अध्यात्म
अनमोल वचन
आज का सुविचार
आज का सुविचार-चिंतन
आज का सुविचार(चिन्तन)
सोमवार, 28 फ़रवरी 2022
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💠 *Aaj_Ka_Vichar*💠
🎋 *..28-02-2022*..🎋
✍🏻संसार के हर वस्तु के अच्छे-बुरे दो पहलू हैं। जिनकी दृष्टि अच्छी है उन्हें उसमें अच्छाई नजर आती है और जो बुरा देखने के आदी हैं उन्हें बुराई पहले ही दिख जाती है।
💐 *Brahma Kumaris Daily Vichar*
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💥 *विचार परिवर्तन*💥
✍🏻उम्मीद, उतार चढ़ाव, अनपेक्षित घटनाएं (परिणाम) और समस्याएं जीवन का हिस्सा है। हर परिस्थिति मे कभी उम्मीद ना खोना क्यूंकि रात्रि का घोर अंधियारा सवेरे की सूर्य प्रकाश से ख़तम हो जाता है।
🌹 *Brahma Kumaris Daily Vichar*🌹
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💧 *_आज का मीठा मोती_*💧
_*28 फरबरी:-*_ एक गॉड के बच्चे हम एक है, सब में एकता हो, हम सब एक पिता परमात्मा की मत पर चले।
🙏🙏 *_ओम शान्ति_*🙏🙏
🌹🌻 *_ब्रह्माकुमारीज़_*🌻🌹
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*जीवन एक यात्रा है रो कर जीने से बहुत लम्बी लगेगी और हंस कर जीने पर कब पूरी हो जाएगी पता भी नहीं चलेग ।*
ॐ शांति
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*ह्रदय कैसे चल रहा है यह डाक्टर बता देंगे परन्तु ह्रदय में क्या चल रहा है; यह तो स्वयं को ही देखना है...!!*
ओम शान्ति
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*सुख स्वप्न है, एक समय टूटेगा, दुःख मेहमान है, एक दिन जायेगा, सुख में सपर्पण और दु:ख में प्रभु स्मरण करो!!🙏*
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अनमोल वचनः
खुद को बचाने के लिए कभी दूसरों को दोष मत दो,क्योंकि समय के पास सच्चाई को सामने लाने का अपना ही तरीका है ।
🙏ओम् शान्ति 🙏
💐आपका दिन शुभ हो 💐
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ऊंचा होने का गुमान और , छोटा होने का मलाल मिथ्या है*..l
*खेल खत्म होने के बाद शतरंज♟️ के सभी मोहरे एक ही डिब्बे में रखे जाते हैं* ll
*जब तक एक👬🏼👭🏻👫🏻👨👩👧👦🤝🏻 दूसरे की*
*मदद करते रहेंगे,*
*तब तक कोई भी❌ नही गिरेगा*।
*चाहे💺 व्यापार हो,*
*परिवार👨👩👧👦 हो या फिर🌍 समाज!* good👆🏻💫🇲🇰🌌🧘🏻♀️🧘🏻♂️night😊 .
🇲🇰ओम शांति ब्रह्मा मुख द्वारा सत्य गीता ज्ञान दाता निराकार शिवभगवानुवाच |🇲🇰
♨️मीठे बच्चे ऊंचे ते ऊंचे बाप की महिमा है, सबसे ऊंची, सबसे भारी | पतित दुखी अशांत होने पर, उनको ही पुकारती है, दुनिया सारी | 🌎
💐सारे विश्व में, पीस स्थापन करना, उनकी ही है जिम्मेवारी | इस दुनिया में चारों ओर है लड़ाई झगड़ा और मारामारी |🗼
🦍 पतित देह अहंकारीयों की, है यह कमजोरी | दो युगो की है यह, खतरनाक बीमारी | जिसको मिटाने आए हैं, स्वयं भगवान बाप निराकारी |
🇲🇰अब उस मीठे पिता परमात्मा के बनो, आज्ञाकारी | भूलकर देह और देहधारी | याद की यात्रा रखो, निरंतर जारी | 👨🏼🦱
🧎🏻अपने को समझो आत्मा, अशरीरी | फिर से पवित्रता सुख-शांति संपन्न होगी, दुनिया हमारी | कहते हैं जिसे, स्वर्ग नगरी, कृष्ण पुरी |🦚
*फल और फूल*
*पेड़ पर पत्तों से कम होते हैं*
*परन्तु फिर भी वो पेड़*
*उन्हीं के नाम से जाना जाता है l*
*उसी तरह,*
*हमारे पास अच्छी बातें*
*कितनी ही क्यूँ ना हों,*
*पर पहचान*
*तो सिर्फ अच्छे कर्मों से ही होती है*.
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