राज्य स्तरीय काव्य गोष्ठी में कवियों ने बांधा समां
राज्य स्तरीय काव्य गोष्ठी में कवियों ने बांधा समां
"कविता की औरत" उपन्यास का हुआ विमोचन
रायपुर
छत्तीसगढ़ उर्दू तंजीम के तत्वावधान में दीपावली मिलन समारोह के अवसर पर रायपुर के वृंदावन हॉल में राज्य स्तरीय कवि गोष्ठी का आयोजन हुआ। जिसमें राज्य भर के शायरों और कवियों को आमंत्रित किया गया।इस मौके पर अनेक गजलकारो ,शायरों और कवियों की एक से बढ़कर एक शेर, शायरी, गजलो और गीत कविताओं ने जमकर तालियां बटोरी।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. राजाराम त्रिपाठी हर्बल वैज्ञानिक माँ दंतेश्वरी हर्बल ग्रुप के सस्थापक कोंडागांव रहे। अध्यक्षता जयंत थोरात वरिष्ठ साहित्यकार, चिंतक एवं पूर्व डीआईजी रायपुर ने किया।वहीं विशिष्ट अतिथि धनवेंद्र जयसवाल भूतपूर्व राज्य सूचना आयुक्त रायपुर, डॉक्टर चितरंजन कर वरिष्ठ साहित्यकार एवं भाषाविद तथा पारसनाथ साहू किसान नेता व संरक्षक पीपला वेलफेयर फाउंडेशन छत्तीसगढ़ रहे।इस अवसर पर सुप्रसिद्ध कवयित्री अरूणा हिन्दुस्तानी द्वारा लिखित उपन्यास "कविता की औरत" का विमोचन किया गया। सभी अतिथियों ,शायरों और कवियों ने अरूणा हिन्दुस्तानी द्वारा महिलाओं पर लिखी उपन्यास की जमकर सराहना करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी। गोष्ठी में कवियो और खासकर उर्दू शायरों की शेर शायरी और गजलो ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं आरंग के कवि महेन्द्र कुमार पटेल की मोबाइल पर छत्तीसगढ़ी रचना ने जमकर तालियां बटोरी। छत्तीसगढ़ उर्दू तंजीम के संस्थापक गौहर जमाली मां सौतेली ही सही,राम की भाषा बोल, पुरन जायसवाल पलारी की रचना जख्म कैसा भी हो मेरे यारों, वक्त रहते दवा जरूरी है। कवयित्री नूरुस्सबाह "सबा" की क़र्ज़ में डूबकर किसान अपनी ज़िन्दगी को भी वार देता है ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
सभी ने राज्य स्तरीय काव्य गोष्ठी आयोजन की जमकर तारीफ किए। कार्यक्रम का संचालन उर्दू शायराना अंदाज में श्रीमती नूरुस्सबाह शबा खान ने किया। जिसे जमकर सराहना मिली। गोष्ठी में रायपुर के जाने-माने शायर आर. डी. अहिरवार,मोहम्मद यूशा, आलिम नक़वी, सफ़दर अली, शिज्जू शक़ूर, इरफ़ानुद्दीन इरफ़ान, दूरदर्शन व आकाशवाणी के केजुवल अनाउंसर शशांक खरेऔर राजनांदगाव के शायर अब्दुल सलाम कौसर ने भी अपनी गीत गज़लों से सबको मन्त्र मुग्ध कर दिया।इस अवसर पर पीपला वेलफेयर फाउंडेशन आरंग के संयोजक महेन्द्र कुमार पटेल,, समाजसेवी जनक आवडे, प्रीति रानी तिवारी सहित बड़ी संख्या में कवियों की उपस्थिति व सहभागिता रही।

