आज का सुविचार(चिन्तन) - fastnewsharpal.com
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आज का सुविचार(चिन्तन)

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💠 *Aaj_Ka_Vichar*💠

🎋 *..15-12-2021*..🎋


✍🏻परिवर्तन के बिना प्रगति असंभव है और जो अपने मन को नहीं बदल सकते, वे कुछ भी नहीं बदल सकते, परिवर्तन को स्वीकार करें। परिवर्तन ही कुदरत का नियम है। परिवर्तनशील आत्मायें सामना करने की शक्ति से भरपूर होती हैं।

💐 *Brahma Kumaris Daily Vichar* 💐

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  💥 *विचार परिवर्तन*💥


✍🏻घड़ी की सुईयों की तरह जीवन में अपने रिश्तों को बनाए रखें, कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई तेज है और कोई धीमा मायने रखता है आपस में जुड़े रहना।

🌹 *Brahma Kumaris Daily Vichar*🌹

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💧 *_आज का मीठा मोती_*💧

_*15 दिसंबर:-*_ कर्मो द्वारा सत्य और असत्य को परखना सहज है, सत्य मार्ग में सुख होता है और असत्य मार्ग में हमेशा दुःख होता है।

        🙏🙏 *_ओम शान्ति_*🙏🙏

       🌹🌻 *_ब्रह्माकुमारीज़_*🌻🌹

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 *"जब हमारे मन में काम,क्रोध, लोभ,मोह या अहंकार के भाव का उदय होता है ,तो किसी भी भावना के आवेश के आते ही शरीर मे एक रासायनिक क्रिया स्वतः आरंभ हो जाती,जो हमारी बुद्धि को प्रभावित कर देती...प्रभाव सकारात्मक हो तो आवेश ,बुद्धि का सहायक बन कर कर्म के मार्ग के लिए साहस और क्षमता अर्जित कर देता और हम ख्याति पाने के लिए अद्भुत कार्य भी कर गुज़रते...और यदि आवेश नकारात्मक हो तो हमें पतन के मार्ग पर अग्रसर कर देता...तो आइए आज अपने प्रभु से जीवन के हर भाव की सकारात्मक ऊर्जा की अलौकिक प्रार्थना के साथ..."*
                ओम शांति
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 *सहनशीलता, समर्पण और मौन आपकी उपयोगिता और मूल्य दोनों को बढ़ा देती है। दूध, दही, छाछ, मक्खन और घी एक ही वस्तु के  परिवर्तित रूप होने के बावजूद भी सबका मूल्य अलग - अलग ही होता है क्योंकि श्रेष्ठता जन्म से नहीं अपितु अपने कर्म, व्यवहार और गुणों से होती है। घी तपता है, समर्पण करता है और अग्नि के ताप को भी मौन होकर सहता है इसलिए उपयोगी और मूल्यवान बन पाता है।*
           ओम शांति
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*रिश्ते हमेशा "तितली" जैसे होते है*

*जोर से पकड़ो तो "मर" जाते है*

*छोड़ दो तो "उड़" जाते हैं*

*और प्यार से पकड़ो तो उँगलियों पर*

*अपना "रंग" छोड़ जाते है..*

*जिंदगी की सुंदरता इस बात मैं नहीं है कि हम कितने खुश रहते है,*

*बल्कि इस बात मैं है कि कितने लोग हमसे खुश रहते है.....*
       ओम शांति
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अनमोल वचन :

सुख-दुःख ,मान अपमान,डर ,पीड़ा ,जन्म मृत्यु ,इच्छाए़ँ काम,क्रोध,मोह,लालच,अहम आदि सब कुछ शरीर से  जुड़े हैं । जब  तक मनुष्य खुद  को शरीर समझता है,तब तक वो इन सब का  अनुभव करता रहता है ।किंतु जब मनुष्य खुद को आत्मा समझने लगता है  तब वो इन सब भावनाओं से  ऊपर उठ जाता है,तब ना उसेसुख दुःख का अनुभव होता है और ना मान, अपमान ,ना कोई  डर ।वो इन चक्र से बाहर आ जाता है । उसकी सब इच्छाएँ भी खत्म हो जाती हैं और हर पल वो केवल असीम आनंद का अनुभव करता है ।

🙏ओम् शांति🙏

🎈आपका दिन शुभ हो🎈

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अनमोल वचन :

सुख-दुःख ,मान अपमान,डर ,पीड़ा ,जन्म मृत्यु ,इच्छाए़ँ काम,क्रोध,मोह,लालच,अहम आदि सब कुछ शरीर से  जुड़े हैं । जब  तक मनुष्य खुद  को शरीर समझता है,तब तक वो इन सब का  अनुभव करता रहता है ।किंतु जब मनुष्य खुद को आत्मा समझने लगता है  तब वो इन सब भावनाओं से  ऊपर उठ जाता है,तब ना उसेसुख दुःख का अनुभव होता है और ना मान, अपमान ,ना कोई  डर ।वो इन चक्र से बाहर आ जाता है । उसकी सब इच्छाएँ भी खत्म हो जाती हैं और हर पल वो केवल असीम आनंद का अनुभव करता है ।

🙏ओम् शांति🙏

🎈आपका दिन शुभ हो🎈

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