मिश्रा परिवार की दो बेटियां दोनों होनहार..... ये हैं रायपुर की स्टार!!!
मिश्रा परिवार की दो बेटियां दोनों होनहार..... ये हैं रायपुर की स्टार!!!
रायपुर /नवापारा राजिम.....
बेटियां ही धन है- हर जीत की विजन है- ईश्वर को भी वहीं से आस है --जहां बेटिया खास हैं?? जी हां यह बात रायपुर निवासी और सीएसईबी में कार्यरत विनय शंकर मिश्रा और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती इंदू मिश्रा पर बिल्कुल सटीक है इनकी दो बेटियां है बेहद ब्रिलियंट बड़ी बेटी इंजीनियर आभा मिश्रा और डॉक्टर बनने जा रही छोटी बेटी श्रेया मिश्रा अपनी मेहनत और जुनून के बदौलत हर जगह सफलता के झंडा लहरा रही हैं।
चुनौती से भरे रास्ते को सुगम बनाया..... इन दोनों बेटियों के रास्ते में चुनौतियां भी कम नहीं थी पिताजी के सीमित आय में इनकी पढ़ाई लिखाई घर परिवार को चलाने में तालमेल बिठाते हुए दोनों बेटियों के माता-पिता ने अपना सब कुछ दोनों होनहार बेटियों पर अर्पण कर दिया। बड़ी बेटी इंजीनियर बनना चाहती थी और वह बनी एन.आई. टी. रायपुर की टॉपर । वही छोटी बेटी डॉक्टर बनने के लिए कठोर मेहनत किया और नीट रिजल्ट में छत्तीसगढ़ के टॉप 100 में जगह बनाई छत्तीसगढ़ के नंबर वन पंडित जवाहरलाल नेहरू शासकीय मेडिकल कॉलेज रायपुर में दाखिला लिया।
इंजीनियर आभा मिश्रा का सपना- वर्ल्ड के टॉप इंस्टिट्यूट में काम कर -देश का नाम रोशन करना -वही चिकित्सा के क्षेत्र में श्रेया मिश्रा द्वारा पीड़ित मानवता सेवा हेतु नए माइलस्टोन तय करना.... अपने जुनून को पूरा करने के लिए बड़ी बेटी आभा मिश्रा ने इंडिया के टॉप इंडस्ट्रीज के लाखों की पैकेज को छोड़कर आईआईएम कोलकाता से टेक्निकल क्षेत्र में मैनेजमेंट की डिग्री की पढ़ाई करते हुए वहां भी टॉपर हैं, वही छोटी बेटी श्रेया मिश्रा मेडिकल साइंस के क्षेत्र में पीड़ित मानवता की सेवा के लिए बहुत विशेष करना चाहती है जिससे पूरे विश्व में भारत का नाम रोशन हो।
एमबीबीएस प्रथम वर्ष की परीक्षा मे ही नंबर वन गोल्ड मेडलिस्ट बनकर श्रेया मिश्रा ने रच दिया इतिहास...... वर्ष 2022 के एमबीबीएस प्रथम वर्ष की परीक्षा में श्रेया मिश्रा ने पूरे छत्तीसगढ़ में टॉपर रहते हुए गोल्ड मेडल हासिल कर एवं लगभग 80% अंक प्राप्त कर एक इतिहास रच दिया इनको गणतंत्र दिवस वर्ष 2024 में आयुष यूनिवर्सिटी नया रायपुर मे सपरिवार बुलाकर भव्य कार्यक्रम मे तालियो के गड़गड़ाहट के बीच गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। विशेष संवाददाता महेंद्र सिंह ठाकुर से बातचीत करते हुए श्रेया मिश्रा ने कहा मैं यह गोल्ड मेडल छत्तीसगढ़ वासी और देशवासियों के लिए समर्पित करती हूं। मेरा उद्देश्य केवल पैसा कमाना नहीं रहेगा पीड़ित मानवता की सेवा मेरा सर्वोच्च टारगेट हैlll