World Elephant Day- मानव-पशु संघर्ष के पीछे के मूल कारणों पर ध्यान देने की आवश्यकता..कलेक्टर निलेश क्षीरसागर - fastnewsharpal.com
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World Elephant Day- मानव-पशु संघर्ष के पीछे के मूल कारणों पर ध्यान देने की आवश्यकता..कलेक्टर निलेश क्षीरसागर

 World Elephant Day- मानव-पशु संघर्ष के पीछे के मूल कारणों पर ध्यान देने की आवश्यकता..कलेक्टर निलेश क्षीरसागर



गरियाबंद

 हर साल 12 अगस्त को ‘विश्व हाथी दिवस’ (World Elephant Day) मनाया जाता है। इस दिवस को मानने का  मुख्य उद्देश्य समूची दुनिया में हाथियों के प्रति जागरूकता और संरक्षण को बढ़ावा देना है। क्योंकि, हाथी को राष्ट्रीय विरासत पशु घोषित किया गया है। ऐसे में हर नागरिक का कर्तव्य है कि हाथियों का संरक्षण करे।


आज हाथियों का संरक्षण बहुत ही जरूरी हो गया है। क्योंकि, पिछले कुछ सालों से हाथियों की संख्या में भारी गिरावट आई है। जो चिंता का विषय है। इस दिन को पहली बार 12 अगस्त, 2012 को लॉन्च किया गया था। देश में 2017 में आखिरी बार हाथियों की गिनती की गई थी। 2017 में हुई हाथियों की गिनती के अनुसार भारत में 30 हजार हाथी हैं, लेकिन धीरे-धीरे इनकी संख्या कम होती जा रही है।


मानव और हाथियों के बीच बढते द्वंद को कम करने यह कार्यक्रम कारगार साबित होगा – कलेक्टर निलेश क्षीरसागर




विश्व हाथी दिवस के अवसर पर आज गुरूवार को तहसील मुख्यालय मैनपुर वन विभाग मैदान में गरियाबंद वनमंण्डल द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया, कार्यक्रम का शुभारंभ गरियाबंद जिला के कलेक्टर निलेश क्षीरसागर ने पुजा अर्चना व दीप प्रज्जवलन कर किया, इस मौके पर प्रमुख रूप से वनमंण्डलाधिकारी गरियाबंद मंयक अग्रवाल, जिला पंचायत सभापति लोकेश्वरी नेताम, शहर कांग्रेस अध्यक्ष रामकृष्ण ध्रुव, जनपद सदस्य डाकेश्वर नेगी, कमार समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनसिंह सोरी, आदिवासी नेता भोजलाल नेताम, वन प्रबंधन समिति के अध्यक्ष प्रेमसाय जगत तथा वरिष्ठ जन उपस्थित थे, इस दौरान गरियाबंद कलेक्टर निलेश क्षीसागर ने विश्व हाथी दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि यह दिवस हाथियों के संरक्षण गैर कानूनी अधिकार उनके बेहतर ईलाज और ग्रामिणो में जागरूकता प्रदान करने के लिए मनाया जा रहा है,



हमारे गरियाबंद जिला घने जंगलो से घिरा हुआ है, और यहा लंबे समय से हाथियों के दलो का आगमन हो रहा है, इसलिए जंगली हाथियो से ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए वन विभाग द्वारा हाथी मित्रदल व अनेक प्रकार के जागरूकता के माध्यम से हाथी दल गांव में पहुचने से पहले ग्रामीणों को सुचित किया जा रहा है , जिससे ग्रामीण सुरक्षित रहे, कलेक्टर निलेश क्षीरसागर ने कहा कि मै स्वंय वन विभाग के डीएफओं के साथ हाथी प्रभावित ग्रामो में रात को निरीक्षण के लिए पहुचा था, उन्होने वन विभाग को निर्देष दिया है कि हाथी प्रभावित ग्रामो में लोगो को हाथियों के हमले से बचाने के लिए जन धन हाथी रोकने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए।


गरियाबंद वनमंण्डल में हाथियों के द्वारा पहुचाये नुकसान का 75 लाख रूपये क्षतिपूर्ति राशि वितरण किया गया है – मयंक अग्रवाल



डीएफओ गरियाबंद मंयक अग्रवाल ने कहा ओडिसा से लगातार हाथियों का दल गरियाबंद क्षेत्र के जंगल में पहुच रहा है पिछले कई वर्षो से 34 की संख्या में हाथियों का दल लगातार क्षेत्र के जंगलो में विचरण कर रहे है, हाथियों के द्वारा ग्रामीणाें के फसल व मकान क्षति की अब तक 75 लाख रूपये की मुआवजा राशि वितरण किया जा चुका है, उन्होने कहा कि हाथियो में याददाश्त के साथ सुघने की क्षमता 10 गुना ज्यादा रहती है, और हाथी ग्रामीणो क्षेत्रो मे जिस घरो में महुआ रहता है उस घर को ज्यादा क्षति पहुचाता है इसलिए हाथी प्रभावित ग्रामो में महुआ को संग्रहित कर न रखे श्री अग्रवाल ने कहा कि 40 गांव में सायरन लगा जा रहा है, जो हाथियों के गांव आने से पहले ग्रामीणों को इसकी सूचना दिया जायेगा।


जिला पंचायत सदस्य लोेकेश्वरी नेताम ने कहा कि हाथी प्रभावित ग्रामो में प्रधानमंत्री आवास योजना का ग्रामीणाें को ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलाये इस दौरान हाथी विशेषज्ञ गौरव नेलानी एंव उपवनमंण्डलाधिकारी राजेन्द्र सोरी ने भी हाथी और मानव के बीच बढते द्वंद को कम करने के सबंध में जानकारी। कार्यक्रम के दौरान कई स्वः सहायता समूह को सिलाई मषीन, टार्च, दर्री, कंबल, मेट तथा पौधा वितरण किया गया।

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