*ब्रह्माकुमारीज संस्थान के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा का 148 वां जन्मदिवस बड़े धूम धाम से मनाया*
*ब्रह्माकुमारीज संस्थान के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा का 148 वां जन्मदिवस बड़े धूम धाम से मनाया*
मंडला –
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा का 148 वां जन्मदिवस बड़े धूम धाम और हषोल्लास के साथ मनाया गया। यह कार्यक्रम बस स्टैंड के पीछे स्थित स्थानीय सेवाकेंद्र विश्व शांति भवन में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में मंडला क्षैत्रीय संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी ममता दीदी, सुभाष वार्ड सेवाकेंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी ओमलता दीदी, नैनपुर सेवाकेंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी लक्ष्मी बहन, निवास सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी शिवकुमारी बहन और ब्रह्माकुमार भाई बहनें उपस्थित रहे।
सर्वप्रथम सुबह मुरली क्लास हुई। बाबा को भोग लगाया गया।
राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी ममता दीदी ने प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की जीवनी में प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रजापिता ब्रह्मा बाबा का लौकिक नाम लेखराज कृपलानी था एवं उनका जन्म 15 दिसंबर 1876 को सिन्ध, हैदराबाद (वर्तमान समय पाकिस्तान में) पिता खूबचंद कृपलानी के घर में हुआ था, जो की एक ग्रामीण पाठशाला के हेडमास्टर थे। लेखराज की माँ का देहान्त, उनकी अल्पायु में ही हो गया था। करीबन २० साल की आयु में पिता खूबचंद का भी देहान्त हुआ, जिसके बाद लेखराज ने कुछ वर्ष अपने काका की अनाज़ की दूकान पर काम किया। बड़े होकर उन्होंने हीरे परखने की, जवेरी की कला सीखी और समय के साथ कलकत्ता के नामचीन हीरे के व्यापारी बन गए। उनका व्यापार मुंबई तक भी पंहुचा। समाज में भी उनका बड़ा मान था, व उनको लोग आदर से लखी बाबू कहते थे। जब उनकी आयु ६० साल के करीब रही होंगी, तो परमात्मा (शिव बाबा) में उन्हें कुछ साक्षात्कार करवाए। गहरी आध्यात्मिक समझ और साक्षात्कारों की श्रृंखला के पश्चात् उन्होंने एक सशक्त आकर्षण को महसूस किया और अपने व्यवसाय को समेट कर अपना समय, शक्ति और धन को इस विद्यालय की स्थापना अर्थ खर्च किया जो बाद में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय बना।
तत्पश्चात केक कटिंग हुआ। सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। इसके बाद सभी ने ब्रह्माभोजन किया।
इसके बाद प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य पर दोपहर 2 बजे से सुभाष वार्ड स्थित स्थानीय सेवाकेंद्र से रैली निकाली गई। यह रैली सुभाष वार्ड सेवाकेंद्र से प्रारंभ होकर सुभाष वार्ड के सभी मार्गों से होते हुए सुभाष वार्ड सेवाकेंद्र में संपन्न हुई।
सेवाकेंद्र में कार्यक्रम हुआ, जहां केक कटिंग किया गया, सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। उसके बाद सभी को भोग दिया गया।