सरस्वती शिशु मंदिर में हुआ अभिभावक सम्मेलन - fastnewsharpal.com
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सरस्वती शिशु मंदिर में हुआ अभिभावक सम्मेलन

 सरस्वती शिशु मंदिर में हुआ अभिभावक सम्मेलन 



गरियाबंद

श्री भूतेश्वर नाथ  बाल संस्कार समिति द्वारा संचालित नगर के एकमात्र संस्कारमय वातावरण से युक्त सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गरियाबंद में  दिनांक 20/09/2025 (दिन शनिवार) को कक्षा षष्ठ से द्वादश तक के अभिभावकों का सम्मेलन आयोजित हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में मनोज चंद्राकर जी ( गरियाबंद संकुल प्रभारी), विशिष्ट अतिथि  विजय कुमार सिन्हा जी (शिक्षक),  गजेंद्र कुमार साहू जी (ब्लाक नोडल अधिकारी),श्रीमती हेमिन निर्मलकर (शिक्षक) , अध्यक्षता सत्य प्रकाश मानिकपुरी जी (व्यवस्थापक) और  चैन सिंह बघेल जी (प्राचार्य ) उपस्थित रहें। 



कार्यक्रम का संचालन गोविंद किशोर सिन्हा जी ने किया। प्राचार्य जी द्वारा इस सम्मेलन का उद्देश्य पर प्रकाश डाला। पालकों द्वारा भैया /बहनों के समय पर विद्यालय आगमन और अवकाश होने पर पालकों का हस्ताक्षर अनिवार्य हो। विद्यालय में होने वाले विभिन्न कार्यक्रम की जानकारी,  तथा मूल्यांकन  परीक्षा की जानकारी होनी चाहिए। पढ़ाई के अलावा भैया/ बहनों की रुचि और आचार्य संपर्क में जाने पर आत्मीय व्यवहार हो, बच्चों के सर्वांगीण विकास में पालक ,शिक्षक और आचार्य की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, विद्यालय में पढ़ाई के अलावा बच्चों में राष्ट्र प्रेम, सांस्कृतिक बोध तथा अध्यात्मिक ज्ञान का भाव जागृत किया जाता है। तथा बालकों का आयु18 वर्ष से कम होने पर वाहन का प्रयोग ना करें। इन सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर पालकों से  चर्चा किया गया। अभिभावकोंं द्वारा संस्कार देने का एकमात्र विद्यालय सरस्वती शिशु मंदिर ही है,हमारे बच्चे यहां पढ़ाई कर रहे हैं, हम गर्व महसूस करते हैं। आचार्य/ दीदी के निस्वार्थ सेवा कार्य की सराहना किया। मुख्य अतिथि मनोज चंद्राकर जी ने बच्चों के प्रथम गुरु मां को कहा है और मां की दैविक शक्ति का वर्णन कविता के माध्यम से किया। विशिष्ट अतिथि गजेंद्र कुमार साहू जी ने कहा कि आधुनिक काल तकनीकी शिक्षा का है, मोबाइल का उपयोग समय अनुसार पढ़ाई के लिए करें,इनका दुरुपयोग ना करें। विशिष्ट अतिथि विजय कुमार सिन्हा जी ने हिंदी को श्रेष्ठ भाषा कहा ,और गरियाबंद जिले का वर्णन कविता के माध्यम से किया। पालकों को भी बच्चों के क्रियाकलापों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। कार्यक्रम का आभार विद्यालय के प्राचार्य जी ने किया, बच्चों के परवरिश में शत् -प्रतिशत योगदान माता का ही होता है। माता की शक्ति अतुलनीय है। कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के समस्त आचार्य/ दीदी और समिति परिवार का विशेष योगदान रहा है।

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