*अविवादित बंटवारा,नामांतरण,बटांकन, सीमांकन सहित विभिन्न राजस्व मामले का शीघ्र निबटारा हों*
*अविवादित बंटवारा,नामांतरण,बटांकन, सीमांकन सहित विभिन्न राजस्व मामले का शीघ्र निबटारा हों*
*राजनीतिक दखलंदाजी एवं बिचौलिए की दलाली भी बंद करें ---टीकम चन्द साहू*
नवापारा राजिम
-उप तहसील, तहसील एवं अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) कार्यालय में आए दिन भीड़ देखने को मिलती है । एक अविवादित राजस्व प्रकरण के लिए भी दिन-प्रतिदिन लोगों की आवाजाही लगातार लगे रहती है और इसी आशा लिए हरेक पेशी में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने हर पखवाड़े महिने दिन के अन्दर आवेदक अपने कागजात का पुलिंदा लिए अपने सारे अन्य आवश्यक कार्यों को छोड़कर निर्धारित कोर्ट में नियत तिथि को उपस्थित हो जाता है । और यही नहीं दिन भर कोर्ट के बाहर पुकार के इंतजार अपना दिन खराब करके पंजी में हाजिरी का दस्तक करके वापस घर जाता है ऐसे सैंकड़ों राजस्व के अविवादित प्रकरण उप तहसील,तहसील और एसडीएम के न्यायालय में लम्बित हैं ।
ऐसे अविवादित बंटवारा,नामांतरण, सीमांकन,डायवर्सन,भू-अभिलेख दुरूस्ती एवं शुद्धिकरण तथा नक्शा बटांकन के अनेक मामलों को लेकर भाजपा नेता टीकम चन्द साहू ने रायपुर संभाग के कमिश्नर एम डी कांवरे से मिलकर यथाशीघ्र निर्धारण संबंधित अनुविभागीय अधिकारी एवं तहसीलदार को निर्देश करने का आग्रह किया है। साथ ही भू-अर्जन के मुआवजे का शीघ्र भुगतान,नगर में अवैध कालोनियों के निर्माण तथा ग्रामीण क्षेत्रों में घास भूमि एवं सम्मिलित चारागाह भूमि पर अवैध अतिक्रमण चाहे वह गृह निर्माण हो या खेत बाड़ी का निर्माण ऐसे मामलों का सर्वे करवा कर बेदखली का आदेश जारी किए जाने। एवं अवैध मुरूम,रेती उत्खनन पर रोक लगा उचित कार्यवाही कर सम्बंधित गाड़ियों का राजशात करने की कार्यवाही करवाने का दिशा-निर्देश विभागीय अधिकारियों को देने का अनुरोध टीकम चन्द साहू के द्वारा किया गया।
श्री साहू ने कहा कि बिचौलिए की भूमिका भी बंद हो बिना लेन-देन के दलाल की सक्रियता के बगैर अविवादित मामले का एक निर्धारित समयावधि में निबटारा हों तथा अनावश्यक रूप से राजनीतिक दखलंदाजी भी बंद होनी चाहिए। हरेक छोटे-छोटे उचित और वैध कार्यों के लिए आम लोगों को विधायक एवं सांसद के कार्यालयों का चक्कर न लगाना पड़े ऐसे ब्य्वस्था को दुरूस्त की जाए । पटवारी, राजस्व निरीक्षक पर भी यथासंभव अंकुश लगनी चाहिए। जन सम्पर्क से पता चलता है कि 12 एकड की जमीन के बंटवारे के लिए चार भाईयों ने मिलकर पटवारी को अस्सी हजार रूपये दिए ये अनुचित है। ऐसे प्रकरणों पर रोक लगना चाहिए।