*केंद्र सरकार किसानों की आंदोलन को बदनाम करने हर सम्भव कर रही है प्रयास*
*कृषि कानूनों को रद्द करने की माँग को लेकर क्रमिक भूख हड़ताल का तीसरा दिन*
*केंद्र सरकार किसानों की आंदोलन को बदनाम करने हर सम्भव कर रही है प्रयास*
*सिक्ख समाज व प्रबुद्ध नागरिकों का किसान महासंघ को मिल रहा है समर्थन*
केन्द्र सरकार द्वारा लाये गए कथित कृषि सुधार कानून के खिलाफ देशव्यापी किसान आंदोलन जारी है। एक ओर जहाँ पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान के किसान दिल्ली सीमाओं पर डटे हुए हैं जिन्हें सरकार दिल्ली नहीं आने दे रही है। वहीं दूसरी ओर उन आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में छत्तीसगढ़ के किसान छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के बैनर तले धरना स्थल बूढ़ा तालाब रायपुर में 14 दिसम्बर से क्रमिक भूख हड़ताल जारी कर दिये हैं। क्रमिक भूख हड़ताल के तीसरे दिन अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के राज्य सचिव तथा छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही, किसान सभा के सदस्यगण ललित कुमार, सुश्री धनेश्वरी, जहुरराम, संतोष कुमार साहूभूख हड़ताल में रहे।
तेजराम विद्रोही ने कहा कि केन्द्र सरकार की कॉरपोरेट परस्त व किसान,कृषि और आम उपभोक्ता विरोधी नीतियों को तथा सरकार की जुमलेबाजी को किसान समझकर सड़क पर उतरकर, विरोध कर रहे हैं तो इसे विपक्षी पार्टियों का राजनीतिक साजिश बताकर या फिर किसानों को भ्रमित बताकर केंद्र सरकार आंदोलनकारी किसानों, किसान संगठनों को बदनाम कर शांतिपूर्ण किसान आंदोलन को तोड़ने का कोशिश कर रहे हैं।
क्रमिक अनशन को तीसरे दिन सौरा यादव, जागेश्वर (जुगनू) चंद्राकर,चेतन पटेल,टिकमचंद विश्वकर्मा,सेवक निषाद,एडवोकेट ओ पी सिंह, संस्कृति कर्मी निसार अली, सिक्ख समाज के अलावा रायपुर के प्रबुद्ध नागरिकों लक्ष्मी कांत अग्रवाल, उमा प्रकाश ओझा, अनिल सिंह आदि ने किसानों के क्रमिक अनशन का समर्थन किया।