*आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत ब्रह्माकुमारीज़ मण्डला द्वारा "महिलाएं- नए भारत की ध्वजवाहक" विषय में किया गया सेमिनार*
*आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत ब्रह्माकुमारीज़ मण्डला द्वारा "महिलाएं- नए भारत की ध्वजवाहक" विषय में किया गया सेमिनार*
मण्डला
देश की आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत ब्रह्माकुमारीज़ मण्डला के द्वारा कार्यक्रम किया गया। महिलाएं- नए भारत की ध्वजवाहक विषय के अंतर्गत "संस्कार परिवर्तन एवं व्यवहार-आहार शुद्धि सेमिनार" किया गया।
यह कार्यक्रम बस स्टैंड के पीछे स्थित "विश्व शांति भवन", में हुआ। इस कार्यक्रम में मण्डला सेवाकेंद्र संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी ममता दीदी जी साथ में ब्रह्माकुमारी ओमलता दीदी जी, प्राचार्य डॉ.रश्मि बाजपेई जी, समाजसेविका अर्चना जैन जी, पार्षद ज्योति बाजपेई जी एवं भाई बहन उपस्थित रहे।
सर्वप्रथम ब्रह्माकुमारी शिवकुमारी बहन ने सभी अतिथियों का फूल गुलदस्ते और बैज लगाकर स्वागत किया।
ब्रह्माकुमारी ओमलता दीदी जी ने सभी को ब्रह्माकुमारीज़ के द्वारा "आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर" के अंतर्गत किये जा रहे कार्यक्रम की जानकारी दीं।साथ ही बताया कि आहार से ही हमारा व्यवहार बनता है, जिसका आहार जैसा होता है व्यवहार भी वैसा ही हो जाता है।
अर्चना जैन जी ने सभी महिलाओं को बताया कि भारतीय संस्कृति का आहार बहुत अच्छा है। साथ ही महिलाओं को कहा कि जब हम बदलेंगे तब युग बदलेगा। इसलिए हमें बहुत सच्चे होकर रहना है और हमें कभी भी अन्याय सहन नही करना है। साथ ही कविताओं के माध्यम से सभी को सुंदर संदेश दिया।
डॉ. रश्मि बाजपेई जी ने कहा कि हम अपने बच्चों में अच्छे संस्कार डालेंगे, उनका आहार व्यवहार शुद्ध होगा और यही आज के सेमिनार का महत्वपूर्ण उद्देश्य होगा।
पार्षद ज्योति चौरसिया जी ने ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा किया जा रहे कार्यों की प्रशंसा की।
राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी ममता दीदी जी ने सभी महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि संस्कार अनेक प्रकार के होते हैं और छोटी छोटी आदतों से मिलकर संस्कार बनते हैं। देवी संस्कार, स्वर्णिम भारत बनाने के संस्कार धारण कर नए भारत की ध्वजवाहक बन देश का ध्वज ऊंचा उठाने के लिए महिलायें आगे आ सकती हैं। अपने जीवन से दूसरों को प्रेरणा दे सकती हैं।
सभी ने इस कार्यक्रम की बहुत प्रशंसा की साथ ही आगे भी ऐसे विभिन्न सेमिनार करने के लिए कहा।