*महिलाएं नए भारत की ध्वजवाहक --ब्रह्मा कुमारीज नगरी*
*महिलाएं नए भारत की ध्वजवाहक --ब्रह्मा कुमारीज नगरी*
नगरी
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवा केंद्र नगरी में आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर के तहत अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया जिसका मुख्य विषय रहा महिलाएं नए भारत की ध्वजवाहक ।
उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में सिहावा विधानसभा क्षेत्र की विधायिका डॉक्टर लक्ष्मी ध्रुव जी विशिष्ठ अतिथि के रूप में पिंकी शिवराज शाह जी, पूर्व विधायक श्रीमती आराधना शुक्ला अध्यक्ष नगर पंचायत नगरी, श्रीमती दिनेश्वरी नेताम जनपद अध्यक्ष नगरी, अमिता दुबे, श्रीमती श्वेता नाग, श्रीमती शैल चंद्रा प्राचार्य, श्रीमती आभा श्रीवास्तव आदि रहे । कार्यक्रम की शुरुआत माता सरस्वती के समक्ष मुख्य अतिथि डॉक्टर लक्ष्मी ध्रुव जी के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गयाl मुख्य अतिथि डॉक्टर लक्ष्मी ध्रुव ने कहा सभी अपने अपने कार्य क्षेत्र में सक्रिय भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं आज की युवा पीढ़ी इस स्वर्णिम युग में अपने मार्ग से भटक रहे हैं जिस पर आप सभी एक समाज सुधारक के रूप में सक्रिय भूमिका निभाएंगे जिससे हमारे क्षेत्र भी आगे बढ़ेगा साथ ही हमारे क्षेत्र के पढ़ने वाले बच्चे सही समय में उचित विषय का चुनाव करके क्षेत्र के विकास में अपना योगदान देंगे अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ईश्वर ने महिलाओं में बहुत सारे गुण दिए हुए हैं जिससे सबसे बड़ा गुण है माता जननी होती है जो सृष्टि का निर्माण करती हैं जो कि महिलाओं के लिए गर्व की बात है संस्था की संचालिका ब्रम्हाकुमारी माधुरी बहन ने महिला दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा भारतीय संस्कृति में नारी के सम्मान को बहुत महत्व दिया जाता है यत्र पूज्यंते नार्यस्तु तत्र रमंते देवता । बच्चों में संस्कार भरने का काम मां के रूप में नारी द्वारा ही किया जाता है इसीलिए मां को प्रथम गुरु की संज्ञा दी गई है भारतीय संस्कृति में महिलाओं को देवी दुर्गा मां लक्ष्मी का यथोचित सम्मान प्राप्त है अतः प्रत्येक नारी को उचित सम्मान दिया जाना चाहिए । आगे पूर्व विधायक का पिंकी शिवराज शाह ने कहा कि महिलाएं समाज का मुख्य हिस्सा होती है तथा आर्थिक राजनीतिक सामाजिक क्रियाओं में एक बड़ी भूमिका का निर्वहन करती है ।
इसी तारतम्य में श्रीमती आराधना शुक्ला जी ने कहा कि नारी के रूप को देवी का रूप मानते हैं इसका सम्मान पूरे संसार को बदलने की क्षमता रखता है अतः नारी का स्थान सम्माननीय होना चाहिए । उक्त कार्यक्रम में मनोरंजन से भरपूर विभिन्न प्रकार के खेल आयोजित किए गए जैसे कुर्सी दौड़, मोमबत्ती जलाओ प्रतियोगिता, गुब्बारा ढूंढो प्रतियोगिता तथा आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम मे सामूहिक व एकल नृत्य प्रस्तुत किए गए जो मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा साथ ही आकर्षक गीत प्रस्तुत किए गए। अंत मे सभी प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरण एवं अतिथियों को सौगात देकर कार्यक्रम की समापन की घोषणा की गई।