भोलाराम सिन्हा की बाल कहानी को मिला अंतरराष्ट्रीय मंच, 14 भाषाओ में हुआ अनुवाद
भोलाराम सिन्हा की बाल कहानी को मिला अंतरराष्ट्रीय मंच, 14 भाषाओ में हुआ अनुवाद
धमतरी
ग्राम डाभा, विकासखंड मगरलोड, जिला धमतरी निवासी ,शासकीय प्राथमिक शाला कमारिनमुड़ा में पदस्थ शिक्षक भोलाराम सिन्हा , युवा कहानीकार समग्र शिक्षा छत्तीसगढ़ शासन,और यू एस ए आई डी रूम टू रीड इंडिया अंतरराष्ट्रीय संस्था द्वारा चयनित सिन्हा जी की कहानी छेरछेरा को प्रकाशित कर इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के बाल साहित्य सेमिनार 14. 12 .2023 को प्रदर्शनी किया गया । समग्र शिक्षा छत्तीसगढ़ शासन व रूम टू रीड द्वारा इस छेरछेरा कहानी को चौदह भाषाओं में अनुवाद कराया गया है। निकट भविष्य में छत्तीसगढ़ के सभी प्राथमिक शालाओं में भेजी जाएगी। सिन्हा की बाल कहानियाँ बच्चों में आत्मविश्वास व सृजनशीलता बढ़ाती है। इस कहानी के चित्रों को चित्रकार भार्गव कुलकर्णी ने बनाया है। इस राज्य स्तरीय सेमिनार का मुख्य विषय बाल साहित्य में दृश्य चित्रों का महत्व था। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के मुख्य सभागार में इसका आयोजन रखा गया। विश्वविद्यालय के कुलपति पद्मश्री डॉक्टर मोक्षदा( ममता चंद्राकर), विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार प्रो. नीता गहरवाल, समग्र शिक्षा से एम सुधीश सर ,किलोल संपादन समूह के सदस्य टीसी जायसवाल सर विश्वविद्यालय कला संकाय के प्रोफेसर राजन यादव, एससीईआरटी के डेकेश्वर वर्मा, रूम टू रीड से शक्तिव्रता यूएसएआईडी से शिखा जैन, मुख्य रूप से उपस्थित थे।
सिन्हा जी के नवाचार को छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग की चर्चा पत्र में "सुनव कहानी सियान के जुबानी" को भी स्थान दिया जा चुका है।
सिन्हा जी की रचनाएं निरंतर प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती है ।समय-समय पर आकाशवाणी रायपुर से युववाणी कार्यक्रम में बालिका शिक्षा पर आधारित कहानी "गोमती"चंदा के सपना "के साथ -साथ बच्चों का प्रसिध्द कार्यक्रम बालवाटिका कार्यक्रम में भी कहानी का प्रसारण होता रहता है। सामुदायिक अरपा रेडियो बिलासपुर के प्रसिद्ध कार्यक्रम "श्रोता की कलम" से में भी प्रसारण होता रहता है।
नई कलम, मन की आवाज , साहित्य के सितारें, के साथ -साथ शाला में बेहतर कार्य के लिए मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण ,शिक्षा दूत ,सम्मान भी प्राप्त हो चुका है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भी कलेक्टर के हाथों सम्मानित हो चुका है। आप संगम साहित्य एवं सांस्कृतिक समिति मगरलोड के सदस्य के साथ-साथ एक रेडियो श्रोता भी हैं।
इनकी इस उपलब्धि पर ,किलोल पत्रिका संपादन समूह के सदस्य टीसी जायसवाल,जिलाशिक्षाअधिकारी वाजपेयी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी मनीष ध्रुव, बीआरसी धीरज देवांगन, , मोहदी समन्वयक रुपेश शर्मा,बिरझुली के समन्वयक ,होरीलाल साहू, ,सहायक शिक्षक फेडरेशन मगरलोड के अध्यक्ष नरेंद्र सिन्हा, शैलेन्द्र साहू , रवि गोस्वामी , अशोक पटेल,कोमल साहू , भानूप्रताप साहू,चन्द्रहास सिन्हा,सियाराम साहू, सुभाष साहू, कुलेश्वर साहू जी, जीवराखन ,पीलेश्वर साहू ,प्रकाश निषाद ,रुपेश निषाद ,भूषण साहू, हेमंत साहू , हमेंद्र सिन्हा,कृपाल सिंह,फनेश चंदन , द्वारिका निषाद,टीका राम साहू , पवन निषाद, ग्रामीण अध्यक्ष डाँ. शिवनारायण साहू,
संगम साहित्य एवं सांस्कृतिक समिति मगरलोड के अध्यक्ष पुनू राम साहू ,
,सचिव आत्माराम साहू उपाध्यक्ष वीरेंद्र सरल ,नोहर लाल अधमरहा ,चिंताराम सिन्हा पुजारी, लालेश्वर सिन्हा,भोपाल मणी
आदि ने बधाई दी हैं।