राजिम कुंभ मेले में पुरातत्व स्थलों की घोर उपेक्षा, प्राचीन स्थल बना शराबखोरी का अड्डा
राजिम कुंभ मेले में पुरातत्व स्थलों की घोर उपेक्षा, प्राचीन स्थल बना शराबखोरी का अड्डा
राजिम
धार्मिक व ऐतिहासिक नगरी राजिम में इन दिनों माघी पूर्णिमा से लेकर महाशिवरात्रि तक चलने वाले राजिम कुंभ कल्प 2024 में इस बार पुरातत्व विभाग का स्टॉल भी नज़र नहीं आ रहा है वही शासन विभिन्न विभागों का अनेकों योजनाओं के जानकारी के संबंध में प्रदर्शनी जरूर लगाए गए हैं किंतु दुर्भाग्य की बात है कि छत्तीसगढ़ की प्राचीन और ऐतिहासिक नगरी होने के साथ साथ पुरातत्व विभाग द्वारा अनेकों कार्य किया गया है जिसमे राजिम नगरी का पुरातत्व स्थलों में सबसे आकर्षण का केन्द्र सीता बाड़ी जो वर्तमान बीजेपी शासन के राजिम मेले में उपेक्षा होता दिख रहा है l आपको बता दें कि पुरातत्व स्थल सीता बाड़ी में इस बार प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था सीताबाड़ी के पास में ही कंट्रोल रूम, मुख्य मंच और श्री राजीव लोचन जी का मंदिर है फिर भी अनदेखी की गई है, इन्ही वजह से मेले घूमने आए लोग प्राचीन स्थलों की महत्ता से अनजान हैं इस कारण से लोग ऐसे प्राचीन स्थलों पर आ कर शराब पीकर चले जा रहे हैं मजे की बात हैं कि आस पास के राजिम , नवापारा, मगरलोड देशी अंग्रेजी कुल 6 शराब दुकानें शासन द्वारा राजिम कुंभ कल्प के चलते विक्रय पर प्रतिबंध लगाया गया है वही लोगों को शराब कहा से लाकर पी रहे हैं ये समझ से परे हैं लेकिन राजिम मेले में शराब पीकर लोग नशे में कुछ भी अप्रिय हरकतें कर सकते हैं l लेकिन सबसे बड़ी विडंबना है कि की राजिम कुंभ कल्प में प्राचीन एवं ऐतिहासिक स्थल को शासन प्रशासन द्वारा बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया गया साथ ही क्षेत्र के भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधियों के द्वारा इतने पुराने प्राचीन स्थल की ओर ध्यान नहीं दे रहे ये और भी सबसे बड़ी दुर्भाग्य की बात है l