आज का सुविचार
*आज का सुविचार*
शुक्रवार, 28 अगस्त 2020
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💠 *आज का सुविचार*💠
🎋 *..28-08-2020*..🎋
✍🏻स्वयं के जीवन में अगर हम दूसरे की सफलता को स्वीकार नहीं करते तो, वो ईर्ष्या बन जाती है और अगर स्वीकार कर लें तो, वो प्रेरणा बन जाती है।
💐 *Brahma Kumaris* 💐
🌷 *ओमशान्ति*🌷
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💥 *विचार परिवर्तन*💥
✍🏻जो सबसे पहले क्षमा मांगता है वह सबसे बहादुर है, जो सबसे पहले क्षमा करता है वह सबसे शक्तिशाली है और जो सबसे पहले भूल जाता है वह सबसे सुखी।
🌹 *ओमशान्ति*🌹
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🌿🍁🍃 *Om Shanti*🌿🍁🍃
*शरीर और आत्मा का वार्तालाप*
सुबह के 4 बजे
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*आत्मा*- चलो ! आत्मा की साधना का समय हो गया है...उठो, उठो ना...
*शरीर*- सोने दो ना...! अभी क्यों तंग कर रही हो, रात को बहुत देर से सोया था । थोड़ी देर बाद उठकर साधना करूँगा ।
*आत्मा*- ठीक है और थोड़ी देर बाद ही सही ।
सुबह के 6 बजे
*आत्मा*- अब तो उठ जाओ भाई ! सूरज भी अपनी किरणें फैलाता हुआ हमें जगा रहा है, उठो ना ।
*शरीर*- कितना परेशान करती हो...ठीक है, उठ रहा हूँ, बस 5 मिनट और...
थोड़ी देर बाद शरीर उठा और साधना के लिए बैठ गया और 10 मिनट बाद ही उठने लगा । तब...
*आत्मा बोली*- अरे अरे...! क्या हुआ ? इतनी जल्दी क्या है, अभी तो मुझे शांति मिलना शुरु हुई और तुम उठ गये...
*शरीर*- अरे...! मुझे घर का और आफिस का कितना काम है तुम्हारी समझ में तो कुछ नहीं आता और अभी नाश्ता भी करना है ।
*आत्मा*- ठीक है तो शाम को साधना तो करोगे ना...
*शरीर*(परेशान होते हुए) - हाँ भाई ! हाँ जरूर करूँगा ।
सारा दिन निकल गया । आत्मा दिनभर के काम, राग-द्वेष के परिणामों से आकुलित हुई और शाम को शरीर से बोली - अरे ! शाम हो गई, अब तो फ्री हो गये होंगे । अब तो चलो साधना के लिए...।
*शरीर (चिल्लाते हुए)*- क्यों सारा दिन तंग करती रहती हो...देखती नहीं अभी आफिस में दिन भर काम करके आया हूँ, बहुत थक गया हूँ ।
*आत्मा*- अरे ! फिर तो बहुत अच्छी बात है, यदि तुम थके हुए हो तो एक बार आत्मा की साधना करोगे तो थकान तुरन्त दूर हो जायेगी ।
*शरीर*- अभी नहीं ! अभी थोड़ा टीवी देख लूँ । रात को पक्का बैठूँगा...।
रात को थकान से शरीर की आँखें बंद हो रही हैं । मुश्किल से शरीर स्थिर होकर बैठा और नींद आने लगी । शरीर उठा और सोने के लिए जाने लगा तो...
*आत्मा बोल उठी*- अरे अरे! क्या हुआ ? अभी-अभी तो बैठे थे, अचानक उठकर कहाँ जाने लगे ?
*शरीर*- मैं बहुत थक गया हूँ, कल सुबह 4 बजे आत्म साधना के लिए जरूर बैठूँगा ।
आत्मा चुप हो गई तभी शरीर ने मोबाइल पर अपने एक मित्र का मैसेज देखा और सोचा - अरे वाह ! ये तो मेरे दोस्त का मैसेज है । थोड़ी देर चैटिंग कर लूँ फिर सो जाऊँगा और वह चैटिंग करने लगा ।
*आत्मा*- देखो ! चैटिंग करने के लिए नींद भाग गई और साधना के नाम पर इसे नींद आ रही थी और जिस आत्मा के कारण यह जीवन जी रहा है उसके नाम पर नींद आने लगती है । चलो....! कल देखते हैं ।
*दूसरे दिन वही दिनचर्या और जीवन समाप्त ।*
यही परम सत्य है, पल पल समय बीत रहा है, और प्रभु का सिमरन करने का समय नहीं है।
🙏🙏 ओम शांति
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🌴══• *“जो चाहोगे सो पाओगे”* •══🌴
_⸙ एक साधु था, वह रोज घाट के किनारे बैठ कर चिल्लाया करता था ,“जो चाहोगे सो पाओगे, जो चाहोगे सो पाओगे।”_
_⸙ बहुत से लोग वहाँ से गुजरते थे पर कोई भी उसकी बात पर ध्यान नहीँ देता था और सब उसे एक पागल आदमी समझते थे।_
_⸙ एक दिन एक युवक वहाँ से गुजरा और उसनेँ उस साधु की आवाज सुनी, “जो चाहोगे सो पाओगे”, जो चाहोगे सो पाओगे।”, और आवाज सुनते ही उसके पास चला गया।_
_⸙ उसने साधु से पूछा -“महाराज आप बोल रहे थे कि ‘जो चाहोगे सो पाओगे’ तो क्या आप मुझको वो दे सकते हो जो मैँ जो चाहता हूँ?”_
_⸙ साधु उसकी बात को सुनकर बोला – “हाँ बेटा तुम जो कुछ भी चाहता है मैँ उसे जरुर दुँगा, बस तुम्हे मेरी बात माननी होगी। लेकिन पहले ये तो बताओ कि तुम्हे आखिर चाहिये क्या?”_
_⸙ युवक बोला- मेरी एक ही ख्वाहिश है मैँ हीरों का बहुत बड़ा व्यापारी बनना चाहता हूँ।_
_⸙ साधू बोला, कोई बात नहीँ मैँ तुम्हे एक हीरा और एक मोती देता हूँ, उससे तुम जितने भी हीरे मोती बनाना चाहोगे बना पाओगे ! और ऐसा कहते हुए साधु ने अपना हाथ आदमी की हथेली पर रखते हुए कहा, पुत्र, मैं तुम्हे दुनिया का सबसे अनमोल हीरा दे रहा हूं, लोग इसे ‘समय’ कहते हैं, इसे तेजी से अपनी मुट्ठी में पकड़ लो और इसे कभी मत गंवाना, तुम इससे जितने चाहो उतने हीरे बना सकते हो।_
_⸙ युवक अभी कुछ सोच ही रहा था कि साधु उसका दूसरी हथेली, पकड़ते हुए बोला, पुत्र, इसे पकड़ो, यह दुनिया का सबसे कीमती मोती है, लोग इसे “धैर्य” कहते हैं, जब कभी समय देने के बावजूद परिणाम ना मिलेंटो इस कीमती मोती को धारण कर लेना, याद रखन जिसके पास यह मोती है, वह दुनिया में कुछ भी प्राप्त कर सकता है।_
_⸙ युवक गम्भीरता से साधु की बातों पर विचार करता है और निश्चय करता है कि आज से वह कभी अपना समय बर्वाद नहीं करेगा और हमेशा धैर्य से काम लेगा । और ऐसा सोचकर वह हीरों के एक बहुत बड़े व्यापारी के यहाँ काम शुरू करता है और अपने मेहनत और ईमानदारी के बल पर एक दिन खुद भी हीरों का बहुत बड़ा व्यापारी बनता है।_
_⸙ *‘समय’* और *‘धैर्य’* वह दो हीरे-मोती हैं जिनके बल पर हम बड़े से बड़ा लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। अतः ज़रूरी है कि हम अपने कीमती समय को बर्वाद ना करें और अपनी मंज़िल तक पहुँचने के लिए धैर्य से काम लें।_
*💞★ ओम शान्ति ★💞*
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