लता मंगेशकर की शोक सभा-लत छोड़ गई ,लता चली गई ,अमरलता... रह गई*
लता मंगेशकर की शोक सभा-लत छोड़ गई ,लता चली गई ,अमरलता... रह गई*
,नवापारा नगर,7 फरवरी,
गीत संगीत की दुनिया की ऐसी शहशांह जो पहले कोई नहीं थी, न अब कोई होगी। स्वर कोकिला सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर जिनका पार्थिव शरीर आज नहीं है लेकिन उनके सुर गीतों के माध्यम से लाखों-करोड़ों आत्माओं के दिल में एक ऐसी छाप छोड़ गए जो न चाहते भी, उनकी आवाज होटों ,तालुका से गुनगुनाएगे। जैसे किसी शराबी को लत पड़ गई हो शराब की, जो उसके बिगर रह न सके, ऐसे ही उनके गीत सदा सदा के लिए अमरलता बेल की तरह दिन दूनी रात चौगुनी ,कानों से सुनी, सुनाई जाएंगे ।गीतों के माध्यम से सदा याद आया करेगी। ऐसी अद्भुत मिसाल भौतिक शरीर छूटने के बाद भी आने वाली सदियों में *अमर* लता बेल की तरह रहेगी ।जिस तरह से अमरलता की बेल पेड़ पौधों की शाखा पर बिना जड़, बिना जमीनी आधार पर सदा आगे बढ़ती रहती है ऐसी लता कारणे, अकारणे सामाजिक ,सांस्कृतिक, राष्ट्रीय, धार्मिक व जीवन के सामान्य प्रसंगों पर याद आया करोगी।
आपके द्वारा गाए हुए गीत इस लाइन के रूप में, रहे ना रहे हम, फिर भी महका करेंगे ........ यह याद आया करेगी। यह विचार धार्मिक प्रभाग के इंदौर जोनल कोऑर्डिनेटर ब्रहमा कुमार नारायण भाई ने ओमशांति कॉलोनी के ब्रह्मा कुमारी सभागृह में स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर की आत्मा को शांति सभा में अपने विचार सभी के सामने रखें। इस अवसर पर ब्रह्मा कुमारी पुष्पा बहन ने कहा कि सुरीली आवाज की दुनिया छोड आवाज की दुनिया से पार चली गई। वह आत्मा मां सरस्वती की अमर पुत्री थी, उनके जबान पर मां सरस्वती की तरह मीठे दिल आकर्षित सुर निकलते थे। आज उनके सुर मौन है,साज खामोश है, परंतु दिल जिंदा है। यह संयोग रहा जो मां सरस्वती की उपासना के अगले ही दिन उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा। कार्यक्रम में सभी ब्रह्माकुमार भाई बहनों ने तीन मिनिट परमात्मा शिव की याद मे रह उस आत्मा को शांति व शक्ति का दान दिया।