दक्षिणा नहीं देने पर दी धरना प्रदर्शन की चेतावनी
राजिम मांघी पुन्नी मेला के दक्षिणा नही देना गरियाबंद कलेक्टर के उपेक्षा पूर्ण व्यवहार से स्थानीय ब्राह्मण आक्रोशित
दक्षिणा नहीं देने पर दी धरना प्रदर्शन की चेतावनी
राजिम
स्थानीय राजीवलोचन विप्र समिति राजिम के नवनिर्वाचित अध्यक्ष पं. राम शर्मा ने बताया कि पिछले 15 वर्षों से राजिम मांघी पुन्नी मेला मे राजिम के स्थानीय ब्राह्मणों द्वारा विभिन्न धार्मिक प्रकल्प जैसे कल्पवास ,यज्ञ अनुष्ठान, मुख्य मंच पूजन ,गंगा महाआरती को निर्विघ्न संपन्न करते आ रहे हैं जिनके फलस्वरूप संस्कृति एवं धर्मस्व विभाग के द्वारा भू देवों को सम्मानजनक दक्षिणा मानदेय स्वरूप दी जाती रही है । किंतु पिछले 2 वर्षों से स्थानीय ब्राह्मणों को उनके समर्पित सेवा के लिए जिला प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार की दक्षिणा नहीं दी गई है यह विडंबना ही है कि पिछले 2 वर्षों से ही राजिम मांघी पुन्नी मेला आयोजन का दायित्व जिला कार्यसमिति गरियाबंद को सौंपी गई है ।
लंबित दक्षिणा हेतु पूर्व में लिखित विधिवत आवेदन दिनांक 19 /3/ 2021 को जिला कार्यालय गरियाबंद मे प्रस्तुत किए गए हैं। जिला आवेदन के पूर्व भी,गृह एवं संस्कृति विभाग के मंत्री ताम्रध्वज साहू से भी गंगा आरती संयोजक एवं केंद्रीय समिति टास्क फोर्स सदस्य अशोक श्रीवास्तव को लेकर दो बार लिखित आवेदन दिनांक 5 फरवरी एवं 17 जून को मुलाकात किए थे, जिसमें उन्होंने गंभीरता दिखाते हुए कलेक्टर गरियाबंद को प्रत्यक्ष एवं दूरभाष से अविलंब ब्राह्मणों को दक्षिणा भुगतान के निर्देश दिए किंतु कलेक्टर गरियाबंद ने अपने अड़ियल रवैये एवं उपेक्षापूर्ण व्यवहार से गृहमंत्री के निर्देशों को एक सिरे से नकारते हुए आज पर्यंत तक स्थानीय विप्रजनों को दक्षिणा नहीं दिए है जो जिला प्रशासन के लिए लज्जा एवं स्थानीय ब्राह्मणों के लिए दुख का विषय है।उक्त समस्या को लेकर क्षेत्रीय विधायक अमितेश शुक्ल से भी गत दिवस मुलाकात कर लिखित आवेदन प्रस्तुत किए गए जिस पर न ही विधायक और न ही उनके स्थानीय प्रतिनिधियों ने किसी प्रकार की कोई पहल की । पं. राम शर्मा ने कहा कि मितव्ययिता के नाम पर ब्राह्मणों की दक्षिणा पचाने वाले, फ्लेक्स, प्रिंटिंग, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि में करोड़ों रुपए खर्च करने वाले जिला प्रशासन के मुखिया कलेक्टर गरियाबंद का कार्य अत्यंत निंदनीय है। जिला प्रशासन गरियाबंद को यह चेतावनी भी दी है कि यदि 15 दिवस के भीतर स्थानीय ब्राह्मणों को पिछले 2 वर्षो की सम्मानजनक दक्षिणा प्रदाय नहीं की गई तो समस्त स्थानीय विप्र गण धरना प्रदर्शन हेतु बाध्य होंगे, जिनकी समस्त जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी।