भ्रष्टाचार---नहर मरम्मत के नाम पर करोड़ों का भ्रष्टाचार में राज्य सरकार के विभागीय अमला मौन ...प्रीतम सिन्हा भाजपा नेता
भ्रष्टाचार---नहर मरम्मत के नाम पर करोड़ों का भ्रष्टाचार में राज्य सरकार के विभागीय अमला मौन ...प्रीतम सिन्हा भाजपा नेता
आरोप-कार्यपालन अभियंता और संबंधित अधिकारियों ने मिलीभगत कर किया गड़बड़झाला...
[ 01] जल संसाधन विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप
[02 ] अधिकारी-कर्मचारी के नामजद शिकायत
[03] विधानसभा में उठ चुका मामला
[ 04 ] सालभर बाद भी नहीं हुई जांच
जिला गरियाबंद के जल संसाधन संभाग गरियाबंद पर भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप लगा है। एक्टिविस्ट एवं भाजपा नेता प्रीतम सिन्हा ने सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अधिकार पर यह आरोप लगाया है। उन्होंने विभाग के दो अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए 29 दिसम्बर 2021 को DGP से शिकायत की है। उन्होंने शिकायत के साथ 185 पन्नों के सबूत भी पेश किए है। अब इस मामले की जांच गरियाबंद एसडीओपी पुष्पेंद्र नायक कर रहे हैं।
शिकायतकर्ता प्रीतम सिन्हा के मुताबिक पूरा मामला 2019-20 के पीस वर्क का है। जल संसाधन विभाग द्वारा इस दौरान 6 सब डिवीजन में नहर रिपेयरिंग पीस वर्क के नाम पर करोड़ो रूपये के भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है। उनके मुताबिक किसानों को फसल के लिए पानी उपलब्ध हो इसके लिए विभाग द्वारा नहरों की मरम्मत की जानी थी लेकिन विभाग ने पैसे का बंदरबांट कर करोड़ो के भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है।
कहाँ कितना काम...
प्रीतम सिन्हा के मुताबिक विभाग द्वारा जिन 6 सब डिवीजन में कार्य को अंजाम दिया है उनमें राजिम सब डिवीजन में 6 कार्य 15 लाख, छुरा 13 कार्य 31 लाख, गरियाबंद 1 में 17 कार्य 41 लाख, पांडुका 5 कार्य 12 लाख, देवभोग 4 कार्य 10 लाख और फिंगेश्वर 5 कार्य 12 लाख शामिल है। उनके मुताबिक 112 लाख के कुल 46 कार्यों में विभाग द्वारा भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है। उन्होंने इसको लेकर पी.के आनंद तत्कालीन कार्यपालन अभियंता एवं एक साहयक ग्रेड 2 के खिलाफ डीजीपी से नामजद शिकायत करते हुए मामले की जांच की मांग की है।
विधानसभा में उठा मामला
प्रीतम सिन्हा के मुताबिक मामला बड़ा एव जनहित से जुड़ा होने के कारण अभनपुर विधायक धन्नेद्र साहू विधानसभा में उठा चुके हैं। 28 अगस्त 2020 को उन्होंने मामले को विधानसभा में उठाते हुए जांच की मांग की थी। उनकी मांग पर अपर मुख्य सचिव स्तर जांच कमेटी भी बनी, मगर अबतक कोई जांच नही हुई। उन्होंने जांच कमेटी पर मामले में लीपापोती का आरोप लगाया है।
क्या कहते है जांच अधिकारी
मामले की जांच कर रहे गरियाबंद एसडीओपी पुष्पेंद्र नायक ने शिकायत मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। सबंधितो के ब्यान दर्ज किए जा रहे है। उन्होंने जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। वही जल संसाधन विभाग मामले को लेकर कुछ भी बोलने को तैयार नही है।
शिकायतकर्ता का आरोप
शिकायतकर्ता प्रीतम सिन्हा के मुताबिक गरियाबंद सिंचाई विभाग भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुका है। उनके मुताबिक यह कोई पहला मामला नही है जब विभाग पर गंभीर आरोप लगे हो बल्कि इसके पूर्व भी विभाग पर कई मामलों में भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके है। उन्होंने दावा किया कि यदि मामलों की निष्पक्ष जांच हो तो भ्रष्टाचार के कई बड़े पर्दे फाश हो सकते हैं। उन्होंने इस मामले की भी पुलिस विभाग से जल्द जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।