*सिलतरा की सुनील स्पंज फेक्ट्री में ठेकेदार लगातार तीन दिन कराया श्रमिक से काम हुई मौत* *अमानवीयता की सभी हदें की पार* *मरणासन्न अवस्था मे छोड़ गया ठेकेदार घर के सामने*
*सिलतरा की सुनील स्पंज फेक्ट्री में ठेकेदार लगातार तीन दिन कराया श्रमिक से काम हुई मौत*
*अमानवीयता की सभी हदें की पार*
*मरणासन्न अवस्था मे छोड़ गया ठेकेदार घर के सामने*
*गर्भवती पत्नि पति के शव के साथ फेक्ट्री के गेट के सामने चीख चीखकर घँटों रोती रही*
सुरेन्द्र जैन /धरसीवा
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के समीप स्थित ओधोगिक क्षेत्र सिलतरा के फेस टू में मुरेठी मार्ग पर स्थित सुनील स्पंज आयरन फेक्ट्री में लेबर ठेकेदार अपने बारीमेन से तीन दिन लगातार काम कराया और तीसरे दिन अलसुबह मरणासन्न अवस्था मे उसे उसके घर के सामने छोड़कर चला गया उसकी गर्भवती पत्नी परिचितों की मदद से उसे मांढर के निजी अस्पताल लेकर पहुची जहां उसकी मौत हो गई मृतक के मुंह से खून आ रहा था इस अमानवीयता के बाद मृतक की गर्भवती पत्नी फेक्ट्री के सामने अपने पति के शव के साथ घँटों चीख चीखकर रोती रही।
मृत श्रमिक रविन्द्र पासवान के भाई वीरेंद्र पासवान ओर उसके परिचित अमरेंद्र सिंह ने बताया कि मृतक रविन्द्र सुनील स्पंज में पेटी कांट्रेक्टर धनेंद्र साहू के अधीन बारीमेन का काम करता था 3 सितंबर से ड्यूटी गया था ठेकेदार उससे लगातार काम कराता रहा और तीसरे दिन 6 सितंबर की अलसुबह 4 बजे मरणासन्न अवस्था मे उसे उसके घर के सामने छोड़कर चला गया जब उसकी गर्भवती पत्नी अनीता ने अपने पति को इस हालत में देखा तो उसके होश उड़ गए मुंह से खून आ रहा था गर्भवती पत्नी अपने पति की हालत देख घबरा गई उसने परिचितों रिश्तेदारों को बुलाया और किसी तरह मांढर के निजी अस्पताल ले गए जहां उसे मृत बताया गया गर्भवती पत्नी अनिता चीख चीखकर रोती बिलखती अपने पति के शव के शव के साथ शाम को सुनील स्पंज के गेट के सामने पहुची घँटों चीख चीखकर रोती बिलखती रही सूचना मिलते ही चौकी प्रभारी प्रियेश जॉन हमराह स्टाफ के मौके पर पहुचे ।
*मुंह से आता रहा खून*
श्रमिक की मृत्यु का कारण समझ से परे है लगातार ड्यूटी के दौरान आख़िर ऐंसा क्या हुआ कि श्रमिक वीरेंद्र के मुंह से खून आ रहा है पोस्ट मार्डम के बाद ही मृत्यु का कारण स्प्ष्ट हॉगा।
*श्रमिक नेता पहुचे*
सूचना मिलते ही श्रमिक नेता भी मौके पर पहुचे ओर चीख चीखकर रोती बिलखती मृत श्रमिक की पत्नी को शांत कराने और ठेकेदार व प्रबंधन से उचित मुआवजा दिलाने प्रयास किये लेकिन काफी समय बीतने के बाद भी न ठेकेदार की तरफ से न ही प्रबंधन की तरफ से कोई संतोषजनक जबाब आया था ।