पहली बारिश में ही खुली व्यवस्थाओं की पोल,सफाई के अभाव में नालियों का पानी घरों में
पहली बारिश में ही खुली व्यवस्थाओं की पोल,सफाई के अभाव में नालियों का पानी घरों में
*सांकरा में ग्रामीण खुद के पैसों से कराए नालियों की सफाई*
सुरेन्द्र जैन /धरसींवा
धरसीवा के सांकरा में पहली बारिश में ही व्यवस्थाओं की पोल खुल गई साफ सफाई के अभाव में खचाखच भर नालियों का पानी बारिस के पानी के साथ निचले घरों में प्रवेश कर गया आनन फानन में ग्रामीणो ने खुद पैसे खर्च कर सुबह से शाम तक नालियों की सफाई कराई ओर जेसीबी की मदद से गांव के बाहर फिकवाया।
काफी इंतजार के बाद बीती रात से यहां झमाझम बारिश हुई यह बारिस जहां भीषण गर्मी से लोगों को राहत लेकर आई तो वहीं गंदगी से भरी नालियों के कारण निचले मकान मालिको को मुसीबत का पैगाम भी लेकर आई जिम्मेदारों के गैरजिम्मेदाराना रवैये के चलते समुचित साफ सफाई के अभाव में ग्रामीण अक्सर बारिस में इसी तरह हलाकान होते हैं।
*पीएम सड़क के साथ बनी नालियों की वर्षों बाद भी सफाई नहीं
सांकरा से पठारीडीह तक प्रधान मंत्री ग्राम सड़क का पूर्वर्ती सरकार के समय उन्नयन हुआ था उसी दौरान सांकरा मेन रोड से सोण्डरा मार्ग पर स्थित तालाब तक सड़क के दोनो तरफ नालियों का निर्माण हुआ लेकिन निर्माण के कई सालों बाद भी नालियों की सफाई न होने से सांकरा स्टैंड चोक से ग्राम पंचायत के सामने तक एक तरफ की नाली मिट्टी से भरकर अपना अस्तित्व ही खो चुकी है एवं अटल चौक के समीप निचले मकान वाले रहवासी अक्सर खुद ही अपने पैसों से सफाई कराते हैं बीते साल भी पर्युषण पर्व के दौरान अचानक हुई तेज बारिश में नालियों का गंदा पानी कुछ निचले रहवासी मकानों में भरने के बाद जब जिम्मेदारों से सफाई की मांग की तो उन्होंने यह कहते हुए सफाई कराने से इनकार कर दिया था कि यह प्रधानमंत्री सड़क वालों की बनाई नाली है हम सफाई नहीं करा सकते तब ग्रामीणो ने खुद ही अपने पैसों से सफाई कराई थी एवं क्षेत्रीय विधायक को भी अपनी पीड़ा सुनाई थी बाबजूद इसके जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया और इस साल फिर वही स्थिति बन गई रविवार को दिनभर ग्रामीण खुद अपने पैसों से नालियों की सफाई कराई।
*मैं अभी ग्राम पंचायत को बोलती हूँ*
इस संबन्ध में जब जनपद पंचायत सीईओ रही टेबुलकर से बात की तो उन्होंने कहा कि वह अभी ग्राम पंचायत को सफाई के लिए बोलती हैं।
*सफाई ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी*
धरसीवा जनपद पंचायत स्वच्छ भारत मिशन की विकास खण्ड समन्वयक नीरा साहू से बात करने पर उन्होंने बताया कि गांव की नालियों की साफ सफाई ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी है चाहे पीएम सड़क के अंतर्गत ही क्यों न बनी हों नालियां यदि गांव के अंदर हैं तो ग्राम पंचायत उनकी समय समय पर सफाई कराए इसके लिए पन्द्रहवां वित्त आयोग मद से खर्च लर सकते हैं ।
*साप्ताहिक बाजार के हाल बेहाल*
समुचित सफाई न होने ओर सालों बाद भी साप्ताहिक बाजार मैदान में चबूतरों एवं मैदान में उचित व्यवस्था न होने से बारिस में बाजार में गंदगी व बारिस के पानी के बीच ही सब्जी विक्रेता दुकान लगाते हैं ग्रामीण मजदूर सभी जो सब्जि खरीदने जाते हैं वह भी जगह जगह मैदान में पानी कीचड़ से परेसान होते हैं।
*सिलतरा में अच्छी सुविधा के साथ बाजार बसूली का रेट भी कम*
रविवार को साप्ताहिक बाजार में दुकान लगाने आये कुछ दुकानदारो ने बताया कि सांकरा की अपेक्षा सिलतरा हाट बाजार मैदान में अच्छी व्यवस्था है वहां मैदान में ढलाई भी करा दी और चबूतरे भी बने हैं जिससे बारिस में कीचड़ गंदगी नहीं दिखती वहां ओर बाजार बसूली का भी रेट यहां से कम है 80 रुपये लेते है सिलतरा में जबकि सांकरा में न बाजार में चबूतरे हैं न साफ सफाई की समुचित व्यवस्था इसके बाद भी यहां 120 रुपये बाजार बसूली एक दुकानदार से ली जाती है बारिस के समय हर साल दिक्कत बहुत होती है।