अंचल में पोला का पर्व मनाया हर्षोल्लास से
अंचल में पोला का पर्व मनाया हर्षोल्लास से
आरंग
अंचल में पोला का पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। प्रातः से ही बच्चे मिट्टी से निर्मित नंदी बैल चलाने उत्साहित दिखे।पोला के दिन बैलों को साफ सुथरा कर उसे आकर्षक ढंग से सजाया जाता है। गेहूं के आटे से निर्मित लोंदी खिलाया जाता।इस दिन विशेष रूप से बैलों की पूजा होती है।कहीं कहीं बैल दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन भी होता है।
आरंग सामाजिक कार्यकर्ता महेन्द्र पटेल बताते हैं
पोला पर्व के दौरान बैलों का सम्मान किया जाता है और उन्हें आकर्षक ढंग से सजाया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह त्योहार बैलों के प्रति लोगों की श्रद्धा और उनके महत्त्व को दर्शाता है। बैल, जो खेती के काम में मुख्यतः उपयोग होते हैं, किसानों के लिए किसी खजाने से कम नहीं होते। इसलिए, पोला के दिन इन बैलों की विशेष देखभाल की जाती है, उन्हें स्नान कराकर साफ-सुथरा किया जाता है, और उनकी सींगों को रंगीन कपड़ों और फूलों से सजाया जाता है।पशुओं के प्रति इस संवेदनशीलता और सम्मान को जागरूकता में बदलने का यह प्रयास पशु संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। पोला का यह संदेश लोगों को प्रेरित करता है कि वे अपने पशुओं की देखभाल सही ढंग से करें और उनके स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। यह पर्व बैलों की अहमियत को समझने और उनके प्रति प्रेम और सम्मान की भावना को बढ़ावा देता है, जो अंततः पशु संरक्षण को प्रोत्साहित करता है। वहीं नपा क्षेत्र आरंग के अवंति बाई चौक में सर्वयादव समाज द्वारा सामूहिक रूप से यादव समाज के सामुदायिक भवन के पास निर्मित नंदी की भव्य प्रतिमा की सामूहिक रूप से पूजा अर्चना कर भोग लगाया गया। साथ ही सुसज्जित बैलों की पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर सर्वयादव समाज के पदाधिकारियो सहित बड़ी संख्या में यादव समाज व नगर वासियों की उपस्थिति रही।