टाडा के शमशान घांट में मृत पड़े आधा दर्जन गौवंश,नोंच नोंचकर खा रहे थे कुत्ते
टाडा के शमशान घांट में मृत पड़े आधा दर्जन गौवंश,नोंच नोंचकर खा रहे थे कुत्ते
सिलतरा के ग्रामीण की गुम हुई गाय भी मिली मृत अवस्था मे
सुरेन्द्र जैन/ धरसीवा
धरसीवा के टाडा गांव के शमशान घांट में करीब आधा दर्जन गौवंश मृत पड़े हैं कुछ गौवंश के जहां तहां कंकाल भी पड़े हैं सिलतरा के रमेश यदु जब वहां अपनी गुम गाय खोजने गए तब वहां का नजारा देखकर वह ढंग रह गए उनकी गाय भी वहां मृत अवस्था मे मिली हालांकि सरपंच का कहना है कि मृत होने के बाद मृत गायों को वहां छोड़ा जाता है।
सिलतरा निवासी रमेश यदु की सूचना पर जब धरसीवा के पत्रकार टाडा ग्राम पंचायत के शमशान घांट पहुचे तो पूरे शमशान घांट परिसर में भारी दुर्गंध आ रही थी जहां तहां गौवंश के कंकाल पड़े थे चारों तरफ बाउंड्री बाल से सुरक्षित शमशान घांट में मुख्य द्वार पर मजबूत लोहे का दरवाजा था जो बन्द था उसे खोलर अंदर जाकर देखा तो सीधे हाथ पर कोने में एक सफेद गाय मृत पड़ी थी जिसके पास ही एक लाल रंग की गाय जीवित खड़ी थी समीप ही कुछ गौवंश के कंकाल भी पडजे हुए थे थोड़ा और आगे जाने पर झाड़ियों की आड़ में एक ओर गौंवंश का शव पड़ा था जिसे कुत्ते नोच रहे थे शमशान घांट के शेड के समीप थोड़ा धान का पैरा पड़ा हुआ था जहा एक ओर गाय मृत पड़ी थी पीछे दीवार के समीप भी एक गाय मृत पड़ी थी और आसपास कुछ गायों के कंकाल बिखरे पड़े थे।
*4 दिन से लापता ग्रामीण की गाय भी मिली मृत*
गायों की मौत की सूचना सिलतरा के ग्रामीण रमेश यदु द्वारा दी गई रमेश ने इस प्रतिनिधि को बताया कि वह सिलतरा में रहते हैं उनकी एक गाय तीन चार दिन से लापता थी आसपास खोजा नहीं मिली टाडा के इस शमशान घांट के चारो तरफ बाउंड्री है मुख्य द्वार पर ताला था इसलिए यहां पहले देख नहीं पाए थे आज सुबह बच्चे ने गेट का ताला खुला देख अंदर जाकर देखा तो उनकी गाय मृत पड़ी थी तब उन्होंने स्वयं आकर देखा तो उनकी गाय के अलावा भी तीन चार गाय और मृत पड़ी थी एक जीवित खड़ी थी आसपास गौवंष के कंकाल फैले हुए थे
*कांजी हाउस के रूप में होता है उपयोग*
सिलतरा के ग्रामीण रमेश यदु ने कहा कि टाडा ग्राम पंचायत उधोग की मदद से श्मशान घांट को चारों तरफ से बाउंड्री व लोहे का गेट लगवाकर इसी जगह को कांजी हाउस के रूप में उपयोग करती आ रही है रही थी उनकी गाय को भी वहां बन्द किया गया था समुचित देखरेख के अभाव में उनकी वेवन जिन अन्य गयो की मौत हुई उसके लिए ग्राम पंचायत टाडा की लापरवाही जिम्मेदार है
*सरपंच बोली मृत्यु के बाद वहां छोड़ा*
ग्राम पंचायत टाडा की सरपंच व भाजपा नेत्री श्रीमत्ति रुक्मणि शिवारे ने कहा कि मृत होने के बाद गायों को उसी शमशान घांट में छोड़ते हैं वहां किसी गाय की मौत नहीं हुई।
*सीएसआर से हुई है वाउंड्री*
टाडा के शमशान घांट के चारो तरफ बाउंड्री और लोहे का मुख्य गेट का निर्माण इस्पात
गोदावरी एंड पॉवर लिमिटेड द्वारा सीएसआर मद से किया गया है
*....तो धान का पैरा क्यों*
शमशान घांट में मृत पड़ी तीन चार गाय तो कुछ दिन पहले की ही लग रही हैं यदि इसे कांजी हाउस के रूप में उपयोग नहीं किया जा रहा था तो वहां धान का पैरा क्यों पड़ा था और यदि बाहर गायों की मौत हुई और बाद में लाकर छोड़ा है तो इस तरह क्यों फेंका गया है की उन्हें कुत्ते नोच रहे हैं एवं आसपास दुर्गंध फेल रही है उनका अंतिम संस्कार क्यों नहीं किया गया।