आरंग क्षेत्र के किसान परेशान ,आखिर कौन देगा इस पर ध्यान...????
आरंग क्षेत्र के किसान परेशान ,आखिर कौन देगा इस पर ध्यान...????
आरंग
देश के अन्नदाता का जहां एक ओर प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी जी सम्मान करते है वही दूसरी ओर सम्बलपुर डिवीजन रेल विभाग ने किसान विरोधी नीति अपनाते हुए नहर-नाली को ही समतलीकरण कर सड़क बना दिया। आरंग-महानदी रेलवे स्टेशन के पास ओड़का फाटक मे रेल विभाग ने अपनी जमीन का हवाला देकर किसानों के खेतों में पानी जाने का रास्ता ही बंद कर दिया। रेल विभाग के इस कार्यवाही से किसानों में भारी आक्रोश है।
रेल विभाग ने बाईपास चौड़ीकरण सड़क निर्माण के दौरान भी नाली नंबर 21 में टेल क्रमांक 1 के स्थायी या अस्थायी नाली की जानकारी होने के बाद भी कोई पहल नहीं किया। रेल विभाग के इस किसान विरोधी नीति का लोक निर्माण विभाग ने भी मौन समर्थन ही किया।
नहर-नाली का अस्तित्व ही नही होने से ग्राम-ओड़का-अकोली-आरंग क्षेत्र किसानों के 500 एकड़ खेतों में सिंचाई व्यवस्था 100% प्रभावित हुआ है।
किसानों के द्वारा लगातार तीन वर्ष से मांग किया जा रहा है कि नाली नंबर 21 में टेल क्रमांक 1 का पुनर्निर्माण किया जावे लेकिन रेल विभाग ,लोक निर्माण विभाग ,सिंचाई विभाग ने भी ध्यान नहीं दिया।पिछले दो साल तक अच्छी बारिश होने के कारण किसानों को सिंचाई हेतु अधिक समस्या का सामना नहीं करना पड़ा लेकिन इस वर्ष 2021-22 में पानी नहीं गिरने एवं नहर-नाली में पानी विलंब से छोड़ने के कारण किसानों के खेतों में सिंचाई व्यवस्था 100% प्रभावित हुआ है। किसानों का फसल उत्पादन भी प्रभावित हुआ है। किसानों ने मांग किया है कि नाली नंबर 21 में टेल क्रमांक 1 में नाली का स्थायी-अस्थायी पुनर्निर्माण किया जावे। इस हेतु सिचाई विभाग के अभियंता-उपयंत्री ने 930 मीटर लंबी नाली निर्माण का स्टीमेट तैयार कर स्वीकृति हेतु विभाग को छै: माह पूर्व ही प्रस्तुत किया था जो अब तक लंबित है।
क्षेत्र के प्रभावित किसानो ने कहा कि किसानों के हित में जनप्रतिनिधि व लोक निर्माण, सिंचाई विभाग, रेल विभाग ने भी किसानों की इस समस्या पर कोई संज्ञान नही लिया।।
क्षेत्र के विधायक व मंत्री ने किसानों की इस गम्भीर समस्या पर एक माह में ही नहर-नाली निर्माण कार्य प्रारंभ का आश्वासन दिया था।
किसानों के माथे में अब भी चिंता की लकीर है क्योंकि मानसून अक्सर 15 जून को छत्तीसगढ़ पहुंचने की संभावना मौसम विभाग द्वारा बताई जाती है। नहर-नाली निर्माण की दिशा में पहल आज दिनांक तक शून्य है।