*108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का भूमि पूजन हुआ संपन्न*
*108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का भूमि पूजन हुआ संपन्न*
गरियाबंद
अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में एवं गरियाबंद जिला के गायत्री परिवार के द्वारा आयोजित राष्ट्र जागरण 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के लिए दिनांक 12 दिसंबर 2024 को भूमि पूजन का कार्यक्रम संपन्न हुआ।
यह कार्यक्रम 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के आयोजन स्थल गांधी मैदान पर संपन्न किया गया।
भूमि पूजन का ऋषि परंपरा में यह महत्व बताया गया है कि इस भूमि पर पहले भी न जाने कौन-कौन से कृत्य किए गए हैं इन अच्छे बुरे कार्यों का जो दोष है उसे पूजन के माध्यम से परिमार्जित कर संस्कारित करने की क्रिया ही भूमि पूजन कार्यक्रम है जिसके माध्यम से भूमि को यज्ञीय कार्य के उपयुक्त बनाने के लिए उस पर देवीय गुणों का बीजारोपण किया गया। तत्पश्चात् वहां पर यज्ञ संबंधी अन्य कार्यों का शुभारंभ हो गया।
इस कार्यक्रम में शांतिकुंज प्रतिनिधि के रूप में सुखदेव निर्मलकर जी छत्तीसगढ़ जोन समन्वयक श्रीमती आदर्श वर्मा जी पूर्व सांसद चंदूलाल साहू जी विधानसभा राजिम के विधायक रोहित साहू जी पूर्व विधायक अमितेश शुक्ला जी एवं संतोष उपाध्याय जी गायत्री परिवार के उप जोन समन्वयक सी पी साहू जी तथा मनहरन लाल साहू जी गरियाबंद नगर पालिका के अध्यक्ष गप्फू मेमन जी जिला पंचायत सदस्य चंद्रशेखर साहू जी गायत्री परिवार के जिला समन्वयक टीकम राम साहू जी संगठन समन्वयक रोमन लाल चंद्राकार जी गायत्री शक्तिपीठ गरियाबंद के प्रमुख केशव साहू जी शक्तिपीठ राजिम के ट्रस्टी विक्रम मेघवानी जी सहित वरिष्ठ प्रकोष्ठ युवा प्रकोष्ठ एवं महिला प्रकोष्ठ से विकासखंड फिंगेश्वर छुरा गरियाबंद मैनपुर देवभोग के हजारों कार्यकर्ता सम्मिलित हुए।
सर्वप्रथम जिला समन्वयक टीकम राम साहू जी ने आयोजन के प्रयोजन विषय पर मार्गदर्शन प्रदान किया।
शांतिकुंज प्रतिनिधि के रूप में पधारे सुखदेव निर्मलकर जी ने कहा कि गायत्री परिवार का उद्देश्य केवल हवन पूजन करना तक ही सीमित नही अपितु मनुष्य में देवत्व का उदय और धरती पर स्वर्ग के अवतरण की अवधारणा को साकार करने के लिए हर व्यक्ति में चाहे वह किसी भी धर्म संप्रदाय या मत के मानने वाले हों, को सदगुण अपनाना ही होगा गायत्री परिवार जाति लिंग भाषा संप्रदाय क्षेत्र आदि की अवधारणा से ऊपर उठकर कार्य करती है जिसमें सबके लिए सद्बुद्धि एवं सबके लिए सन्मार्ग के द्वार खुले हुए हैं। छत्तीसगढ़ जोन समन्वयक श्रीमती आदर्श वर्मा जी ने कहा कि सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया के भाव को लेकर किये जा रहे इस यज्ञ में आहुति देने के लिए हर व्यक्ति को अपने-अपने पुरुषार्थ समय एवं अंश जरूर लगाना चाहिए। पूर्व सांसद चंदूलाल साहू जी ने प्राचीन शिक्षा पद्धति एवं वर्तमान शिक्षा पद्धति में अंतर बताते हुए राजनीति में आध्यात्मिकता की उपयोगिता को विस्तार से समझा कर सभी लोगों से सहयोग की अपेक्षा की ।राजिम विधायक श्री रोहित साहू जी ने कहा कि उन्हें देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति आदरणीय चिन्मय पंड्या जी ने इस कार्यक्रम के लिए चार माह पहले ही आमंत्रण दे दिया है। तथा इस यज्ञ को केवल गरियाबंद का न होकर पूरे जिले का कार्यक्रम बताते हुए धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए गायत्री परिवार में सहयोग करने की बात कही। पूर्व पंचायत मंत्री अमितेश शुक्ला जी ने कहा कि वह अपने पिताजी के समय से गायत्री परिवार के कार्यक्रम में आते जाते रहे हैं और उनका लगाव शांतिकुंज से भी है।इसी प्रकार से कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों ने संबोधन में इस यज्ञ को तन मन धन लगाकर सफल बनाने का आह्वान किया। कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष गप्फू मेमन जी ने किया।
संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन पुरुषोत्तम यादव शिक्षक ने किया।