शिक्षा
* शिक्षक दिवस - गुरुदेव दिवस*
शुक्रवार, 4 सितंबर 2020
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शिक्षक दिवस - गुरुदेव दिवस
शिक्षक सियाराम साहू (चंपारण)
गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवो महेशवरः|
गरूर साक्षात परब्रम्ह: तस्मई श्री गुरुवे नम:|
गुरु की महिमा अनंत है | अनंत किया उपकार , लोचन अनंत उघड़िया | अनंत दिखावन हार | गुरु के इस संसार में मुख्य तीन रूप में हैं -
माता के रूप मे, पिता के रूप मे एवं आचार्य के रूप में |
John Dewid ने तो माता पिता को ही पुत्र का प्रथम शिक्षक मान कर उनकी महत्ता के बारे में कहा है कि -
The Child learnt the first citizenship of life by the kiss of her mother and love of his father.
शिक्षक ही राष्ट्र का निर्माता है | जिन्होने अपनी बहुमुल्य ज्ञान की धरोहर को बालको के हृदय मे आत्म विश्वास के रूप मे भर दिया है, जिसके तहत आज भारत के हर क्षेत्र मे ज्ञान के प्रगति से देश खुशहाल समृधि एवं उन्नति के उच्च शिखर पर विश्व मे अपना नाम कमाए रखा हैं |
आज मै जो कुछ भी हूँ, मेरे पुर्व शिक्षको की बदोलत हूँ | मेरे समक्ष कुछ विद्वान शिक्षको छबी नित्य ( बी० एल० चौबे जी ) मानस पटल पर अंकित है |
स्व० श्री छबिलाल दिवान ,स्व०हरख राम जी गुप्ता, श्री उसराठे जी, जो पिता कि भाति 4 बजे उठाते थे , 6 बजे तक पढो रे कह कर जगाते रहे थे|
आज अपने पूर्व शिक्षक माता पिता एवं गुरुओ को नमन करते हुए उनके पद चिन्हो पर चलकर उनकी आत्मा को शान्ति मिले कार्य करना है |
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