साहित्यकारों ने दी पं. सुरेंद्र दुबे को श्रद्धाञ्जली-----
साहित्यकारों ने दी पं. सुरेंद्र दुबे को श्रद्धाञ्जली-----
राजिम
जाने माने हास्य कवि,पद्मश्री डॉ सुरेंद्र दुबे जी को त्रिवेणी संगम साहित्य समिति राजिम नवापारा जिला गरियाबंद के साहित्यकारों ने अपनी-अपनी रचनाओं के द्वारा भाव भीनी अश्रुपूरित श्रद्धाञ्जली दिया गया|
कार्यक्रम का आयोजन त्रिवेणी संगम साहित्य सदन पथर्रा वार्ड नम्बर 15 में किया गया,कार्यक्रम का शुभारंभ माँ शारदे के तैलचित्र के आगे दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया, कार्यक्रम की अध्यक्षता सभा को संबोधित करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार मोहनलाल मानिकपन, "भावुक" ने कहा कि, दुबे जी हास्य के पर्याय थे, जिन्होंने अपनी अदाओं से लाखों लोगों को हँसाया है|कवि मकसुदन साहू,"बरीवाला" अध्यक्ष ने पंडित सुरेंद्र दुबे जी के निधन को छत्तीसगढी साहित्य के लिए अपुरणीय क्षति बताते हुए अपनी श्रद्धाञ्जली अर्पित किया, तो कवि एवं शिक्षक श्रवण कुमार साहू "प्रखर" ने कहा कि साहित्य के साथ जीवन कैसा जीया जा सकता है,यह जानना है तो हमें पंडित सुरेंद्र दुबे जी के व्यक्तित्व को समझना होगा, कवि रोहित साहू, माधुर्य ने उनकी रचनाओं को याद करते हुए कहा कि दुबे जी की मंचीय प्रस्तुति अपने आप में काफी अद्भुत थी|समिति अंकेक्षक कोमल सिंह साहू ने अपनी कविताओं के माध्यम से दुबे जी को याद किया,तो कवि भारत लाल साहू एवम युगल किशोर साहू ने अपनी अपनी लाजवाब प्रस्तुति के माध्यम से खूब शमा बाँधा, कार्यक्रम के अंत में उपस्थित साहित्यकारों ने दो मिनट का मौन धारण कर आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना किए|कार्यक्रम का संचालन रोहित माधुर्य ने किया,आभार युगल किशोर साहू ने व्यक्त किया|