*उधोग को नहीं देंगे पानी,सरपंच व पंचों पर भी लगा दिया अंकुश* - fastnewsharpal.com
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*उधोग को नहीं देंगे पानी,सरपंच व पंचों पर भी लगा दिया अंकुश*

 *जनहित में लोकतंत्र की सच्ची परिभाषा गड़ रहे सुंगेरा के ग्रामीण*



*उधोग को नहीं देंगे पानी,सरपंच व पंचों पर भी लगा दिया अंकुश*

     सुरेन्द्र जैन/ धरसीवा

 छत्तीसगढ़ की राजधानी से लगे धरसीवा थाना क्षेत्र का एक गांव ऐंसा भी है जहां ग्रामीण गांव के हित में इतने जागरूक व एकजुट हैं की वह स्वयं की गलती होने पर पंचायत द्वारा लगाया गया दण्ड देते भी हैं और यदि सरपंच व पंच गलती करें तो उन पर भी ग्रामीण जुर्माना यानी दण्ड लगाने में पीछे नहीं हटते इसका प्रमाण यह है कि उधोग को पानी ले जाने के मामले में ग्रामीणो न एकजुट होकर न सिर्फ उधोग का विरोध किया अपितु सरपंच व पंचों सहित 13 लोगो पर एक एक लाख का दण्ड भी लगा दिया ओर किसी भी कीमत पर गांव से होते निकली नदी से पानी नहीं देने का संकल्प लिया।

    शनिवार को एसडीएम तिल्दा प्रकाश टण्डन व टीआई धरसीवा शिवेंद्र सिंह राजपूत सुंगेरा गांव पहुचे यहां उन्होंने ग्रामीणो से घँटों बातचीत की इस दौरान ग्रामीण अपनी इस बात पर अडिग रहे कि हम अपने गांव का भविष्य खराब नहीं होने देंगे ।

   *ग्रामीणो ने सरपंच सहित 13 लोगो पर ठोंका एक एक लाख का दण्ड*

    शनिवार को हमारे संवाददाता ने भी सुंगेरा पहुचकर ग्रामीणो से बातचीत की इस दौरान ग्रामीणो का कहना था कि गांव के लोग नदी से फेक्ट्री को पानी नहीं देना चाहते लेकिन उन्हें जब पता चला कि सरपंच ओर कुछ पंच फेक्ट्री वालों से ग्रामीणो को बिना बताए मिले हैं तो ग्रामीणो ने बैठक कर सरपंच सहित 12 लोगो पर एक एक लाख का दण्ड किया था जिसे अब तक उन लोगो ने जमा नहीं किया जबकि उसके पहले जब भी किसी ग्रामीण से कोई गलती हुई तो उस पर सरपंच ने बैठक बुलाकर जो भी जुर्माना किया  उसे उस ग्रामीण ने जमा किया तो फिर ग्रामीणो द्वारा लगाए गए जुर्माने को सरपंच ओर उनके साथी अब तक जमा क्यों नहीं किये।

   ग्रामीण कहते हैं कि ग्रीष्म काल मे जलस्तर बहुत नीचे चला जाता है गांव में जो खारून नदी है उसी से गांव की निस्तारी पेयजल खेती किसानी सभी कार्य होते हैं यदि फेक्ट्री में नदी का पानी गया तो गांव के लोग गांव के पशु भूखे प्यासे मरेंगे इसलिए किसी भी कीमत पर हम गांव से नदी तक पाइप लाइन नहीं बिछने देंगे

    स्थानीय ग्रामीण प्रदीप निषाद ने बताया कि फेक्ट्री की पाइप लाइन का मामला है फेक्ट्री सरोरा में है और वहां से गांव के समीप तक पाइप लाइन बिछाई गई लेकिन हमने अपने गांव के समीप आते ही जब पता चला तो सभी ग्रामीणो ने काम रुकवा दिया शासन से भी यही मांग है कि इस पर प्रतिबंध लगाए अन्यथा हम आन्दोलन करना पड़ा तो वह भी करेंगे

    ग्रामीण महिला श्रीमत्ति चमेली पठारिया का कहना है कि गांव के सरपंच पंच सब मिले हुए हैं लेकिन हम अपने गांव की नदी से फेक्ट्री को पानी नहीं देना चाहते इसीलिए विरोध में पूरा गांव एकत्रित हुए हैं

   ग्रामीण महिला नीरा साहू का भी यही कहना है कि फेक्ट्री वाले हमारे गांव की नदी से पानी ले जाना चाहते हैं लेकिन हम पानी नहीं ले जाने देंगे क्योकि पानी गया तो गांव में बहुत बड़ी समस्या हो जाएगी बून्द बून्द पानी को ग्रामीण तरसेंगे इसीलिए गांव के लोगो को जब पता चला की सरपंच कुछ पंच जाकर फेक्ट्री वाले से मिले हैं तब ग्रामीणो ने बैठक कर उन पर जुर्माना लगाया है

     स्थानीय ग्रामीण संतोष धुरू ने बताया कि ग्रामीण नहीं चाहते कि गांव से पानी जाए ग्रामीणो ने बैठक कर सरपंच सहित 12 लोगो पर एक एक लाख जुर्माना लगाया है जिसे अब तक न सरपंच जमा किये न उनके साथी जबकि किसी ग्रामीण से मामूली गलती होने पर जब भी सरपंच ने गांव की बैठक कर जुर्माना लगाया तो संबंधित ग्रामीण ने उस जुर्माने को जमा किया है उदाहरण के लिए लकड़ी के मामले में शंभु निषाद पर सरपंच ने बैठक कर एक लाख जुर्माना किया था तब उसने जमा किया था फिर सरपंच ओर उनके साथी जुर्माना  तीन चार माह बीतने के बाद भी जमा क्यों नहीं किये ।

   सुरेन्द्र पठारी का कहना है कि नदी का नाम खारून है लेकिन पानी बहुत मीठा है ओर हम खेती किसानी निस्तारी पीने सभी काम इसी खारून पर निर्भर हैं गर्मियों में यहां खारून भी सूख जाती है  इसीलिए हम लोगो फेक्ट्री को पानी नहीं ले जाने देना चाहते गांव में न जनदर्शन हुआ न कभी फेक्ट्री वाले आये सरपंच पंच सहित 12 लोगो के बारे में ग्रामीणो को पता चला था कि वह फेक्ट्री वाले से मिले हैं इसीलिए ग्रामीण उनसे नाराज होकर बैठक कर उन पर जुर्माना लगाए है।

   शनिवार को ग्राम पंचायत व स्कूल मैदान ग्रामीणो से खचाखच भरा था गांव की सभी महिलाये बच्चें युवा बुजुर्ग सभी एकत्रित थे और सभी ने एसडीएम प्रकाश टण्डन व टीआई शिवेंद्र सिंह राजपूत के सामने अपना पक्ष रखा इस संबन्ध में जब एसडीएम एवं टीआई से बात की तो उन्होंने कहा अभी ग्रामीणो से चर्चा की जा रही है अभी कुछ भी नहीं कह सकते।

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