जिम्मेदारों के गैरजिम्मेदाराना रवैये से-सांकरा स्कूल परिसर बना तालाब आंगनबाड़ियों के सामने भी गंदगी और बारिस का पानी - fastnewsharpal.com
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जिम्मेदारों के गैरजिम्मेदाराना रवैये से-सांकरा स्कूल परिसर बना तालाब आंगनबाड़ियों के सामने भी गंदगी और बारिस का पानी

 जिम्मेदारों के गैरजिम्मेदाराना रवैये से-सांकरा स्कूल परिसर बना तालाब आंगनबाड़ियों के सामने भी गंदगी और बारिस का पानी



     सुरेन्द्र जैन /धरसीवा

 रविवार अलसुबह से शुरू हुई बारिस का दौर रुक रुककर जारी है बारिस जहां एक ओर राहत की बारिस साबित हो रही है तो वहीं यह जिम्मेदारों के गैरजिम्मेदाराना रवैये की पोल भी खोल रही है मंगलवार को इस प्रतिनिधि ने जब सांकरा स्कूल व आंगनबाडी केंद्रों की स्थिति का जायजा ली तो शासकीय प्रथमिक,माध्यमिक व शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर पानी से लबालब भरा नजर आया कुछ बच्चे तालाबनुमा पानी मे उछल कूद कर आनन्दित हो रहे थे तो वही एक बालक कक्षाओ तक जाने पानी मे पत्थर रखते दिखा




      जानकारी के मुताबिक शासकीय स्कूल परिसर में बारिस का पानी भरने का मुख्य कारण है यहां से वर्षों बाद भी पानी की निकासी की कोई समुचित व्यवस्था का न होना हर साल की तरह इस साल भी बारिस शुरू होते ही स्कूल मैदान परिसर तालाब की शक्ल में तब्दील हो गया इस प्रतिनिधि ने जब इस संबन्ध में प्रधान पाठक ओर प्रभारी प्राचार्य से चर्चा की तो वह कुछ भी कहने से बचते नजर आए सैंकड़ो की संख्या में यहां ग्रामीण विद्यार्थी विद्याध्ययन करने आते है स्कूल की बाउंड्री के बाहर पूर्व दिशा के द्वारा के सामने साप्ताहिक बाजार लगता है लेकिन वहां भी समुचित साफ सफाई न होने ओर व्यवस्थित ढंग से कार्य न होने से बारिस में जगह जगह पानी भरा रहता है।

    *मध्यान्ह भोजन शाला चूल्हों के ऊपर के टीना दो साल से खराब बरसता है पानी*

    वही मध्यान्ह भोजन शाला के टीन शेड बीते दो साल से जंग लगकर सड़ चुके उनमे इतने बड़े बड़े छिद्र हो चुके है कि कोई इंसान भी उनसे उतरकर अंदर आ सकता है समूह की महिलाओं ने बताया कि हर साल बारिस में ऊपर से पानी बरसता है मुश्किल से मध्यान्ह भोजन बनाते हैं दो सालों से बोल बोलकर परेसान हैं कोई सुनता ही नहीं हालांकि  मंगलबार को इस प्रतिनिधि के पहुचते ही मध्यान्ह भोजन बनाने का सामान उठाकर अन्य कमरे में ले जाकर वहां मध्यान्ह भोजन बनाने की व्यवस्था की गई 

  मध्यान्ह भोजन शाला के चूल्हों के पीछे से ही निकली नालियां कूड़ा कचड़ा से लबालब भरी दिखी।

  *काम्प्लेक्स बनने के बाद से समस्या और बढ़ी*

      शासकीय स्कूल की बेशकीमती जमीन पर जब से काम्प्लेक्स बनाया गया है तब से स्कूल परिसर में पानी भरे रहने और आसपास गंदगी की समस्या बढ़ गई है बीते करीब डेढ़ दशक में शासकीय स्कूल की मुख्य सड़क के किनारे की बेशकीमती जमीन पर बड़ी संख्या में दुकानों का निर्माण हुआ है स्कूल की जमीन पर कॉम्लेक्स बनाने के चक्कर मे ही विद्युत ट्रांफार्मर तक वहां से हटा दिया एवं विद्युत लाइन दुकानों के ऊपर से निकली है जो खतरे को निमंत्रण देती रहती है।

  *बीईओ बोले फंड से कराएं काम स्कूल की जमीन पर नही बना सकते दुकान*

    इस संबन्ध बीईओ संजय पूरी गोस्वामीं ने कहा कि स्कूल में छोटे छोटे कार्यों के लिए उनके पास स्कूल प्रशासन के पास फंड होता है उससे छोटी छोटी समस्याओं को हल किया जा सकता है काम बड़ा हो तो प्रपोजल भेज सकते हैं जहां तक स्कूल की जमीन पर दुकानों के निर्माण की बात है तो यदि वह जमीन स्कूल की है तो उस पर कोई भी दुकानों का निर्माण नहीं कर सकता।

    *आंगनबाड़ीयो के आसपास भी हाल बेहाल*

    कमोवेश यही हालात सांकरा के आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 2 अटल चोक,आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 3 बाजार चोक व आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 4 जैन मंदिर के समीप भी यही हालात थे कहीं आँगबाड़ियों के सामने गंदगी का अंबार तो कहीं बारिस का पानी भरा था ।

    *गांव के अंदर भी हालात बदतर*

सांकरा स्कूल आंगनबाड़ी ही नहीं कुछ वार्डों में तो नालियों के ठसाठस भरे होने से बारिस में गंदा पानी सड़को पर बह रहा है और ग्रामीण हलाकान हैं ।

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