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महिलाओं का लैगिक उत्पीड़न विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला सम्पन्न
मंगलवार, 19 मार्च 2024
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महिलाओं का लैगिक उत्पीड़न विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला सम्पन्न
गरियाबंद
वन विभाग के ऑक्शन हॉल में महिलाओं का लैगिक उत्पीड़न
(निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 एवं अनैतिक व्यापार, महिलाओं
तथा बच्चों की टैफिकिंग रोकथाम के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का
आयोजन किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विशेष अतिरिक्त सत्र
न्यायाधीश श्री यशवंत वासनीकर द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक
उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के तहत कार्यस्थल पर
गठित समिति का सूचना पटल लगाने को कहा। उन्होंने पाक्सों एक्ट के संबंध में
विस्तृत जानकारी दी गई। इस दौरान अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश
श्रीमती तेजेश्वरी देवी देवांगन ने कहा कि आज की महिलाएं पहले की अपेक्षा
आत्मनिर्भर हो चुकी है। तथा महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013
अंतर्गत आंतरिक शिकायत समिति गठन के संबंध में जानकारी दी। न्यायिक
मजिस्टेªट प्रथम श्रेणी गरियाबंद श्री प्रशांत कुमार देवांगन ने महिलाओं के
साथ होने वाले यौन उत्पीड़न के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी विशाखा
गाईडलाईन के आधार पर कार्यवाही के बारे में बताया।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री अशोक कुमार पाण्डेय ने महिला एवं बाल विकास का गठन के उद्देश्य एवं उनके कार्यो के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग 04 स्तंभो पर कार्य करता है। पहला बच्चों का विकास, दूसरा बच्चों का सुरक्षा, तीसरा महिलाओं का विकास एवं चौथा महिलाओं का सुरक्षा की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गठित समिति का सूचना पटल पर चस्पा करना चाहिए एवं जिस विभाग में अंातरिक शिकायत समिति गठन नही करने की स्थिति में 50 हजार रूपये का जुर्माना का प्रावधान है। साथ ही अनैतिक व्यापार रोकथाम के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में पलायन करने वाले महिलाएं एवं बच्चों का पंजी संधारण कर बिचौलियों का नाम एवं संपर्क नंबर ग्राम पंचायत में दर्ज करना चाहिए। कार्यक्रम में अनैतिक व्यापार रोकथाम समिति के सदस्य श्रीमती दिव्या शर्मा ने अनैतिक व्यापार रोकथाम अधिनियम के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि मानव तस्करी किसी व्यक्ति को बल प्रयोग कर, डरा धमका कर, बेच देना मानव तस्करी कहलाता है। मानव तस्करी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तर पर होता है। इस दौरान अन्य अधिकारियों ने महिला एवं बाल विकास के नियमों के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री अशोक कुमार पाण्डेय ने महिला एवं बाल विकास का गठन के उद्देश्य एवं उनके कार्यो के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग 04 स्तंभो पर कार्य करता है। पहला बच्चों का विकास, दूसरा बच्चों का सुरक्षा, तीसरा महिलाओं का विकास एवं चौथा महिलाओं का सुरक्षा की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गठित समिति का सूचना पटल पर चस्पा करना चाहिए एवं जिस विभाग में अंातरिक शिकायत समिति गठन नही करने की स्थिति में 50 हजार रूपये का जुर्माना का प्रावधान है। साथ ही अनैतिक व्यापार रोकथाम के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में पलायन करने वाले महिलाएं एवं बच्चों का पंजी संधारण कर बिचौलियों का नाम एवं संपर्क नंबर ग्राम पंचायत में दर्ज करना चाहिए। कार्यक्रम में अनैतिक व्यापार रोकथाम समिति के सदस्य श्रीमती दिव्या शर्मा ने अनैतिक व्यापार रोकथाम अधिनियम के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि मानव तस्करी किसी व्यक्ति को बल प्रयोग कर, डरा धमका कर, बेच देना मानव तस्करी कहलाता है। मानव तस्करी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तर पर होता है। इस दौरान अन्य अधिकारियों ने महिला एवं बाल विकास के नियमों के बारे में जानकारी दी।
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