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आज का सुविचार
आज का सुविचार-चिंतन
आज का सुविचार(चिन्तन)
शनिवार, 2 जुलाई 2022
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💠 *Aaj_Ka_Vichar*💠
🎋 *..02-07-2022*..🎋
✍🏻मन खराब हो तो भी खराब शब्द ना बोलें, क्योंकि बाद में मन सही हो सकता है, लेकिन बोले गए शब्द नहीं।
💐 *Brahma Kumaris Daily Vichar* 💐
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💥 *विचार परिवर्तन*💥
✍🏻जिन्दगी को जीओ, उसे समझने की कोशिश ना करो। चलते वक्त के साथ चलो, वक्त को बदलने की कोशिश न करो। दिल खोल कर सांस लो, अंदर ही अंदर घुटने की कोशिश न करो। कुछ बातें ईश्वर पर छोड़ दो, सब कुछ खुद सुलझाने की कोशिश न करो।
🌹 *Brahma Kumaris Daily Vichar*🌹
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💧 *_आज का मीठा मोती_*💧
_*02 जुलाई:-*_ परेशान होना अर्थात में सर्व शक्तिमान ईश्वर का बच्चा इस श्रेष्ठ शान से परे होना।
🙏🙏 *_ओम शान्ति_*🙏🙏
🌹🌻 *_ब्रह्माकुमारीज़_*🌻🌹
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🙏 *ॐ शांति* 🙏
*मन* ... एक *सुंदर* सेवक, एक *खतरनाक* गुरु। *"यह मन है जो जीतता है या हारता है'* । आपके *जीवन* की स्थिति... आपकी मानसिकता की स्थिति के *प्रतिबिंब* के अलावा और कुछ नहीं है।
🌸 सुप्रभात...
💐💐 आपका दिन शुभ हो... 💐💐
ओम शांती🌹😊
*"हम आत्मा ही हमारे दुःख और सुख के कारण है जो कि हम अपने कर्म द्वारा रचना करता हूँ"*
☝🏻 जब हम आत्माएँ कर्म करते है जो भी हो.... वे *देह-अभिमान वश* करते है जिससे *अच्छे वा बुरा फल मिलता है जिसपर सुख वा दुःख मिलना निर्भर है*।
👉🏻 और *अच्छे वा बुरे कर्म आत्मा कें संकल्प करने कि आदत पर निर्भर है* ....
👉🏻 देह-अभिमान वश होने से *पांचो विकारवश संकल्प करने के संस्कार बन जाते है....जिसमे स्वार्थ जरूर होता है ....और स्वार्थ वश संकल्प जब कर्म में उतरते है तो क्षणिक सुख मिलता है और आगे परिणाम स्वरूप दुःख ज्यादा मिलता है लेकिन देही-अभिमानी होने से क्षणिक सुख लालसा में अपार दुःख कि पर्वा नही होती* ।
☝🏻 लेकिन यही *कर्म*
👉🏻 ईश्वरीय ब्राह्मण *प्यारे बाबा याद में रहकर करता है तो वह कर्मयोग बन जाता है ....क्योंकी मन प्यारे बाबा की याद में रहने से संकल्प सकारात्मक चलते है और कितनी भी नकारात्मक परिस्थिती/व्यक्ती/घटना हो तो भी सकारात्मक रिती से उसका सामना कर हिसाब-किताब बढने बजाय चुक्तु होता है और हम मुक्त होते है*👈🏻 इसलिए *हम ईश्वरीय ब्राह्मण बच्चों को मनबुद्धी से सदैव प्यारे बाबा कि याद में रहकर कर्म में आना है*😊
🙏 *ॐ शांति* 🙏
हम किसी का बाहरी भेष बदलने में बदलने में मदद कर सकते हैं, लेकिन आंतरिक *आवरण* तो सबको स्वयं ही बदलना पड़ता है। इसमें *भगवान* हस्तक्षेप नहीं करते, वो केवल *राह* दिखाते हैं। चलने की चाह हमेशा हमारी होती है।
🌸 सुप्रभात...
💐💐 आपका दिन शुभ हो... 💐💐
🇲🇰ओम शांति ब्रह्मा मुख द्वारा सत्य गीता ज्ञान दाता निराकार शिवभगवानुवाच l🇲🇰
😵 मीठे बच्चे तुम आत्मा हो, पांच तत्वों के, देह से रहित l अभी उसी स्वरूप में सदा, होकर स्थित l मुझ परमात्मा प्रियतम से, निभाओ सच्ची प्रीत l इस समय, देह, दुनिया, संबंध, कर्म व्यवहार है, मात्र निमित्त I मैं करन करावनहार, तुम आत्माओं से, हर कर्म कर आ रहा हूं नित l🌚
🧎🏻 सदा इसी स्मृति, निश्चय और भावना में रहकर निभाओ, ईश्वरीय जीवन की रीत l फिर हर परिस्थिति पर होगी, तुम बच्चों की जीत l सब प्रकार के, प्रभाव और परिणाम से होकर मुक्त, एक मीठे बाबा में लगा रहेगा चित l 🧓
🌊देह, देह के सर्व संबंध, देह की सुख सुविधा, मन से हो, उनको ही समर्पित l उसको कभी नहीं याद करो, जो गया है बीत l फिर हर पल साथ रहेगा,परमात्मा मीत l 🫴🏻
🌧️अपना कुछ नहीं है, सर्वस्व अपनापन हो, उनको ही अर्पित l फिर सहज हो जाओगे, सूक्ष्म बिंदु रूप और डबल लाइट फरिश्ता स्वरूप में स्थित l 👍🏻
🇲🇰मीठे बाप समान, बन जाओगे, कर्मातित l दिल से, सारी दुनिया गाएगी, आपके ही गीत l भविष्य में, प्रकृति का हर तत्व, खुशी से सुनाएगा, नेचुरल संगीत l🤖
🙏 *ॐ शांति* 🙏
हमारा व्यवहार और योग्यता *मकड़ी* के जाल की तरह होना चाहिये, ये पूरे *संसार* को अपने *वश* में नहीं रख सकता... लेकिन ये हमारे स्वयं के साम्राज्य को वश में रखने के लिये *पर्याप्त* है।
🌸 सुप्रभात...
💐💐 आपका दिन शुभ हो... 💐💐
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