आज का सुविचार(चिन्तन)
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💠 *Aaj_Ka_Vichar*💠
🎋 *..09-05-2021*..🎋
✍🏻अगर कोई आप से उम्मीद करता है, तो ये उसकी मजबूरी नहीं, आपके साथ लगाव और विश्वास है।
💐 *Brahma Kumaris* 💐
🌷 *σм ѕнαитι*🌷
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💥 *विचार परिवर्तन*💥
✍🏻जो व्यक्ति किसी दूसरे के चेहरे पर हँसी और जीवन में ख़ुशी लाने की क्षमता रखता है। ईश्वर उसके चेहरे से कभी हँसी और जीवन से ख़ुशी कम नहीं होने देता।
🌹 *σм ѕнαитι.*
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*❇️★ OM SHANTI ★❇️*
_★ कहावत है कि सत्संग मनुष्य को तारता है और कुसंग डुबोता है । कुसंग में सिनेमा और नावेल भी शामिल है । रात दिन लोग रेडियो, मोबाइल या अन्य साधनों से फिल्मी गीत सुनते रहते हैं । यदि कोई न भी सुनना चाहें तो भी अपने साधनों की आवाज को इतना ऊंचा कर देते हैं कि दूसरे के कान में भी आवाज जाती है । कई लोग यह तर्क देते हैं कि सिनेमा आधुनिक वैज्ञानिक आविष्कार है और मन बदलाव का एक अच्छा साधन है । विचार कीजिए मन बहलाव का साधन है या मन-बहकाव का ?_
_◆ नेत्रों द्वारा देखे गए चल चित्रों का तथा कानो द्वारा सुने गए गीतों का हमारे मन पर बहुत प्रभाव पड़ता है । क्योंकि इनको ऐसे मनोवैज्ञानिक तथा कलापूर्ण ढंग से और सरस बनाया जाता है कि यह मनुष्य के मन पर गहरी छाप डालते हैं । यदि किसी अच्छे परिवार के लड़के या लड़कियां जेब काटे या दंभपूर्ण आचरण करें तो उनके अभिभावकों को यह बात और असहनीय होगी परंतु सिनेमाघर में भी ऐसे आचरण को मनोरंजन का नाम देकर देखते हैं और बच्चों को भी दिखाते हैं । यह तो बहुत ही हानिकारक बात है अवश्य ही इससे संस्कार बिगड़ते हैं ।_
_◆ कई लोग यह तर्क देते हैं कि इनमें देवताओं के तथा भगवान के भी कुछ दृश्य होते हैं, उनकी भी कुछ चर्चा होती है । परंतु सत्य बात यह है कि देवताओं और भगवान संबंधी भी जो सामग्री इन में होती है, वह कोई यथार्थ आत्मबोध तथा ईश्वर अनुभूति पर तो आधारित होती नहीं है । उनमें प्रायः मिथ्या ज्ञान तथा अंधविश्वास पर आधारित संवाद होते हैं और कई बार तो इन पर सूक्ष्म रूप से व्यंग भी होता है ।_
_◆ आज अधिकतर युवा अच्छी कविताएं याद करने के बजाय फिल्मी गीत गुनगुनाते सुने जाते हैं । अपने पाठ्य विषयों में अधिक ध्यान देने और परिवार सेवा एवं समाज सेवा करने की बजाय सिनेमा और टीवी देखने मे अधिक रुचि उनकी होती है परिणाम यह है कि आज पाश्चात्य देशों की तरह हमारे देश में इंद्रिय भोगों की छूट तथा उच्छृंखलता ही नैतिकता और चारित्रिक मूल्यों का स्थान लेते जा रहे हैं ।_
_◆ अतः यदि हम अपने देश का युवा पीढ़ी का तथा अपना भविष्य उज्जवल देखना चाहते हैं तो हमें इस बुराई से बचना होगा ।_
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*🍃★ ओम शान्ति ★🍃*
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