*कलेक्टर साहब इन दो नाबालिग बेटियों का भविष्य कौन संवारेगा* - fastnewsharpal.com
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*कलेक्टर साहब इन दो नाबालिग बेटियों का भविष्य कौन संवारेगा*

 *कलेक्टर साहब इन दो नाबालिग बेटियों का भविष्य कौन संवारेगा*



*मां ने भागकर दूसरी शादी कर ली पिता ने भी छोड़ दिया साथ*

*फीस देने दस हजार नहीं ईसलिये न अंकसूची मिल रही न टीसी*

    सुरेंद्र जैन/धरसींवा 

    कलेक्टर साहब एक नजर इन दो नाबालिग बेटियों पर भी दौड़ाइये जिनकी मां ने भागकर दूसरी शादी कर ली और पिता ने भी साथ छोड़ दिया अब यह अनाथों की तरह नानी के साथ पुलिस की शरण मे न्याय की गुहार लगाने आये थे क्योकि निजी स्कूल की फीस देने दस हजार रुपये न होने से न तो इनकी अंकसूची मिल रही न टीसी।

    यह पूरा मामला धरसींवा के चरोदा गांव का जहां रहने वाली श्रीमती सीमा यादव ने अपनी बेटी मधु यादव की शादी पन्द्रह साल पहले सिलतरा की फेक्टरी में काम करने वाले झारखण्ड निवासी  संजय यादव से की थी

   मधु ओर संजय की शादी के बाद दोनों की दो बेटियां हुई लेकिन बेटियां होने के कुछ समय बाद ही मधु यादव अपने पति संजय को छोड़कर कहीं चली गई बाद में पता चला कि उसने दूसरी शादी कर ली इधर अपनी पत्नी मधु के भागने के बाद उसके पति संजय ने भी दोनों बेटियों से अघोषित रूप से  नाता तोड़ लिया और दोनों बेटियों को उनकी नानी के पास छोड़कर चलता बना अब एक तरफ जहां मां ने भागकर दूसरी शादी कर ली तो वही पिता ने भी हाथ उठा दिए तो बच्चियों के पास कोई सहारा नहीं रहा नानी के घर के नाना तो थे नहीं बस एक नानी वो भी बेरोजगार गरीब आखिर बेटी की बेटियों को पाले भी तो कैसे

    *जब तक मौसी जीवित रही पालती रही*

     मातपिता के जीवित होते हुए भी अनाथों की तरह जीवन जी रही दोनो नाबालिग बेटियों की एक मौसी थी जो बैंक में नोकरी करती थी जब तक वो जीवित रही तब तक उसने अपनी कमाई से अपनी मां और अपनी बहिन की बेटियों का लालन पालन किया प्राइवेट स्कूल में पढ़ाया लेकिन इन नाबालिग बेटियों के सर से मौसी का छाया भी उठ गया अब बेरोजगार बुजुर्ग नानी पालन पोषण  करे भी तो कैसे अंततः उसने पुलिस की शरण ली

   *दस हजार न देने के चलते स्कूल से नहीं मिल रहा*

    नाबालिग बेटियों की नानी श्रीमती सीमा यादव ने बताया कि दोनों बेटियों की पढ़ाई निजी स्कूल में चल रही थी जिसका खर्च बच्चियों की मौसी उठाती थी लेकिन बीते साल वो भी दुनिया को अलविदा कह गई बर्तमान में दोनों बेटियों की निजी स्कूल की फीस दस हजार रुपये बकाया है दस हजार बकाया चुकाएंगे तब निजी स्कूल से बच्चियों को टीसी व अंकसूची मिलेंगी

  *पुलिस से न्याय की गुहार*

  दोनो नाबालिग बेटियों ने मंगलबार को अपनी नानी के साथ पुलिस थाना धरसींवा की शरण ली और अपने मातपिता की इस कार्यशैली को बताते हुए  पुलिस से मदद की गुहार लगाई

   हालांकि टीआई के जनसुनवाई में व्यस्त होने के चलते इस मामले में पुलिस क्या कार्यवाही करेगी यह जानकारी उनसे नहीं मिल सकी

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