आज का चिंतन(सुविचार) - fastnewsharpal.com
फास्ट न्यूज हर पल समाचार पत्र,

आज का चिंतन(सुविचार)

🍃🏵🍃🏵🍃🏵🍃🏵🍃

💠 *Aaj_Ka_Vichar*💠

🎋 *..11-02-2021*..🎋


✍🏻ईश्वर जिम्मेदारी भी उसी को देता है जो निभाने के काबिल होता है खुद मझधार में हो कर भी जो औरों का साहिल होता है।

💐 *Brahma Kumaris* 💐

🌷 *σм ѕнαитι*🌷

🍃🏵🍃🏵🍃🏵🍃🏵🍃

♻🍁♻🍁♻🍁♻🍁♻
  💥 *विचार परिवर्तन*💥

✍🏻ईश्वर पर विक्षास बच्चे की तरह करो जैसे बच्चे को आप हवा मे उछालो तो वो हंसता है ड़रता नहीं क्योकि वो जानता है कि आप उसे गिरने नहीं दोगे ऐसा ही विश्वास ईश्वर पर करोगे तो वो तुम्हें कभी गिरने नहीं देंगे।
🌹 *σм ѕнαитι.*🌹
♻🍁♻🍁♻🍁♻🍁♻


मुक्त होना.....

एक संत नदी के किनारे बैठा था, किसी ने पूछा बाबा क्या कर रहे हो?
संत ने कहा इंतजार कर रहा हूं की पूरी नदी बह जाएं तो फिर पार करूं,

उस व्यक्ति ने कहा कैसी बात करते हो बाबा पूरा जल बहने के इंतजार में तो तुम कभी नदी पार ही नहीं कर पाओगे.

संत ने कहा यही तो मै तुम लोगो को समझाना चाहता हूं, कि तुम लोग जो सदा ये कहते रहते हो कि एक बार जीवन की जिम्मेदारियां पूरी हो जाये तो

मौज करूं, घूमूं फिरूं, सबसे मिलूं, सेवा करूं.
जैसे नदी का जल कभी खत्म नहीं होगा,
हमें ही जल से पार जाने का रास्ता बनाना है,

इसी प्रकार जीवन ख़तम हो जायेगा पर जीवन के काम कभी ख़तम नहीं होंगे.

       ओम शांति 🙏

💧 *_आज का मीठा मोती_*💧
_*11 फरबरी:-*_ जीवन में बार बार धोखा खाने का मतलब है परखने और निर्णय करने की क्षमता में कमजोर होना, परखने और निर्णय की क्षमता बढाए और धोखे से बचे।
        🙏🙏 *_ओम शान्ति_*🙏🙏
       🌹🌻 *_ब्रह्माकुमारीज़_*🌻🌹
💥🇲🇰💥🇲🇰💥🇲🇰💥🇲🇰💥🇲🇰

*मैं सारे विश्व के अंदर विशेष आत्मा हूँ* 
सारे विश्व 🌎 में विशेष आत्मायें है, यह स्मृति 😇 सदा रहती है? विशेष आत्माएं सेकण्ड भी एक संकल्प, एक बोल भी साधारण नहीं ❎ कर सकती। तो यही स्मृति 😇 सदा समर्थ बनाने वाली है। समर्थ आत्मायें हैं, विशेष 🧖‍♂️ आत्मायें हैं यह नशा और खुशी ☺️ सदा रहे। समर्थ माना व्यर्थ को समाप्त करने वाले। जैसे सूर्य ☀️ अन्धकार और गन्दगी को समाप्त कर देता है। ऐसे समर्थ आत्मायें 🧖‍♂️🧖‍♂️ व्यर्थ को समाप्त कर देती हैं। व्यर्थ का खाता खत्म, श्रेष्ठ संकल्प, श्रेष्ठ कर्म, श्रेष्ठ बोल, सम्पर्क और सम्बन्ध का खाता सदा बढ़ता रहे। ऐसा अनुभव है! हम हैं ही समर्थ आत्मायें 🧖‍♂️🧖‍♂️ यह स्मृति आते ही व्यर्थ खत्म हो जाता। विस्मृति 🤔 हुई तो व्यर्थ शुरू हो जायेगा। स्मृति स्थिति को स्वत: बनाती है। तो स्मृति स्वरूप 😇 हो जाओ। स्वरूप कभी भी भूलता नहीं ❎। *आपका स्वरूप है स्मृति स्वरूप सो समर्थ स्वरूप।* बस यही अभ्यास और यही लगन। इसी लगन में सदा मग्न - यही जीवन है। कभी भी किसी परिस्थिति में वायुमण्डल में उमंग-उत्साह कम होने वाला नहीं ❎। सदा आगे 🚶‍♀️🚶‍♀️ बढ़ने वाले। क्योंकि संगमयुग है ही उमंग-उत्साह प्राप्त कराने वाला। *यदि संगम पर उमंग-उत्साह नहीं होता तो सारे कल्प में नहीं हो सकता।* अब नहीं तो कब नहीं ❎। ब्राह्मण जीवन 🧖‍♂️ ही उमंग-उत्साह की जीवन है। जो मिला है वह सबको बाँटे यह उमंग रहे। और उत्साह सदा खुशी ☺️ की निशानी है। उत्साह वाला सदा खुश 😊 रहेगा। उत्साह रहता - बस, पाना था वो पा लिया।
   *05 . 12 . 1983* 
🌹🌹

*🌷◆सुखी रहने का तरीका◆🌷*


_*★ एक बार की बात है संत तुकाराम अपने आश्रम में बैठे हुए थे। तभी उनका एक शिष्य, जो स्वाभाव से थोड़ा क्रोधी था उनके समक्ष आया और बोला-*_


_*● गुरूजी, आप कैसे अपना व्यवहार इतना मधुर बनाये रहते हैं, ना आप किसी पे क्रोध करते हैं और ना ही किसी को कुछ भला-बुरा कहते हैं? कृपया अपने इस अच्छे व्यवहार का रहस्य बताइए?  संत बोले- मुझे अपने रहस्य के बारे में तो नहीं पता, पर मैं तुम्हारा रहस्य जानता हूँ ! “मेरा रहस्य! वह क्या है गुरु जी?” शिष्य ने आश्चर्य से पूछा।*_

_*● ”तुम अगले एक हफ्ते में मरने वाले हो!” संत तुकाराम दुखी होते हुए बोले।  कोई और कहता तो शिष्य ये बात मजाक में टाल सकता था, पर स्वयं संत तुकाराम के मुख से निकली बात को कोई कैसे काट सकता था?  शिष्य उदास हो गया और गुरु का आशीर्वाद ले वहां से चला गया।*_


_*● उस समय से शिष्य का स्वभाव बिलकुल बदल सा गया। वह हर किसी से प्रेम से मिलता और कभी किसी पे क्रोध न करता, अपना ज्यादातर समय ध्यान और पूजा में लगाता। वह उनके पास भी जाता जिससे उसने कभी गलत व्यवहार किया था और उनसे माफ़ी मांगता। देखते-देखते संत की भविष्यवाणी को एक हफ्ते पूरे होने को आये। शिष्य ने सोचा चलो एक आखिरी बार गुरु के दर्शन कर आशीर्वाद ले लेते हैं। वह उनके समक्ष पहुंचा और बोला- गुरुजी, मेरा समय पूरा होने वाला है, कृपया मुझे आशीर्वाद दीजिये!”*_


_*●“मेरा आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ है पुत्र। अच्छा, ये बताओ कि पिछले सात दिन कैसे बीते? क्या तुम पहले की तरह ही लोगों से नाराज हुए, उन्हें अपशब्द कहे?”  संत तुकाराम ने प्रश्न किया।।  “नहीं-नहीं, बिलकुल नहीं। मेरे पास जीने के लिए सिर्फ सात दिन थे, मैं इसे बेकार की बातों में कैसे गँवा सकता था?   मैं तो सबसे प्रेम से मिला, और जिन लोगों का कभी दिल दुखाया था उनसे क्षमा भी मांगी” शिष्य तत्परता से बोला।*_

_*● "संत तुकाराम मुस्कुराए और बोले, “बस यही तो मेरे अच्छे व्यवहार का रहस्य है।"  "मैं जानता हूँ कि मैं कभी भी मर सकता हूँ, इसलिए मैं हर किसी से प्रेमपूर्ण व्यवहार करता हूँ, और यही मेरे अच्छे व्यवहार का रहस्य है। शिष्य समझ गया कि संत तुकाराम ने उसे जीवन का यह पाठ पढ़ाने के लिए ही मृत्यु का भय दिखाया था ।। वास्तव में हमारे पास भी सात दिन ही बचें हैं :-*_


_*रवि, सोम, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि, आठवां दिन तो बना ही नहीं है ।*_

_👏👏 *"आइये आज से परिवर्तन आरम्भ करें।"* 👏👏_


                *🌻★ ओम शान्ति ★🌻*


🎇🍃🎇🍃🎇🍃🎇🍃🎇🍃🎇





Previous article
Next article

Articles Ads

Articles Ads 1

Articles Ads 2

Advertisement Ads