*दिल्ली सीमाओं पर किसान आंदोलन को तोड़ने में लगी है भाजपा सरकार* - fastnewsharpal.com
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*दिल्ली सीमाओं पर किसान आंदोलन को तोड़ने में लगी है भाजपा सरकार*

 *गाँधी जी के पुण्यतिथि पर किसानों ने किया सामूहिक उपवास* 



 *दिल्ली सीमाओं पर किसान आंदोलन को तोड़ने में लगी है भाजपा सरकार* 

 


        30 जनवरी 2021 को राष्ट्रपिता महात्मागांधी जी के 73 वां पुण्यतिथि के अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य के 36 किसान, मजदूर व सामाजिक संगठनों के समन्वय से बनी छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के नेतृत्व में महात्मागांधी प्रतिमा के समक्ष आजाद चैक रायपुर में एकदिवसीय उपवास कर किसान आंदोलन अपनी शहादत दिए किसानों को मौन श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ दिल्ली सीमाओं पर जारी किसान आन्दोलन का समर्थन किया और 26 जनवरी को किसानों के ट्रैक्टर परेड में आरएसएस भाजपा द्वारा दिल्ली पुलिस के मदद से किये गए हिंसा की निंदा की। इस अवसर पर उपस्थित किसान नेताओं ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा काॅरपोरेट हितैषी व कृषि, किसान तथा आम उपभोक्ता विरोधी कानून के खिलाफ देश के किसानों ने अध्यादेश लाये जाने के समय से ही विरोध करते आ रहे हैं जो कानून बनने के बाद और भी व्यापक हो गया है। शांतिपूर्ण आन्दोलन में 170 से अधिक किसानों ने अपनी जान गवाया है। तीनों कानून की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी कानून की मांग को लेकर जारी किसान आन्दोलन को विभिन्न प्रकार से बदनाम कर उसे तोड़ने का प्रयत्न किया जा रहा है। 



      किसानों द्वारा आयेजित शांतिपूर्ण ट्रेक्टर परेड 26 जनवरी 2021 को जानबूझकर भारतीय जनता पार्टी और आर. एस. एस. के व्यक्तियों के द्वारा हिंसा पैदा कर किसानों के आन्दोलन को तोड़ा जा रहा है। इसकी पुष्टि 15 जनवरी 2021 को भारतीय जनता पार्टी नई दिल्ली प्रदेश कमेटी के महामंत्री राजेश भाटिया के उस कथित पत्र से होता है क्योकि जो घटनाएं हो रही है वह उसी वायरल पत्र के आसपास केन्द्रित है। इसकी जांच व कार्यवाही किया जाना अति आवश्यक है। अब जब केन्द्र सरकार की विभाजनकारी नीतियाँ काम नहीं कर रहा है तो आरएसएस के लोगों को स्थानीय नागरिक के रूप में आंदोलनकारियों के ऊपर पत्थर फेंके जा रहे हैं जिसका मदद दिल्ली पुलिस कर रही है जो घोर निंदनीय है। 

       किसान नेताओं ने केन्द्र की मोदी सरकार से कहा है कि किसानों के प्रति संवेदनशील होते हुए लाल किले में उपद्रव मचाने वाले दिप सिद्धू और उनके साथ शामिल लोगों की जाँच कर उन पर कार्यवाही करे। तीनों कृषि कानून वापस लेते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून बनाया जाये और किसान नेताओं पर दर्ज किये गए आपराधिक मामलों को वापस लिया जाये। 


कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला किसान संघ बालोद के संयोजक एवं पूर्व विधायक जनकलाल ठाकुर ने किया। संचालन अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सचिव तेजराम विद्रोही ने और आभार कृषक बिरादरी के संयोजक डॉ संकेत ठाकुर ने व्यक्त किया। 

इस अवसर पर क्रांतिकारी सांस्कृतिक मंच के संयोजक तुहीन देब ने क्रांति के लिए उठे मसाल गीत प्रस्तुत किया और आंदोलन के शुरुआत से ही दिल्ली में रहने का अनुभव साझा किया वही कुलदीप ने मोदी की जनविरोधी नीतियों के ऊपर कविता प्रस्तुत किया। मुस्लिम जमात से नुमान अकरम, सिख समाज और ट्रांसपोर्ट यूनियन की ओर से ज्ञानी बलजिंदर सिंह, रिंकू रंधावा, दलेर सिंह, मनमोहन सिंह सैलानी, रिछारिया कम्पेन से जैकब, आदिवासी भारत महासभा के संयोजक सौरा यादव, नदीघाटी मोर्चा के संयोजक गौतम बंद्योपाध्याय, पारसनाथ साहू, गजेंद्र कोसले, नवाब जिलानी, अरुण ताम्रकार, द्वारिका साहू, श्रवण चन्द्राकर, लखबीर सिंह, सोमन मरकाम ने संबोधित किया। 

कार्यक्रम में उत्तम कुमार, विजय लक्ष्मी ठाकुर, पवन सक्सेना, हरप्रीत सिंह रंधावा, नरेंद्र टण्डन, दलबीर सिंह ढिल्लो, अमरीक सिंह, अक्षय तिवारी, सफीक भाई, शादिक अली, सत्येंद्र वर्मा, लीलाधर आदि उपस्थित रहे।



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