राजिम एसडीएम दफ्तर में बंदोबस्त त्रुटि सुधारने, नाम सुधारने और जमीनों के नामांकन की आड़ में हो रही जमकर अवैध वसूली - fastnewsharpal.com
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राजिम एसडीएम दफ्तर में बंदोबस्त त्रुटि सुधारने, नाम सुधारने और जमीनों के नामांकन की आड़ में हो रही जमकर अवैध वसूली

राजिम एसडीएम दफ्तर में बंदोबस्त त्रुटि सुधारने, नाम सुधारने और जमीनों के नामांकन की आड़ में हो रही जमकर अवैध वसूली 



राजिम/गरियाबंद -

 राजिम एसडीएम दफ्तर में बंदोबस्त त्रुटि सुधारने, नाम सुधारने और जमीनों के नामांकन की आड़ में जमकर अवैध वसूली हो रही है। एक-एक प्रकरण को निपटाने के लिए हजार से दो हजार की वसूली चल रही है। ये कोई एक-दो दिन की कहानी नहीं हैं। 5 सालों से यही चल रहा है। ऐसा हम नहीं कह रहे। मंगलवार को गरियाबंद कलेक्टर जनदर्शन में सेमराडीह गाव से पहुंचे किसानों ने अपनी शिकायत में ऐसा कहा है।



ताज्जुब की बात तो ये है कि 11 महीने में ये तीसरी बार है जब क्षेत्र किसानों ने एक ही व्यक्ति के खिलाफ तीसरी बार कलेक्टर से शिकायत की है। कर्मचारी की पहली और दूसरी शिकायत का नतीजा शून्य रहा  वहीं किसानो ने गुरूवार को कर्मचारी की  शिकायत करने पहुंचे थे। सेमराडीह के किसान का बेटा एस कुमार साहू ने बताया कि उनके पिता जी के नाम का खेत की ऋण पुस्तिका को कर्मचारी के द्वारा पिछले छः महीने से अपने कार्यालय में रखा हुआ है वह अपने पिता जी के साथ उनके कार्यालय में ऋण पुस्तिका मांगने के लिए जाता हैं तो कर्मचारी के द्वारा पैसे की मांग की जाती हैं ऋण पुस्तिका नहीं होने से सोसायटी में खाद बीज नहीं ले पा रहे हैं कर्मचारी के दबंगई से क्षेत्र के किसान बहुत ही परेशान हैं किसानों ने बताया कि राजिम एसडीएम दफ्तर में नरेंद्र सूर्यवंशी सहायक ग्रेड 3 में पदस्थ है। एक ही जगह में वह पिछले 5 सालों से नौकरी कर रहा है और तब से ही राजस्व संबंधी प्रकरणों में किसानों से अवैध वसूली कर रहा है। हर बात पर पैसे मांगता है। इससे सभी किसान तंग आ चुके हैं।

कोई किसान अगर पैसे देने से मना करे तो वह उनका काम अटका देता है। किसानों ने बताया कि 5 महीने पहले भी कर्मचारी और उसके साथियों द्वारा कौंदकेरा गांव का पूरा राजस्व रेकॉर्ड ही गायब करवा दिया गया था। फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को इस रेकॉर्ड की जरूरत थी। ऐसे में रेकॉर्ड उपलब्ध करवाने के नाम भी इनके द्वारा जमकर वसूली की गई थी। उस शिकायत पर 5 माह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।

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