संविधान में प्रदत्त अधिकारों को जीवन मे करें आत्मसात,संविधान दिवस पर न्यायधीशों के विचार
संविधान में प्रदत्त अधिकारों को जीवन मे करें आत्मसात,संविधान दिवस पर न्यायधीशों के विचार
सुरेन्द्र जैन /धरसींवा
संविधान दिवस के अवसर पर न्यायाधीशों ने माना में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रत्येक भांरतीय अपने जीवन मे आत्मसात करें।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अध्यक्ष/ न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी के निर्देशानुसार अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/ जिला सत्र न्यायाधीश अब्दुल ज़ाहिद कुरैशी एवं सचिव के मार्गदर्शन में 26 नवम्बर संविधान दिवस के अवसर पर शासकीय वृद्ध आश्रम माना रायपुर में कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें न्यायाधीश गणों द्वारा संविधान दिवस मनाया
इस अवसर पर राकेश कुमार सोम ने अपने उद्बोधन में कहा कि संविधान के द्वारा दिए गए अधिकारों एवं कर्तव्य को हमें ना सिंर्फ़ जानना है बल्कि जीवन मे आत्मसात भी करना है ओर हर नागरिक को जागरुक करते हुए प्रगतिशील समाज में अपनी अहम भूमिका निभाना है साथ ही संविधान द्वारा संविधान में उल्लिखित संविधान के अनुच्छेद 39 (क)* में उल्लिखित आर्थिक न्याय को बताते हुए न्यायाधीश गणों ने हर वर्ग तक तक न्याय को पहुंचाने के मध्यम जिला सत्र न्यायालय एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की निशुल्क सहायता योजनाओं के संबंध में भी जानकारी प्रदान की उक्त आयोजन में ग्रामीण जनों छात्र-छात्राओं एवं अन्य जनों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया, इस अवसर पर एडीजे राकेश कुमार सोम द्वितीय फास्ट ट्रेक कोर्ट विशेष न्यायधीश रायपुर , मधुसूदन चंद्राकर अष्टम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रायपुर, भूपेश कुमार बसंत द्वितीय व्यवहार न्यायधीश वर्ग-1, सुश्री उन्नति माहेश्वर चतुर्थ व्यवहार न्यायधीश वर्ग-2 रायपुर, लक्ष्मी मेश्राम अधीक्षक वृद्धाश्रम माना रायपुर एवं पैरालीगल वालेंटियर्स श्रीमती लोमिन साहू जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर आदि उपस्थित रहे।