*राजिम के सक्षम दिव्यांग में स्वतंत्रता दिवस पर विभिन्न रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमो का हुआ आयोजन*
*राजिम के सक्षम दिव्यांग में स्वतंत्रता दिवस पर विभिन्न रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमो का हुआ आयोजन*
राजिम
*सक्षम दिव्यांग आवासीय विद्यालय राजिम जिला गरियाबंद में संस्था प्रमुख आर जी सिन्हा के मार्गदर्शन में 79 वां स्वतंत्रता दिवस दिवस बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया । सर्वप्रथम कार्यक्रम का शुभारंभ महान पुरुषों के चित्र पर माल्या अर्पण कर ध्वजारोहण के साथ राष्ट्रगान का गुंजन करते हुए देश भक्ति के जयकारों के साथ शहीदों को याद किया गया । इस शुभ अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में देवेंद्र कोठारी, सोहन वर्मा, डिकेश्वर शर्मा, डिगेश्वर देवांगन, मधु दादा तथा जीआर ध्रुव सर जी की उपस्थिति रही । तत्पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना कर समस्त अतिथियों का बैच व तिलक लगाकर स्वागत गीत के साथ कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया जिसमें दिव्यांग स्कूल के दृष्टि बाधित बच्चों ने अपने देशभक्ति की भावना को व्यक्त करते हुए अपने मधुर स्वरों के साथ वीर शहीदों को याद किया एवं श्रवण बाधित बच्चों ने अपने कला से नृत्य करते हुए उपस्थित अतिथियों एवं दर्शकों का मन मोहने वाला कार्यक्रम प्रस्तुत किया तत्पश्चात समस्त अतिथियों के द्वारा उद्बोधन दिया गया जिसमें हमारे भूतपूर्व सरपंच सोहन वर्मा जी ने बच्चों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामना देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना के साथ उनके लिए स्वल्पाहार स्वरूप समोसे और चॉकलेट की व्यवस्था कर सभी को बधाइयां दी । डिगेश्वर शर्मा जी ने बच्चों को आशीर्वचन स्वरूप उनको प्रोत्साहित करते हुए उनके लिए उनके हौसलों एवं जज्बों की सराहना की । जी आर ध्रुव जी ने सबको स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी । डिगेश्वर शर्मा जी ने अपने शब्दों से यहां दिव्यांग स्कूल के बच्चों के साथ-साथ इन बच्चों के पीछे कार्य करने वाले सभी कर्मचारी को बधाई देते हुए उनके प्रति अपने भावना प्रकट किया । मधु दादा ने सभी बच्चों को आज के दिवस की शुभकामनाएं देते हुए सबके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए सभी शिक्षकों का ऐसे ही निरंतर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया । तत्पश्चात प्रधान पाठक उमेश्वरी साहू ने 15 अगस्त की शुभकामनाएं सभी बच्चों को दिया और एक संदेश देते हुए कहा कि "देशभक्ति की भावना को प्रकट करने का यह विशेष दिन तथा अपने राष्ट्रीय कर्तव्य को व्यक्त करने का दिन है साथ ही अपने शब्दों में दो शब्द शामिल करते हुए कहा - "ना तेरा ना मेरा ना इसका ना उसका, यह वतन है हम सबका.. संभालो इसे इस तरह हम सब मिलकर देश के हित में कार्य कर सकते हैं करके एकता का संदेश देते हुए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया । इस कार्यक्रम में सभी विशेष शिक्षक, ढलेन्द्र दास मानिकपुरी, अनिल मानिकपुरी, सुधा साहू, संजय शुक्ला, कमलकांत एवं सहायक कर्मचारी रुक्मणी ध्रुव, तारिणी निषाद,हितेश्वरी ध्रुव, डिगेश्वरी विश्वकर्मा, अन्ना वर्मा शीतल साहू, लुपेंद्र साहू उपस्थित रहे* ।