*श्रमिकों की श्रम शक्ति राष्ट्र की समृद्धि का प्रतीक है --रूपसिंग साहू* - fastnewsharpal.com
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*श्रमिकों की श्रम शक्ति राष्ट्र की समृद्धि का प्रतीक है --रूपसिंग साहू*

 *श्रमिकों की श्रम शक्ति राष्ट्र की समृद्धि का प्रतीक है --रूपसिंग साहू*




गरियाबंद

 सामाजिक कार्यकर्ता एवं भाजपा नेता रूपसिंग साहू ने जिले एवं प्रदेशवासियों को अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर बधाई देते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस देश के विकास में अपना बहुमूल्य योगदान देने वाले मजदूरों कामगारों और मेहनतकशों के लिए आज 1 मई का दिन खास है क्योंकि आज अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस है और इस दौरान राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले सभी श्रमिकों को श्रमिक वर्ग समाज का अभिन्न और महत्वपूर्ण अंग है और उन्हें सम्मान देना हम सभी का परम कर्तव्य है इसी के चलते हर वर्ष 1 मई को दुनिया भर में मजदूर दिवस मनाया जाता है आज अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर राष्ट्र निर्माण में जुटे सभी कर्मठ श्रमिक भाइयों को उनके योगदान के लिए नमन करते हैं 1 मई का दिन भारत ही नहीं पूरी दुनिया के लिए बेहद खास होता है क्योंकि इस दिन को हर साल अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है यह दिन दुनिया के मजदूरों और श्रमिकों को समर्पित है इस दिन को लेबर डे श्रमिक दिवस और मई दिवस जैसे नामों से पुकारा जाता है श्रमिकों की श्रम शक्ति राष्ट्र की समृद्धि का प्रतीक है अपने परिश्रम व दृढ़ संकल्प से आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अद्वितीय भूमिका निभाने वाले सभी श्रमिकों को सलाम करता हूं उन्हें सम्मान देना हम सभी का परम कर्तव्य है यह दिवस श्रमिकों की उपलब्धियों का जश्न मनाने और श्रमिकों के शोषण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है एक महान अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन के लिए एक संकल्प अपनाया जिसमें उन्होंने मांग की कि श्रमिकों को दिन में 8 घंटे से अधिक काम करने के लिए नहीं बनाया जाना चाहिए इसके बाद यह एक वार्षिक कार्यक्रम बन गया और 1 मई को मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाने लगा इससे पहले मजदूरों का बहुत ही ज्यादा शोषण किया गया था क्योंकि उन्हें दिन में 15 घंटे काम करने के लिए बनाया गया था और यह अट्ठारह सौ छियासी का वक्त था कि श्रमिक एक साथ आए और अपने अधिकार के लिए आवाज उठाना शुरू कर दिया विरोध में उन्होंने प्रतिदिन 8 घंटे काम करने और पेड लीव्स के साथ प्रदान करने के लिए कहा भारत में मजदूर दिवस 1923 में चेन्नई में मनाया गया था।

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