*धरना का 100वाँ दिन--क़ैदियों के वेश में बेड़िया पहनकर सड़क पर उतरे सहायक शिक्षक*
*धरना का 100वाँ दिन--क़ैदियों के वेश में बेड़िया पहनकर सड़क पर उतरे सहायक शिक्षक*
*बर्ख़ास्त बीएड प्रशिक्षित शिक्षकों ने मनाया शहीद दिवस*
*भाठागांव से भगतसिंह चौक तक निकाली विशाल रैली*
*भगत सिंह, सुखदेव तथा राजगुरु की वेशभूषा में माँगा समायोजन*
रायपुर
रविवार को रायपुर भाठागांव बस स्टैंड पर बर्ख़ास्त बी.एड. प्रशिक्षित सहायक शिक्षक क़ैदियों के वेश में जंजीरों में जकड़े नज़र आये। दरअसल 23 मार्च को महान क्रांतिकारी भगतसिंह, सुखदेव तथा राजगुरु के बलिदान पर शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। क्रांतिकारियों की वेश-भूषा में बर्ख़ास्त शिक्षकों ने शहीद दिवस पर भाठागांव बस स्टैंड से भगतसिंह चौक तक विशाल रैली निकाली तथा बलिदानी भगतसिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए शहीदों को श्रद्धाजंलि अर्पित की।
*तपती सड़क पर नँगे पाँव चले बी.एड. के क्रांतिकारी*
देश की आज़ादी के लिए प्राण न्योछावर कर देने वाले शहीद भगतसिंह युवाओं के प्रेरणास्त्रोत हैं। बी.एड. के क्रांतिकारी नौजवान भी उन्हीं की प्रेरणा से भगतसिंह, सुखदेव तथा राजगुरु के भेष में बेड़ियाँ पहने तपती गर्म सड़क पर नँगे पाँव चलते रहे।
*समायोजन की माँग को लेकर संघर्षरत शिक्षकों का आज 100वाँ दिन*
दिनाँक 14 दिसम्बर से तूता धरनास्थल पर समायोजन की माँग को लेकर डटे बीएड प्रशिक्षित बर्ख़ास्त सहायक शिक्षकों के संघर्ष को आज 100 दिन पूरे हो गए। शासन के द्वारा अब तक कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया है। गौरतलब है कि बीएड शिक्षकों की समस्या के निराकरण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमिटी गठित की गई है। लेकिन गठन के 3 माह बाद भी यह कमिटी अब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकाल पाई है।
*संघर्ष से समायोजन तक जारी रहेगा सफ़र*
इन शिक्षकों की नियुक्ति व्यापम द्वारा आयोजित परीक्षा के माध्यम से पूरे नियमों के तहत हुई थी। एन.सी.टी.ई. की चूक तथा नियमों में अप्रत्याशित बदलाव की वजह से इनकी नौकरी चली गयी। बर्ख़ास्त शिक्षकों का कहना है कि राज्य में हज़ारों पद रिक्त हैं जहाँ योग्यतानुसार इनका समायोजन किया जा सकता है। पिछले 3 महीनों से ये शिक्षक तूता धरना स्थल पर अनूठे प्रदर्शनों के माध्यम से सरकार से सेवा-सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं, तथा समायोजन की माँग पूरी होने पर ही आंदोलन को समाप्त किया जाएगा।