भव्य कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा महापुराण का हुआ श्री गणेश - fastnewsharpal.com
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भव्य कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा महापुराण का हुआ श्री गणेश

 भव्य कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा महापुराण का हुआ श्री गणेश



आरंग

वैशाख शुक्ल चतुर्थी शनिवार को सार्वजनिक गौरागुड़ी समिति केवशी लोधी पारा के तत्वाधान में अवंती बाई चौक लोधी समाज भवन आरंग में श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ का श्रीगणेश हुआ। सर्वप्रथम आचार्य गणों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गौरी गणेश, सप्त मातृका ,  64 योगिनी ,सर्वतो भद्र मंडल, वास्तु मंडल नवग्रह मंडल, एक लिंगको, क्षेत्रपाल, बेदी पूजन की तत्पश्चात 351 कलशो के साथ भव्य कलश यात्रा ने हरि नाम संकीर्तन के साथ नगर भ्रमण किया जिसमें भक्तगण भक्ति रस में सरोबार दिखे ,वही व्यास पीठ से भागवताचार्य आचार्य श्री युगल किशोर शर्मा जी ने भागवत कथा का महत्व बताते हुए कहा कि आज चारों तरफ दूषित वातावरण है अतः श्रीमद् भागवत कथा के माध्यम से हम अपने विचारों को शुद्ध रख सकते हैं उन्होंने दार्शनिक अंदाज में कहा कि भोगी यदि योगी हो जाए तो वह रोगी हो जाएगा इसलिए भागवत शास्त्र की रचना कलयुग के जीवन के उद्धार करने के लिए की गई है उन्होंने भक्ति मार्ग को श्रेष्ठ बताते हुए गोपियों की भक्ति को दिव्या बताया जो प्रत्येक वस्तु में कन्हैया को देखती हैं, उन्होंने श्रद्धालु जनों को प्रेरित करते हुए कहा कि विचार कीजिए कि हम कौन हैं और हमारा लक्ष्य क्या है वास्तव में हम जीव परमात्मा के अभिन्न अंग है आगे उन्होंने उपदेश करते हुए कहा की भागवत मनुष्य को निर्भय बनाती है, श्री भागवत का आश्रय लेने से परम सुख प्राप्त होता है, मैं परमात्मा श्री कृष्ण का अंश और भगवान का दास हूं जब यह भावना मन में घर कर लेती है तो हम भक्ति मार्ग की ओर बढ़ने लगते हैं और परमात्मा हमारी ओर, उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि पाप करने में मनुष्य बड़ा सावधान और होशियारी दिखाता है किंतु पुण्य करने में नहीं पाप प्रकट हो गया तो जगत में अपकीर्ति होगी ऐसा सोचकर पाप को एकांत चित होकर करता है और इस कारण से अंत काल में उसे पापों की याद आती है। पंडित जी ने  आत्मदेव ब्राह्मण की कथा सुनाई और विचारों की शुद्धि के लिए निष्ठावान बनने की बात की तथा ज्ञान वैराग्य और भक्ति की सुंदर व्याख्या करते हुए उन्होंने श्रीमद् भागवत कथा को उत्कृष्ट वैचारिक अनुष्ठान भी बताया वही जय श्री राधे मधुर भजनों में श्रोतागण भक्ति रस से डूबे रहे एवं मंगल आरती तथा प्रसाद वितरण के साथ पहले दिन की कथा का विश्राम हुआ, इस अवसर पर परायण कर्ता आचार्य गण आशीष पांडे ,शैलेंद्र तिवारी एवं बहुत अधिक संख्या में माता ,बहनों युवाओं, वरिष्ठ गणमान्य गण एवं मोहल्ले वासियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

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