*ब्रह्माकुमारीज मंडला द्वारा स्थानीय सेवाकेंद्र "विश्व शांति भवन" में विश्व ध्यान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम सम्पन्न*
*ब्रह्माकुमारीज मंडला द्वारा स्थानीय सेवाकेंद्र "विश्व शांति भवन" में विश्व ध्यान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम सम्पन्न*
मंडला
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय मंडला के द्वारा प्रथम "विश्व मेडिटेशन डे" पर कार्यक्रम किया गया। यह कार्यक्रम बस स्टैंड के पीछे स्थित स्थानीय सेवाकेंद्र "विश्व शांति भवन" में किया गया।
इस कार्यक्रम में मंडला क्षैत्रीय संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी ममता दीदी, सुभाष वार्ड सेवाकेंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी ओमलता दीदी, शिक्षिका एवं संचालिका बहन प्रीति दुबे, पतंजलि योगपीठ से भ्राता सुनील बाली, भ्राता रामगोपाल यादव, ब्रह्माकुमार भाई बहनों सहित स्थानीय लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत परमपिता परमात्मा की याद से किया गया। ब्रह्माकुमारी शिवकुमारी बहन एवं बीके ज्योति बहन ने मंचासीन अतिथियों का तिलक वंदन कर गुलदस्ते देकर स्वागत किया।
ब्रह्माकुमारी ओमलता दीदी ने सभी मंचासीन अतिथियों का शब्दों के द्वारा स्वागत किया और बताया कि इस कार्यक्रम का विषय "आंतरिक शांति और वैश्विक सद्भाव" है।इस कार्यक्रम में बताया कि ब्रह्माकुमारीज संस्थान द्वारा प्रतिदिन लाखों लोग राजयोग ध्यान करते हैं। ध्यान करने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ अच्छा रहता है।
बहन प्रीति दुबे ने विश्व ध्यान दिवस पर कहा कि सभी को ध्यान करना बहुत जरूरी है। और कहा की ब्रह्माकुमारीज सेंटर में सिखाए जाने वाले ध्यान योग को अवश्य सीखना चाहिए।
भ्राता सुनील बाली जी ने सभी को ध्यान योग करने और दूसरों को भी जागरूक करने के लिए प्रेरित किया
ध्यान योग करने के लिए हमें अपने खान पान और दिनचर्या को भी सुधारना अति आवश्यक है।
भ्राता रामगोपाल यादव जी ने सभी को विश्व ध्यान दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारीज द्वारा 140 देशों में राजयोग का अभ्यास प्रतिदिन कराया जाता है और आगे भी ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा राजयोग ध्यान को5 बढ़ावा मिलेगा।
राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी ममता दीदी ने बताया कि राजयोग ध्यान के माध्यम से आंतरिक सुख शांति प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही राजयोग ध्यान के 4 स्तंभ हैं ब्रह्मचर्य, शुद्ध अन्न, दैवी गुण और सत्संग। इन सभी से हमारा जीवन कमल पुष्प समान होता है।
इसके साथ दीदी ने सभी को ब्रह्माकुमारीज संस्थान द्वारा सिखाए जाने वाला राजयोग़ अभ्यास कराया। सभी राजयोग करके बहुत आनंदित हुए। सभी ने राजयोग ध्यान करने की प्रतिज्ञा भी की।इसके बाद सभी अतिथियों को ईश्वरीय सौगात दी गई।