*कांग्रेस शासन कार्यकाल में हुई जमकर भरस्टाचार, राजिम मे नियम विरुद्ध प्राचार्य की फर्ज़ी नियुक्ति पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने राजस्व अनुविभागीय अधिकारियो को सौंपा ज्ञापन* - fastnewsharpal.com
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*कांग्रेस शासन कार्यकाल में हुई जमकर भरस्टाचार, राजिम मे नियम विरुद्ध प्राचार्य की फर्ज़ी नियुक्ति पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने राजस्व अनुविभागीय अधिकारियो को सौंपा ज्ञापन*

 *कांग्रेस शासन कार्यकाल में हुई जमकर भरस्टाचार, राजिम मे नियम विरुद्ध प्राचार्य की फर्ज़ी नियुक्ति पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने राजस्व अनुविभागीय अधिकारियो को सौंपा ज्ञापन*




राजिम 

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राजिम के कार्यकर्ताओं ने राजिम अनुविभागीय अधिकारी  को ज्ञापन सौपा है।

प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया मामला राजिम स्थित शा.राम बिशाल पाण्डेय उ.मा.विद्यालय में संचालित स्वामी आत्मानंद विद्यालय का है जिसमें  पदस्थ प्राचार्य की नियुक्ति फर्जी तरीके से की गयी है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा इस गड़बड़ी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया है। अभाविप का कहना है कि

गत वर्ष कांग्रेस शासन में स्वामी आत्मानंद विद्यालय में प्राचार्य की नियुक्ति हेतु विज्ञापन जारी किया गया था। लोक शिक्षण संचालनालय छ. ग. द्वारा प्राचार्य के प्रतिनियुक्ति हेतु विज्ञापन जारी किया गया था जिसमें हायर सेकंडरी स्कूल में 05 वर्ष का अध्यापन अनुभव आवश्यक है , ऐसा आदेश जारी किया गया था किन्तु वर्तमान में पदस्थ प्राचार्य संजय कुमार एक्का  जो पूर्व में बेलर में पदस्थ थे वर्ष 2016 शिक्षाकर्मी वर्ग-02 में पदोन्नत होकर व्याख्याता बने एवं 2018 से 2020 तक विभागीय एम.एड किया तथा 01 जुलाई 2022 को उन्होंने प्राचार्य पद पर प्रतिनियुक्ति हेतु आवेदन किया। इस प्रकार हायर सेकण्डरी स्कूल में इनका अध्यापन का अनुभव 05 से भी कम लगभग 4 वर्ष है,।

इनसे भी योग्य शिक्षकों ने इस प्रतिनियुक्ति हेतु आवेदन किया था जिन्हें 5 वर्ष से भी अधिक का अनुभव है तथा जिनकी शैक्षणिक योग्यता ,अंक इत्यदि भी वर्तमान प्राचार्य से अधिक ही है लेकिन कांग्रेस शासन काल में भाई-भतीजा वाद के चलते गलत तरीके से नियुक्तियां की गई। इस पद के लिए योग्य शिक्षकों ने जिला शिक्षा अधिकारी एवं कलेक्टर को  आवेदन देकर विषय की जानकारी दी। यहाँ तक प्रभारी मंत्री को भी इस विषय से अवगत कराया गया किंतु फिर भी शासन प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई और उक्त प्राचार्य विगत 2 वर्षों से विद्यालय में गलत प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ है ।

ABVP प्रदेश कार्यकरणी सदस्य गौरव राव घाटगे का कहना है जब शिक्षा विभाग में ही इस तरह का भ्रष्टाचार फैला है तो बच्चों को कैसी शिक्षा मिलेगी ? बच्चों का भविष्य खतरे में है ।इस पर त्वरित कार्यवाही की जाए ABVP छात्रों का भविष्य से खिलवाड़ सहन नहीं करेगी। 

नगर मंत्री हुमन देवांगन ने बताया कि इससे पहले भी वर्तमान प्राचार्य के नाम शिकायतें विद्यार्थियों के माध्यम से  मिली है जिसके चलते आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राजिम के कार्यकर्ताओं ने SDM राजिम को ज्ञापन सौंपा है।

 कांग्रेस सरकार के  स्वामी आत्मानंद राजिम  जिसका उन्नयन स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम के रूप में 2022 में हुआ था जिसमें शिक्षक और विभिन्न पदों पर प्रतिनियुक्तियां की गई थी। प्रभारी प्राचार्य के पद पर नियमानुसार जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा आवेदन मांगे गए थे किंतु चयन प्रक्रिया के समय तत्कालीन डीईओ करमन खटकर द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अपने खास व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने नियम विरुद्ध प्राचार्य पद पर ग्राम बेलर में पदस्थ संजय कुमार एक्का  की प्रतिनियुक्ति कर दी गई। 

गौरतलब है कि मांगे गए आवेदनों में विद्यालय के ही समान शैक्षणिक योग्यता और अधिक अनुभवी शिक्षकों द्वारा भी आवेदन  किया गया था किंतु नियमों की अनदेखी कर दूसरे स्कूल के सेटअप को बिगाड़ कर एवं कम अनुभवी व्यक्ति की प्रतिनियुक्ति कर दी गई। 

सूचना का अधिकार कार्यकर्ता इंद्रजीत यादव द्वारा शासन से मांगी गई जानकारी में यह पाया गया कि प्रतिनियुक्ति में आए प्राचार्य संजय एक्का की शैक्षणिक योग्यता और व्याख्याता पद पर अनुभव भी अन्य आवेदक की तुलना में कम है । इन सब साक्ष्यों से स्पष्ट है कि उच्च पदों पर आसीन अधिकारियों द्वारा ही शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार का खेल चल रहा। शिक्षा विभाग में ही दबी आवाज में इस मामले की पुरजोर निंदा हो रही है ।ABVP छात्र नेता जय  शर्मा ने कहा कि इस प्रकार शिक्षा के क्षेत्र  लापरवाही भाई भतीजा वाद नहीं चलेगा ABVP  ने शासन प्रशासन से मामले को गंभीरता से संज्ञान में लेकर उचित कार्यवाही करने की मांग की है तथा कार्यवाही न होने पर विद्यालय के समस्त छात्र-छात्राओं के साथ उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

महाविद्यालय प्रमुख योगेश सागर ने कहा कि प्राचार्य एक्का द्वारा हिन्दू धर्म विरोधी सम्बन्धी भी अनर्गल बातें छात्र-छात्राओं के सामने कहते है तथा उन्हें विद्यालय में प्रभु श्री राम श्री कृष्ण का प्रार्थना में नाम लेने पर भी पाबन्दी लगायी गयी है जो सही नहीं है।

वहीं स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नागरिकों में इस मामले के सामने आते ही खासा रोष व्याप्त है इस पर तुरंत कार्यवाही और यथोचित न्याय की मांग की जा रही है। 

छात्र नेता यश कहार ने भी बताया कि वर्तमान प्राचार्य एक्का का रवैया छात्राओं के प्रति भी ठीक नहीं है। प्राचार्य कक्ष में लगे भगवान श्री राजीव लोचन के चित्र को जानबूझ कर हटा कर एक कोने में फेंक दिया गया जिसे छात्रों ने उठा कर उचित स्थान पर रखा। इस प्रकार हमारे आराध्य का अपमान हम नहीं सहेंगे । हम इसकी कड़ी निंदा करते है तथा तत्काल उन प्राचार्य को हटाया जाए ऐसी मांग शासन से करते है।आत्मानंद विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने यह भी बताया है कि विद्या की देवी माँ सरस्वती जिनका विद्यालय में मंदिर बना है,उसे भी हटाने और इसे किसने बनाया ? मैं रहता तो बनने नहीं देता ऐसा कहा गया तथा गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की प्रतिमा रखने की अनुमति मांगने पर भी छात्रों को डांट फटकार कर भगा दिया। विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने ABVP के कार्यकर्ताओं से सम्पर्क किया तथा प्राचार्य के रवैए के बारे में बताया।

अभी हाल ही में हुए वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में जब पधारे स्कूल शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल जी द्वारा प्राचार्य एक्का से यह पूछा गया कि विद्यालय की भूमि कितनी है? कितनी भूमि पर यह बना है? यहाँ क्या क्या सुविधाएं है‌ तथा किन सुविधाओं का लाभ यहाँ के विद्यार्थी लेते हैं तो प्राचार्य  ने  कहा कि मुझे ज्ञात नहीं है। इसके बाद जब मंत्री जी ने जिला शिक्षा अधिकारी से पूछा तो जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा मुझे भी कोई जानकारी नहीं है तब वहीं माइक से वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में सभी के समक्ष प्रचार्य एक्का को फटकार लगायी और कहा की अगर इस शिक्षा के मन्दिर का प्रमुख ऐसा है तो यहाँ के विद्यार्थियों को क्या शिक्षा और संस्कार देंगे आप ? यदि आप अपना दायित्व नहीं निभा सकते ,अपना कार्य नहीं कर सकते तो आप अपने घर जाकर बैठे। ऐसे शिक्षकों की कोई आवश्यकता नहीं जिन्हें विद्यार्थियों के हित की चिंता न हो।अब देखना यह है कि वर्तमान शासन प्रशासन द्वारा इस मामलें पर उचित कार्यवाही की जाती है अथवा मामलें को दबाने का प्रयास किया जाता है।

ABVP की यह मांग है कि  जल्द से जल्द इस विषय पर कार्यवाही की जाए तथा तत्काल अयोग्य प्राचार्य को हटा कर योग्य शिक्षक को प्रचार्य बनाया जाए।

इस पर त्वरित कार्यवाही नहीं की जाने पर ABVP ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

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