ,पिता श्री, माता श्री, दीदी को प्रणाम करने के साथ पूरी कॉलोनी के बड़े बुजुर्गों का आशीर्वचन प्रातः लेकर भोग भंडारा के लिए जुटे हुए हैं क्योंकि अभी स्कूलों में दशहरे की छुट्टियां हैंl

ऐसे संस्कार और जुनून हमारे देश के हर बच्चे में होना चाहिए...... विशेष संवाददाता महेंद्र सिंह ठाकुर ने जब लिटिल योग चैंप- पर्यावरण मित्र मास्टर आदित्य राजे से उनके कैरियर के बारे में पूछा तो मास्टर आदित्य राजे ने कहा -मैं सेना में भर्ती होकर स्पेशल कमांडो बनूगा, और देश सेवा करूंगा यही मेरा उद्देश्य, बड़े बुजुर्गों की सेवा के बारे में और उनके सानिध्य के बारे में पूछने पर बहुत ही मासूमियत और जोश के साथ दो लाइन सुनाई जो उनकी दीदी आस्था सिंह ने याद करवाया था-- पर दादाजी- दादाजी -मम्मी पापा- दीदी इन सब का आशीर्वाद हमारे सपने के नीव हैं---- इसके बगैर हम बिल्कुल निर्जीव हैं...lll

कितना अच्छा कितना शानदार हमें यह चाहिए हमारे बच्चे ऐसे ही संस्कारवान बने और देश का हर बच्चा ऐसा ही हो।।।


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