मारा गया हिडमा--नक्सलियों के सबसे शीर्ष कमेटी है सेंट्रल कमेटी,देश का सबसे ख़ूँख़ार सेंट्रल कमेटी का मेंबर मारा गया हिडमा एक करोड़ का इनामी नक्सली था हिडमा चालीस लाख की इनामी नक्सली थी पत्नी दोनों मारे गए
मारा गया हिडमा--नक्सलियों के सबसे शीर्ष कमेटी है सेंट्रल कमेटी,देश का सबसे ख़ूँख़ार सेंट्रल कमेटी का मेंबर मारा गया हिडमा एक करोड़ का इनामी नक्सली था हिडमा चालीस लाख की इनामी नक्सली थी पत्नी दोनों मारे गए
गरियाबंद
स्पेशल रिपोर्ट — धरती हिला देने वाला ऑपरेशन, खूंखार हिड़मा की कथित मौत से कांपा नक्सली कैंप
आख़िर कौन था हिड़मा?”
वही नाम जिसे सुनकर सुरक्षा बल सतर्क हो जाते थे, और बस्तर के जंगल दहक उठते थे।
वही चेहरा जो 35 साल तक नक्सलियों की हिंसा, खूनी रणनीतियों और बड़े हमलों का मास्टरमाइंड रहा।
हिड़मा का अंत? छत्तीसगढ़-आंध्र बॉर्डर पर मुठभेड़ में मारे जाने की खबर
बस्तर के कुख्यात कमांडर माड़वी हिड़मा, माओवादी संगठन की सेंट्रल कमेटी का सबसे युवा और सबसे ख़तरनाक सदस्य, के मारे जाने की खबर ने पूरे नक्सल नेटवर्क को हिला दिया है।
हालांकि आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है, लेकिन मुठभेड़ स्थल से हिड़मा और उसकी पत्नी राजे की लाश होने के संकेत मिले हैं। तस्वीरें भी सामने आई हैं।
इसी मुठभेड़ में चेलियुरी नारायणा और नक्सली टेक शंकर समेत कुल 6 नक्सली ढेर।
मुठभेड़ आंध्र–छत्तीसगढ़ बॉर्डर के घने जंगलों में हुई।
बस्तर में दूसरी बड़ी मुठभेड़ – एर्राबोर में 6 नक्सली ढेर
उधर सुकमा के एर्राबोर थाना क्षेत्र में भी सुबह से फायरिंग जारी रही।
DRG की जवाबी कार्रवाई में 6 नक्सली ढेर कर दिए गए।
रात में मिली सटीक सूचना पर जवानों ने इलाके को घेरा।
सुबह नक्सलियों ने अचानक हमला किया, पर मोर्चा संभालने वाले जवानों ने उनका सफाया कर दिया।
हिड़मा – 1 करोड़ का इनामी, 26 बड़े हमलों का खूनी मास्टरमाइंड
35 साल से जंगलों में सक्रिय हिड़मा ने माओवादी संगठन में सबसे तेज़ी से रैंक पाई।
दुबले-पतले शरीर और छोटे कद वाले इस आदिवासी लड़ाके ने इतना बड़ा हथियार उठाया कि पूरे दण्डकारण्य में उसका नाम भय बन गया।
उसके सबसे कुख्यात कारनामे
2010 – ताड़मेटला हमला
CRPF के 76 जवान शहीद, हिड़मा था ऑपरेशन का मास्टरमाइंड।
2013 – दरभा/झीरम घाटी नरसंहार
कांग्रेस नेताओं समेत 31 लोग मारे गए।
2017 – बुरकापाल हमला
CRPF के 25 जवान शहीद। हिड़मा की अगुवाई में हमला।
26 बड़े हमलों में सीधा हाथ, जंगल में AK-47 के साथ चलता था, चार लेयर की सुरक्षा घेरे में रहता था।
बस्तर का अकेला माओवादी नेता जो सेंट्रल कमेटी तक पहुंचा।
सबसे युवा शीर्ष नेता।
1 करोड़ का इनामी।
लगातार तीसरे बड़े ऑपरेशन में बड़ी सफलता
सिर्फ 48 घंटे पहले
✔ भेज्जी–चिंतागुफा क्षेत्र में 3 नक्सली मारे गए
✔ 15 लाख के इनामी नक्सली ढेर
✔ 11 नवम्बर को बीजापुर में 6 नक्सली ढेर (3 महिला समेत)
DRG और जिला पुलिस लगातार नक्सलियों की रीढ़ तोड़ने में लगी है।
क्या सच में खत्म हो गया हिड़मा का आतंक?
अभी आधिकारिक पुष्टि बाकी है, लेकिन मुठभेड़ की परिस्थितियां,
बचाव न कर पाना,
मृत शरीर की विशेषताएं,
और मारे गए अन्य शीर्ष नक्सलियों की पहचान—
सब संकेत दे रहे हैं कि संगठन का सबसे खतरनाक चेहरा धराशायी हो चुका है।
बस्तर की धरती से सबसे खूंखार नक्सली का नाम मिटा?
अगर हिड़मा सच में ढेर हुआ है,
तो यह पिछले एक दशक का सबसे बड़ा एंटी-नक्सल ऑपरेशन माना जाएगा।
दण्डकारण्य के नक्सल नेटवर्क की रीढ़ टूटने जैसा झटका।
आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है—पर जंगल से उठता धुआं बता रहा है कि इस बार शिकार बड़ा गिरा है।

