खण्ड ग्रास के रूप में पड़ने वाला यह चंद्र ग्रहण हम सब पर लागू होंगे और हमें इसका पालन भी करना चाहिए-ज्योतिष भूषण पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री
खण्ड ग्रास के रूप में पड़ने वाला यह चंद्र ग्रहण हम सब पर लागू होंगे और हमें इसका पालन भी करना चाहिए-ज्योतिष भूषण पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री
नवापारा (राजिम)
आज शरद पूर्णिमा है और आज ही साल का अंतिम चंद्रग्रहण लगने जा रहा है, नगर के ज्योतिष भूषण पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री ने बताया कि खण्ड ग्रास के रूप में पड़ने वाला यह चंद्र ग्रहण हमारे भारत देश में दिखाई देगा इसलिए ग्रहण संबंधी विधान हम सब पर लागू होंगे और हमें इसका पालन भी करना चाहिए, उन्होंने कहा कि यह विशुद्ध खगोलीय घटना है जिसका अपना ज्योतिष शास्त्रीय व धार्मिक महत्व भी है, यह ग्रहण आज रात्रि 1:5 पर प्रारम्भ होगा और 2:23 पर समाप्त हो जायेगा, इसका सूतक आज संध्या 4 बजकर 5 मिनट से लग जायेगा, सूतक लगते ही हमे भोजन, स्नान, हवन, देव मूर्तियों का, ग्रंथों का स्पर्श वर्जित कर देना चाहिए, ग्रहण कल में देव गुरु आदि के मंत्रों का जप करना चाहिए, सूतक लगने के पूर्व खाने पीने की चीजों में तुलसी दल या कुश डाल देना चाहिए,यह ग्रहण अश्विनी नक्षत्र पर मेष राशि पर पड़ रहा है , शास्त्री जी ने बताया कि मेष,वृष,कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, धनु,मकर और मीन राशि वालों के लिए कष्ट कारक और मिथुन, कन्या और कुम्भ राशि वालों के लिए लाभ दायक है, ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान, दान आदि का विशेष महत्व है, शरद पूर्णिमा को खीर बनाने और चांदनी रात में उसे रखने और खाने का बड़ा महत्व बताया जाता है, क्योंकि शरद पूर्णिमा के दिन चांद 16 कलाओं से आलोकित होता है, इसलिए उसकी किरणों में अमृत की तरह से औषधीय गुण आ जाते हैं रात में खुले आसमान के नीचे खीर रखने से खीर अधिक पौष्टिक हो जाती है, किंतु ग्रहण के चलते यह करना शुभ नहीं होगा, खीर प्रदूषित और अपवित्र हो जायेगी, ज्यादा अच्छा होगा कि ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान आदि करके खीर बनाई जाए और फिर उसे छत पर रख दिया जाय शास्त्री जी ने बताया कि यह खण्ड ग्रास चन्द्र ग्रहण हमारे देश के अतिरिक्त पूरे एशिया, आस्ट्रेलिया,यूरोप, दक्षिण पूर्वी अमेरिका,उत्तरी अमेरिका के क्षेत्र, हिन्द और प्रशान्त महासागर के क्षेत्रों में भी दिखाई देगा