बगदेही पारा में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के चौथे दिन भगवान के जन्म की कथा को बड़े रोचक ढंग से सुनाते हुए कथा व्यास पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री ने कहा.... - fastnewsharpal.com
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बगदेही पारा में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के चौथे दिन भगवान के जन्म की कथा को बड़े रोचक ढंग से सुनाते हुए कथा व्यास पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री ने कहा....


बगदेही पारा में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के चौथे दिन भगवान के जन्म की कथा को बड़े रोचक ढंग से सुनाते हुए कथा व्यास पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री ने कहा.....



नवापारा (राजिम)

नन्द घर आनन्द भयो जय कन्हैया लाल की  बगदेही पारा में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के चौथे दिन भगवान के जन्म की कथा को बड़े रोचक ढंग से सुनाते हुए कथा व्यास पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री ने कहा कि हम सभी आज आनन्द चाहते हैं और सुख शान्ति की तलाश में यहां वहां भटक रहे हैं, इसीलिए मंदिरों और कथा पंडालों में भारी भीड़ लगी रहती है, भगवान सुख धाम है, शान्ति के सागर हैं और स्वयं आनन्द के स्वरूप हैं वो "सच्चिदानंद"है और उन्ही के घर आता है जो नन्द बाबा की तरह से सबको आनन्द और यशोदा की तरह से सबको यश देना जानता है, इसीलिए व्यासजी ने यह नहीं लिखा कि नन्द के घर कृष्ण हुआ उन्होंने भागवत जी में स्पष्ट लिखा है कि नन्द जी के यहां आनन्द हुआ, जब जब धरती पर आतताइयों, अराजक शक्तियों का पाप, अत्याचार बढ़ता है, भगवान धरती पर अवतार लेते हैं, शास्त्री जी ने कहा कि अवतारवाद की धारणा केवल हमारे सनातन धर्म में है, अन्य धर्मों में नहीं, हमारे यहां प्रभु, वो परम सत्ता हर युग में अवतरित होती रहती है और अपने भक्त प्रेमी जनों का दुख संकट हरती है, विदित हो कि कथा में परिक्षित के रूप में पंचूराम साहू सपत्नीक बैठकर मनोयोग से कथा सुनते हैं, उनका पूरा परिवार  तथा उनके मित्र व मोहल्ले के लोग व्यवस्था में लगे रहते है, रोज नई नई झांकियां बनती है, आज कृष्ण जन्म के दिन विकेश साहू नन्द बाबा बनकर सिर पर टोकरी में नवजात कन्हैया को लेकर जब आने लगे तो पांडाल उनकी एक झलक पाने के लिए उठ खड़ा हुआ और फिर "नन्द घर आनन्द भयो जै कन्हैया लाल की " की जय जयकार के साथ सभी उठकर झूमने नाचने लगे, इस उत्सव बेला में भक्तो को माखन मिश्री व पंजीरी का प्रसाद बांटा गया 

आज कथा में पूर्व मंत्री धनेन्द्र साहू, सिरकट्टी आश्रम के सन्त गोवर्धन शरणजी, डॉक्टर राजेंद्र गदिया, संतोष मखीजा, रविशंकर साहू, सोहन सिंह, नेमचन्द गोलेछा, राजेंद्र बंगानी, सुंदर पंजवानी उपस्थित हुए,

कथा प्रसंगों के साथ रोशन यादव की संगीत मंडली ने छत्तीसगढ़ी भजनों से सबको नाचने के लिए मजबूर कर दिया, शास्त्री जी के मधुर कंठ से "मनमोहनी मूरत तेरी प्रभु मिल जाओगे। आप कहीं न कहीं" " मुरली धरा मनमोहना, हे नन्द नंदना" भजन ने सबका मन मोह लिया

मूल पाठ पारायण राजिम के युवा पण्डित सौरभ मिश्रा कर रहे हैं आज पण्डित हरीश, पंडित हरीश अपनी परिषद के साथ उपस्थित हुए, सभी ने व्यासपीठ से आशीर्वाद प्राप्त किया

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