सामूहिक मुंडन: नवा रायपुर मे अपनी मांगो पर धरना मे बैठे शिक्षकों से मिलने, कोई नहीं पहुंचने पर, सामूहिक मुंडन होकर पुरुष और महिला बीएड सहायक शिक्षकों की न्याय की अंतिम पुकार - fastnewsharpal.com
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सामूहिक मुंडन: नवा रायपुर मे अपनी मांगो पर धरना मे बैठे शिक्षकों से मिलने, कोई नहीं पहुंचने पर, सामूहिक मुंडन होकर पुरुष और महिला बीएड सहायक शिक्षकों की न्याय की अंतिम पुकार

सामूहिक मुंडन: नवा रायपुर मे अपनी मांगो  पर धरना मे बैठे शिक्षकों से मिलने, कोई नहीं पहुंचने पर, सामूहिक मुंडन होकर पुरुष और महिला बीएड सहायक शिक्षकों की न्याय की अंतिम पुकार


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नवा रायपुर-

, राजधानी रायपुर के धरना स्थल पर इतिहास रचने वाला दृश्य देखने को मिलेगा। अपनी सेवा सुरक्षा और भविष्य के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हजारों पुरुष और महिला बीएड सहायक शिक्षक सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए सामूहिक मुंडन करेंगे।


पुरुषों के साथ महिलाएं भी करेंगी मुंडन:



इस आंदोलन में पुरुष शिक्षकों के साथ-साथ महिला शिक्षिकाएं भी अपनी पहचान और आत्मसम्मान का बलिदान देने को तैयार हैं। शिक्षिकाओं का कहना है कि यह कदम उनके संघर्ष की गंभीरता को दर्शाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह केवल बालों का त्याग नहीं, बल्कि उनके भविष्य के लिए एक गहरी पीड़ा और न्याय की आवाज है।


अनुनय यात्रा से सामूहिक मुंडन तक:



14 दिसंबर को अंबिकापुर से रायपुर तक पैदल अनुनय यात्रा शुरू की गई थी, जो रायपुर पहुंचने के बाद 19 दिसंबर से धरने में बदल गई। इस दौरान शिक्षकों ने सरकार और जनप्रतिनिधियों को अपनी पीड़ा सुनाने के लिए आमंत्रण पत्र भी भेजे, लेकिन अब तक सरकार की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया।


एक महिला शिक्षिका का सवाल:



"हमने सरकार की शर्तों का पालन कर बीएड की पढ़ाई पूरी की, पात्रता परीक्षा पास की, और बच्चों को शिक्षा देने का काम शुरू किया। अब हमारी योग्यता को ही अमान्य ठहराया जा रहा है। क्या शिक्षकों का भविष्य इस तरह असुरक्षित रहेगा?"


धरना स्थल पर आज का दृश्य:






आज दोपहर 2:00 बजे से महिला शिक्षिकाएं और सुबह 10:00 बजे से पुरुष शिक्षक सामूहिक मुंडन करेंगे। इस दौरान उनकी पीड़ा और गुस्सा धरना स्थल पर साफ झलकेगा। शिक्षकों ने इसे "न्याय की अंतिम पुकार" का नाम दिया है।


मुख्यमंत्री से अपील:



"मुख्यमंत्री जी, क्या हमारा संघर्ष और बलिदान भी अनदेखा किया जाएगा? हम न्याय मांग रहे हैं, दया नहीं। हमारा भविष्य सुरक्षित करना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है।"


आंदोलन जारी रहेगा:

शिक्षकों ने स्पष्ट किया है कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लेती, तब तक उनका आंदोलन और तेज होगा।


मांगें:


 बीएड धारकों की सेवा सुरक्षा सुनिश्चित की जाए एवं उनका समायोजन किया जाए।

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