आज का सुविचार(चिन्तन) - fastnewsharpal.com
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आज का सुविचार(चिन्तन)

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💠 *Aaj_Ka_Vichar*💠

🎋 *..09-05-2021*..🎋


✍🏻अगर कोई आप से उम्मीद  करता है, तो ये उसकी मजबूरी नहीं, आपके साथ लगाव और विश्वास है।

💐 *Brahma Kumaris* 💐

🌷 *σм ѕнαитι*🌷

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  💥 *विचार परिवर्तन*💥


✍🏻जो व्यक्ति किसी दूसरे के चेहरे पर हँसी और जीवन में ख़ुशी लाने की क्षमता रखता है। ईश्वर उसके चेहरे से कभी हँसी और जीवन से ख़ुशी कम नहीं होने देता।

🌹 *σм ѕнαитι.*

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💧 *_आज का मीठा मोती_*💧
_*09 मई:-*_ सन्मान मांगने से नही मिलता है वो तो हमारे अपने ख़ुदाई कर्म है जो सन्मान खुद ही दिला देते है0।
        🙏🙏 *_ओम शान्ति_*🙏🙏
       🌹🌻 *_ब्रह्माकुमारीज़_*🌻🌹
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     ओम शांति
            *प्रसन्नता कोई तुम्हें नहीं दे सकता, ना ही बाजार में किसी दुकान पर जाकर पैसे देकर आप खरीद सकते हैं। अगर पैसे से प्रसन्नता मिलती तो दुनिया के सारे अमीर खरीद लेते।*

    *प्रसन्नता जीवन जीने के ढंगसे आती है। जिंदगी भलेही खूबसूरत हो लेकिन जीने का अंदाज खूबसूरत ना हो तो जिंदगी को बदसूरत होते देर नहीं लगती। झोंपड़ी में भी कोई आदमी आनन्द से लबालब मिल सकता है और कोठियों में भी दुखी,अशांत,परेशान आदमी मिल जायेगा।**

        *आज से ही सोचने का ढंग बदल लो जिंदगी उत्सव बन जायेगी। स्मरण रखना संसार जुड़ता है त्याग से और बिखरता है स्वार्थ से। त्याग के मार्ग पर चलोगे तो सबका अनुराग बिना माँगे ही मिलेगा और जीवन बाग़ बनता चला जायेगा।*
     ओम शांति
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       ओम शांति
*स्पष्ट विचार, स्‍पष्‍ट धारणा और*

*स्‍पष्‍ट निर्णय धीर पुरुषों और*

*योगियों के लक्षण हैं*

*इसलिए जीवन में हमेशा*

*हालात वो ना रखें जो*

*हौसलों को बदल दे बल्कि*

*हौसला वो रखें जो*

*हालातों को बदल दें*

*पद मिलने के बाद आपमे*

*यदि अहंकार का भाव आता है*

*तो यह पद आपके लिए जहर है*

*पद मिलने के बाद आपमे अगर*

*नम्रता ओर कृतज्ञताका भाव आता है*

*तो ये पद आपके लिए अमृत है*

*भाषा शरीर का*

*एक ऐसा अदृश्य अंग है*

*जिसमें मनुष्य का*

*सब कुछ दिखाई देता है*
      ओम शांति
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अनमोल वचन :

ज़िंदगी में समस्याएंँ देने वालों की हस्ती कितनी भी बड़ी क्यों न हो,परन्तु भगवान की "कृपादृष्टि"से बड़ी नहीं हो सकती !! हंसते हुए चेहरों का अर्थ ये नहीं कि उनके जीवन में दु:ख नहीं हैं..लेकिन उनके अंदर परिस्थितियों से लडने की ताकत ज्यादा है..

🙏ओम् शान्ति 🙏   

🍁आपका दिन शुभ हो 🍁 

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*'खुदा' की रजा में,*
*राजी रहने का यह मतलब नहीं है, कि हम हाथ पर हाथ रखकर बैठ जाएं।*
  *खुदा की रजा का एक अर्थ यह है,*
*कि हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश करें,*
*मगर फल की इच्छा ना रखें।*
   *'खुदा' हमारा दुश्मन नहीं है,*
*जो जानबूझकर हमें परेशान करना चाहता है।*
*वह जो कुछ करता है, उसमें हमारी भलाई छुपी होती है।।*
   ओम शांति
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             *❇️★ OM SHANTI ★❇️*


_★ कहावत है कि सत्संग मनुष्य को तारता है और कुसंग  डुबोता है । कुसंग में सिनेमा और नावेल भी शामिल है । रात दिन लोग रेडियो, मोबाइल या अन्य साधनों से फिल्मी गीत सुनते रहते हैं । यदि कोई न भी सुनना चाहें तो भी अपने साधनों की आवाज को इतना ऊंचा कर देते हैं कि दूसरे के कान में भी आवाज जाती है । कई लोग यह तर्क देते हैं कि सिनेमा आधुनिक वैज्ञानिक आविष्कार है और मन बदलाव का एक अच्छा साधन है । विचार कीजिए मन बहलाव का साधन है या मन-बहकाव का ?_


_◆ नेत्रों द्वारा देखे गए चल चित्रों का तथा कानो द्वारा सुने गए गीतों का हमारे मन पर बहुत प्रभाव पड़ता है । क्योंकि इनको ऐसे मनोवैज्ञानिक तथा कलापूर्ण ढंग से और सरस बनाया जाता है कि यह मनुष्य के मन पर गहरी छाप डालते हैं । यदि किसी अच्छे परिवार के लड़के या लड़कियां जेब काटे या दंभपूर्ण आचरण करें तो उनके अभिभावकों को यह बात और असहनीय होगी परंतु सिनेमाघर में भी ऐसे आचरण को मनोरंजन का नाम देकर देखते हैं और बच्चों को भी दिखाते हैं । यह तो बहुत ही हानिकारक बात है अवश्य ही इससे संस्कार बिगड़ते हैं ।_


_◆ कई लोग यह तर्क देते हैं कि इनमें देवताओं के तथा भगवान के भी कुछ दृश्य होते हैं, उनकी भी कुछ चर्चा होती है । परंतु सत्य बात यह है कि देवताओं और भगवान संबंधी भी जो सामग्री इन में होती है, वह कोई यथार्थ आत्मबोध तथा ईश्वर अनुभूति पर तो आधारित होती नहीं है । उनमें प्रायः मिथ्या ज्ञान तथा अंधविश्वास पर आधारित संवाद होते हैं और कई बार तो इन पर सूक्ष्म रूप से व्यंग भी होता है ।_


_◆ आज अधिकतर युवा अच्छी कविताएं याद करने के बजाय फिल्मी गीत गुनगुनाते सुने जाते हैं । अपने पाठ्य विषयों में अधिक ध्यान देने और परिवार सेवा एवं समाज सेवा करने की बजाय सिनेमा और टीवी देखने मे अधिक रुचि उनकी होती है परिणाम यह है कि आज पाश्चात्य देशों की तरह हमारे देश में इंद्रिय भोगों की छूट तथा उच्छृंखलता ही नैतिकता और चारित्रिक मूल्यों का स्थान लेते जा रहे हैं ।_


_◆ अतः यदि हम अपने देश का युवा पीढ़ी का तथा अपना भविष्य उज्जवल देखना चाहते हैं तो हमें इस बुराई से बचना होगा ।_


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              *🍃★ ओम शान्ति ★🍃*


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