*ध्वजारोहण व विशाल घटयात्रा के साथ सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर में पंचकल्याणक महा महोत्सव शुरू* - fastnewsharpal.com
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*ध्वजारोहण व विशाल घटयात्रा के साथ सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर में पंचकल्याणक महा महोत्सव शुरू*

 धर्म ध्वजा दूर दूर के व्यक्तियों को आकर्षित करती है-आचार्यश्री विद्यासागरजी



*ध्वजारोहण व विशाल घटयात्रा के साथ सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर में पंचकल्याणक महा महोत्सव शुरू* 

  सुरेन्द्र जैन

बर्तमान के वर्धमान परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागरजी महामुनिराज ने सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर जी मे आयोजित सदी के सबसे बड़े महापंचकल्याणक के शुभारंभ अवसर पर कहा कि धर्म ध्वजा दूर दूर के व्यक्तियों को आकर्षित करती है।




   आचार्यश्री ने कुण्डलपुरजी सिद्धक्षेत्र में  महा महोत्सव का ध्वजारोहण एवं घटयात्रा  के मध्यम से शुभारंभ होने के बाद अपने अनमोल वचनों में कहा कि ध्वजारोहण के द्वारा दूर दूर के व्यक्ति भी आकर्षित हो जाते हैं ध्वजारोहण देखने से तब आनंद की अनुभूति होती है जब वह लहरात है ध्वजा अपने आप नहीं  लहराती बल्कि उसे लहराने पवन का सहारा चाहिए पवन हवा दिखती नहीं हैं हवा के सहयोग से वह लहराने लगती हैं ध्वजा देखने से ही मन को प्रसन्न कर देती हैं ये प्रतीकात्मक है प्रतीक्षा थी जिस घड़ी की वह घड़ी आ रही हैं अपने भावों को हवा की भांति अभिमान रहित बनाएं आपकी आस्था आपकी भावना ये सब कुछ भीतर है इनको व्यक्ति करने की भावना भाव बनाएं

बहुत प्रतिक्षा के वाद इस महा महोत्सव की क्रिया होगी समय के अनुसार होंगे सभी कार्य 

   आचार्यश्री ने आगे कहा कि हमारी ध्वनि देखने को नहीं मिलती लेकिन ध्वनि विस्तारक यंत्रों दारा दूर दूर तक सुनाई पड़ती है हम अपनी ध्वनि का योजनो विस्तार तपस्या के माध्यम से कर सकते हैं वह तार की जरूरत नहीं होती लेकिन तार से ही सब कुछ सुनाई पड़ता हैं।

*एक साथ पच्चीस ध्वज फहरे* 

 ध्वजारोहण के साथ श्री मद् जिनेन्द्र त्रिकाल चौबीसी  पंच कल्याण प्रतिष्ठा महा महोत्सव का भव्यातीभव्य शुभारंभ संत शिरोमणि आचार्यश्री विद्यासागरजी महामुनिराज के विशाल संघ के  सान्निध्य में जैन गौरव जैन समाज के भामाशाह श्री अशोक कुमार सुरेश कुमार विमल कुमार पाटनी आर के मार्बल किशनगड़ राजस्थान द्वारा किया साथ ही चौबीस ध्वजाओ का आरोहण किया गया जिनका सौभाग्य देश के गणमान्य श्रेष्ठीयो को मिला।

*विशाल घटयात्रा जलूस निकला*

मध्यप्रदेश महा सभा के संयोजक विजय जैन धुर्रा ने वताया कि श्री मद् जिनेन्द्र  त्रिकाल चौबीस पंच  कल्याण प्रतिष्ठा महा महोत्सव में आज दोपहर में भव्यातिभव्य विशाल सोभायात्रा मान स्तंभ प्रांगण  से प्रतिष्ठा चार्य बाल ब्रह्मचारी बिनय भैया  नितिन भइया द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ कूट से पावन जल लेकर महा महोत्सव स्थल की ओर वड़ चला इस सोभायात्रा में आगे आगे बड़े बड़े ध्वज चल रहे थे पंचकल्याणक प्रतिष्ठा 

ध्वजारोहण समारोह को संबोधित करते हुए आचार्यश्री विद्या सागर जी महाराज ने कहा कि कोई काम करना होता है तो कार्यकर्ताओ की आवश्यकता पड़ती है इसके वाद भी आलस्य नहीं छोड़ा तो कोई मतलब नही है सेना के दारा जब कोई कार्य होता हैं तो उसे युद्ध स्तर पर कार्य कहा जाता है इसी प्रकार देवो दारा जो कार्य किया जाता है वह अदुतिये होता हैं 

आप नीचे कार्य नहीं कर पा रहे हैं तो ऊपर हवा में सब कार्य हो गया आचार्यश्री ने कहा कि ध्वजा मंगल कामना प्रतीक होतीं हैं मंगलम शुभव मंगल पवित्र वस्तुओ को बुलाता हैं मंगल मल को भी दूर कर देता है ओर शुगंधी फैलाता है तो दुर्गंध को दूर हो जाती है आप लोगों से हमारा कहना है कि आप लोगों को कैसा लग रहा है आप लोग हम से पूछ सकते हैं 

बड़े बाबा के यहाँ मन्दिर बनना बहुत कठिन है वे सही कहते थे पूत सपूत तो का धन संचय देव लोग यहाँ बैठे तो कहा बैठेंगे जगह ही नहीं हैं आप लोगों को रात और दिन काम करना है तो दिन 

जब पूरा पैपर विद्यार्थी लेता है तो पूरक कापी वहां लिए खड़े रहते हैं 

संस्कृति जव बड़े बाबा की है तो वहां प्रकृति तो स्वतः आ ही जायेगी 

*जहाँ प्रकृति साथ नहीं देगी वह संस्कृति काम नहीं*

आचार्य श्री ने कहा कि जहाँ प्रकृति साथ नहीं देती वह संस्कृति काम नहीं करती

यह समय ऐसा है  ना ही इस समय गर्मी की आवश्यकता है नहीं सर्दी  के लिए किसी चीज की आवश्यकता है यहाँ कामधेनू रूप कुछ वर्षों हो जाये तो भी कोई बात नहीं सब कुछ सुवीछ सब कुछ सुविधाये यहाँ मिलती हैं यहाँइस धरती पर अंनतो ने तपस्या की है तो वहां पुण्य कहा जायेगा यहाँ कितने प्रतिष्ठा चार्य हैं कह नहीं सकते जव यहाँ चौबीस विधि नायक हैं तो चौबीस सौधर्म इन्द्र चौबीस माता पिता को चौबीस चक्रवर्ती होंगे तो प्रतिष्ठा चार्य व्रह्मचारी भी होंगे थोड़ी थोड़ी सब मेहनत करेंगे थोड़ी थोड़ी महाराज के प्रवचन होंगे हमारे यहाँ कोई सन्देह नहीं है यहाँ कोई दे ही नहीं हैं तो सन्देह होही नहीं सकता इस पवित्र पावन भूमि को वार वार नमन करते हैं 

*भगवान का हुआ महा  अभिषेक*

आचार्य श्री के सान्निध्य में पहली बार एक साथ चौबीस भगवान का अभिषेक किया गया जिसका सौभाग्य अशोक पाटनी सन्तोष सिघई आनंद स्टील अजय धनगशिया सहित अन्य भक्तों ने किया

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