आज का सुविचार(चिन्तन) - fastnewsharpal.com
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आज का सुविचार(चिन्तन)

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💠 *Aaj_Ka_Vichar*💠

🎋 *..12-05-2021*..🎋


✍🏻चाहे कोई व्यक्ति कितना भी बुरा हो उसमें कोई न कोई गुण अवश्य होता है। मधुमक्खी बनकर गुणों रूपी मिठास एकत्रित करते रहें।

💐 *Brahma Kumaris* 💐

🌷 *σм ѕнαитι*🌷

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  💥 *विचार परिवर्तन*💥

✍🏻प्रेम से बढ़कर त्याग है दौलत से बढ़कर मानवता है, परंतु सुंदर रिश्तों से बढ़कर इस दुनियाँ में कुछ भी नहीं है जरूरी नहीं की मिठाई खिलाकर ही दूसरो का मुँह मीठा करे आप मीठा बोलकर भी लोगों को खुशियाँ दे सकते है।
🌹 *σм ѕнαитι.*🌹
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💧 *_आज का मीठा मोती_*💧
_*12 मई:-*_ मनुष्य जीवन की महानता महान कर्म करने में है।
        🙏🙏 *_ओम शान्ति_*🙏🙏
       🌹🌻 *_ब्रह्माकुमारीज़_*🌻🌹
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        ओम शांति
_*"कहते  हैं  जिस  सुई  में  धागा  पिरो  लिया  गया ... वह  गिर  भी  जाए  तो  खोती  नही .. और  जिस  सुई  में  धागा  नहीं  पिरोया  है  वह  अगर  गिर  जाए  तो  खो  जाती  है ,  यह  ध्यान  का  धागा  हमारे  प्राण  की  सुई  में  पोना  ही  है , इसे  डालना  ही  है , यह  ध्यान  का  सुत्र  ही  हमें  भटकने  से  बचाऐगा  हम  गिर  भी  जाएंगे  तो  भी  कुछ  खोएंगे  नहीं  .. प्रभु के  ध्यान  का  धागा  हमें  कभी  गिरने  या  खोने  नही  देगा*_
         ॐ शांति
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         ॐ शांति
 *इस दुनिया में जो कुछ भी आपके पास है, वह बतौर अमानत ही है और दूसरे की अमानत का भला गुरुर कैसा ? बेटा बहु की अमानत है, बेटी दामाद की अमानत है, शरीर शमशान की अमानत है और जिन्दगी मौत की अमानत है।*

          *अमानत को अपना* *समझना सरासर बेईमानी ही है। याद रखना यहाँ कोई किसी का नहीं। तुम चाहो तो लाख पकड़ने की कोशिश कर लो मगर यहाँ आपकी मुट्ठी में कुछ आने वाला नहीं है। अमानत की सार-सम्भाल तो करना मगर उसे अपना समझने की भूल मत करना और जो सचमुच तुम्हारा अपना है, इस दुनियां की चमक - दमक में उसे भी मत भूल जाना।*

          *यह सच है कि इस दुनिया में कोई तुम्हारा अपना नहीं मगर दुनिया बनाने वाला जरुर अपना है फिर उस अपने से प्रेम न करना बेईमानी नहीं तो और क्या है।*
     ओम शांति
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अनमोल वचन:

विचार ही भावना का आधार हैं और जिन विचारों में भगवान की याद समाई हो,वे विचार ही संसार के सबसे सुखदाई और आनंद पूर्वक विचार हैं । यह आनंद बड़े से बड़े सांसारिक आनंद से ऊपर का आनंद है,जिसे अतीन्द्रिय सुख कहते हैं। विडंबना यह है कि सब इसे महसूस कर सकते हैं, पर यह श्रेष्ठतम मेहनत कोई विरला ही करता है........

🙏ओम् शान्ति 🙏

💐आपका दिन शुभ हो 💐

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               *⛲◆ OM SHANTI ◆⛲*

_★मनुष्य अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करें ले और उसको पाने के लिए प्रयासरत रहे तो कोई कारण नहीं कि निर्धारित अवधि में वह उस लक्ष्य को प्राप्त न कर सके । मनुष्य केवल दृढ़ संकल्प कर लक्ष्य प्रति लगनशील रहे ।_

_● मन में हमेशा रहे कि मुझे मंजिल पर पहुंचना है परिस्थिति को पार करते आगे बढ़ना है । चाहे कितने भी विघ्न आए, माया के तूफान आए लेकिन इनके आगे नहीं झुकना है । तूफान आएंगे, नाव हिलेगी पर किनारा जरुर मिलेगा ।_

_● महान लोग लक्ष्य प्राप्ति के लिए कष्ट उठाते ही हैं । यदि महाराणा प्रताप जंगल जंगल घूम कर भी अपनी स्वतंत्रता व स्वाभिमान बरकरार रख सकते हैं, यदि मदर टेरेसा विदेशी मूल होने के बावजूद भारत में महान सेवा कार्य करके संत की उपाधि, नोबेल पुरस्कार,  भारत रत्न से सम्मानित हो सकती है तो हम भी भविष्य के राजा-पद के अधिकारी बन सकते हैं ।_

_● परमात्मा शिव हमारे साथ है । लक्ष्य को पाने के लिए दिन मत देखो, भूख मत देखो, थकान मत देखो,  देखना है तो अर्जुन की तरह मछली की आंख देखो । अभी समय है, सुनहरा सूरज देखने का, स्वर्णिम सतयुग में उच्च पद पाने का, अपनी उपयोगिता सिद्ध करने का, दुनिया को पापों से मुक्त करने का, विश्व शांति लाने का, तो लहरा दो सफलता का परचम । परमात्मा शिव जब हमारा साथी है तो कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता । चाहे विकारों की अक्षौहिणी सेना सामने क्यों न हो, जीत हमारी ही होगी । विजय हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है ।_

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             *🎊★ ओम शान्ति ★🎊*

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*तृष्णा*
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     एक व्यापारी था। वह ट्रक में चावल के बोरे लिए जा रहा था। एक बोरा खिसक कर गिर गया। कुछ चीटियां आयीं 10-20 दाने ले गयीं, कुछ चूहे आये 100-50 ग्राम खाये और चले गये, कुछ पक्षी आये थोड़ा खाकर उड़ गये, कुछ गायें आयीं 2-3 किलो खाकर चली गयीं। एक मनुष्य आया और वह पूरा बोरा ही उठा ले गया।
        अन्य प्राणी पेट के लिए जीते हैं, लेकिन मनुष्य तृष्णा में जीता है। इसीलिए इसके पास सब कुछ होते हुए भी यह सर्वाधिक दुखी है।
        *आवश्यकता के बाद इच्छा को रोकें, अन्यथा यह अनियंत्रित बढ़ती ही जायेगी, और दुख का कारण बनेगी।✍🏻*

 _चौराहे पर खड़ी 🚶🏻‍♀️😷🚶🏻‍♂️जिंदगी,_
_नजरें दौड़ाती हैं..._ 👀
_काश कोई बोर्ड👆🏻💫🇲🇰🏛️📜🚶🏻‍♀️🚶🏻‍♂️ दिख 🧘🏻‍♀️🧘🏻‍♂️जाए_ 
_जिस पर लिखा हो..._       

           *"सुकून..0. कि.मी."*

एक हिमत का कदम👆🏻💫🇲🇰🏛️🚶🏻‍♂️🚶🏻‍♀️ आध्यात्मिक🕉️☪️🕎✝️ की और.                                              good🌅morning


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          *⛲★• OM SHANTI •★⛲*


_● धन शरीर निर्वाह अर्थ एक महत्वपूर्ण साधन है इसीलिए आज मनुष्य दिन-रात भाग भागकर धन कमाता है । उस धन के द्वारा स्वयं तथा परिवार के लिए खुशी और सुख शांति की चाहना रखता है । लेकिन धन कमाने के भाग दौड़ में अनेक आत्माओं से जाने अनजाने ईर्ष्या, घृणा और बेईमानी का हिसाब बना लेता है इसीलिए सम्मान प्यार और विश्वास खो देता है ।_


_● धन कमाना गलत नहीं है लेकिन इसके साथ-साथ सच्चे स्नेह की पूंजी इकठ्ठी करनी भी जरूरी है । बिना स्नेह के आज वह नफरत, शक तथा अकेलेपन की अग्नि में जल रहा है । हम देखते हैं कि जितनी भी मशीनें काम में ली जाती हैं उन्हें सहज बनाने के लिए स्नेहक (Lubricant) आदि इस्तेमाल किए जाते हैं । ऐसे ही सच्चे रूहानी स्नेह से रिश्तो रूपी मशीन, जिसमें जंग लग गई है बहुत सरलता से चल पाएगी ।_


_● कुछ वर्षों पहले तक गांव में जब किसी के घर में कोई विशेष कार्य होता था तो सभी रिश्तेदार और आसपास के लोग बड़े प्यार से सहयोगी बनते थे जिससे बिना अधिक खर्च किए कार्य सुंदर रीति से संपन्न हो जाता था । आज बहुत धन लूटा कर भी न तो वैसी खुशी, आनंद और सफलता प्राप्त होती है ना कार्य ही श्रेष्ठता से संपन्न हो पाता क्योंकि दिलों में दूरियां बढ़ गई हैं ।_


_● स्नेह, मेहनत को समाप्त कर देता है । जैसे मां बच्चे के लिए इतनी मेहनत करती है लेकिन स्नेह होने के कारण वह मेहनत महसूस नहीं करती । जीवन में रिश्तो की भूमिका अहम होती है तथा रिश्ते बनते हैं त्याग से । जहां स्नेह होता है तो त्याग स्वत: हो जाता है ।सबसे सच्चा स्नेह ईश्वर का, जिसे प्राप्त करके मनुष्य सब कुछ प्राप्त कर लेता है । शिव बाबा कहते हैं बच्चे बीज को पानी दोगे तो सारे वृक्ष को मिल जाएगा । परमात्मा पिता है इस मनुष्य सृष्टि के बीज उनसे प्रीत लगा कर हम सब प्राप्तियों के हकदार बन सकते हैं ।_



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                 *🍃◆ ओम शान्ति ◆🍃*


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