बचपन से देखिए बड़े ख्वाब..... दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत से यह सपने होते पूरे जनाब!!! - fastnewsharpal.com
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बचपन से देखिए बड़े ख्वाब..... दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत से यह सपने होते पूरे जनाब!!!

 बचपन से देखिए बड़े ख्वाब..... दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत से यह सपने होते पूरे जनाब!!!



 

गोबरा नवापारा/रायपुर...

 आज युवा पीढ़ी अपने भविष्य और रोजगार के लिए बेहद परेशान है ,लेकिन देखा जाए आधुनिक टेक्नोलॉजी और उसके -सही इस्तेमाल से हम बहुत कुछ कर सकते हैं। आपके हाथ में जो एंड्राइड मोबाइल है वह कमाल का है, इसमें दी हुई जानकारी से हम  बहुत कुछ कर सकते हैं नकारात्मक से लेकर सकारात्मक। इसका उदाहरण हमें आए दिन देखने को मिलते हैं, सकारात्मक उदाहरण जो देश के हर युवक के लिए प्रेरणा स्रोत है- हरियाणा स्टेट का महेंद्रगढ़ जिला की गौरव- दिव्या तंवर इस बेटी ने बेहद गरीबी के माहौल में 8 बाई 8 के कमरे में अपनी मजदूरी करती मां और बहन के साथ रहती थी दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत के बल पर पहले आईपीएस फिर आईएएस बनकर पूरे देश में तहलका मचा दिया था सेल्फ स्टडी और एंड्राइड मोबाइल से पढ़ाई कर यह इतिहास रचा था, यह  लगभग 2 वर्ष पूर्व की बात है, उम्र भी मात्र 22 से 23 वर्ष के बीच।

महाराष्ट्र  के प्रसिद्ध लावणी नृत्य की एक मोहक पोजl



मेहंदी कला की अनुपम छटा


ऐसी ही प्रतिभा की धनी हैं छत्तीसगढ़ और कवर्धा की गौरव सुश्री तृप्ति देव साहू..... दुबली पतली काया- दमदार आवाज 23 वर्ष की उम्र के आते तक डिग्रियों का अंबार- बीएससी कंप्यूटर साइंस- एमए इन इंग्लिश- पीजीडीसीए इसके बाद वर्तमान मेंD.Ed कोर्स कंप्लीट कर रही हैं लेकिन खास बात क्या है जब हमारे विशेष संवाददाता महेंद्र सिंह ठाकुर ने रायपुर में  उनके एक पारिवारिक उत्सव में इनकी बेहद जबरदस्त मेहंदी कला को देखा तो आश्चर्यचकित रह गए बहुत तेजी बेहद पेशेवर अंदाज से मेहंदी डिजाइन करती यह स्टार! आप भी देखें आश्चर्य होगा जब इस बारे में पूछा गया तृप्ति देव ने बताया लगभग 11 12 साल की उम्र से मोबाइल से देखकर मेहंदी डिजाइनिंग सीखा और इसके साथ इनको पेंटिंग डांसिंग का भी शौक है इसको भी इन्होंने अपने मोबाइल से ही सीखा जिसमें क्लासिकल डांस का फुटेज देखकर मन बहुत प्रफुल्लित हो गया अपने भविष्य के बारे में उन्होंने बताया उनका उद्देश्य प्रशासनिक सेवा में जाने का है और इन सब कलाओं के बीच में उसकी भी तैयारी काफी गंभीरता से कर रही हैं ll

सेल्फ मेड का सर्वोत्तम उदाहरण... हिंदी में अच्छी पकड़ रखने वाली सुश्री तृप्ति देव ने कहा-"" सीढ़ियां उन्हें मुबारक हो- जिन्हें छत तक जाना है- अपनी मंजिल तो आसमान है- रास्ता स्वयं बनाना है"" आगे उन्होंने बताया बचपन से अपनी हॉबी को पूरा करने के लिए मोबाइल से घंटो पहले कागज में फिर अपने हाथ में मेहंदी डिजाइन करना शुरू किया कड़ी मेहनत से यह कल निखरती गई और  आज इसमें सेल्फ मेड है और अच्छा खासा पैसा भी मिल जाता है इसी तरह से क्लासिकल डांस में इंटरेस्ट रहा और वह घर में ही मोबाइल देख-देख कर सिखती गई आज इसमें भी परफेक्ट है जब विशेष संवाद दाता ने उनसे पूछा आर्ट और प्रशासनिक सेवा दोनों साथ-साथ लेकर चलेगीं तो उन्होंने कहा -अवश्य असंभव शब्द मेरी डिक्शनरी में नहीं है। इन्होंने कहा मेरी इस कला और करियर के लिए  मेरे पिताजी श्री देव कुमार साहू जो समाजसेवाऔर राजनीति में सक्रिय है माता श्रीमती अनीता साहू जो पार्षद हैं और भाई पंकज देव साहू और पुष्पेंद्र देव साहू का पूर्ण सहयोग मिलता हैl

स्वावलंबन की ओर बढ़ते सशक्त कदम..... तृप्ति देव का यह जुनून और कला स्वावलंबन की ओर बढ़ते सशक्त कदम को दर्शाता है हर युवा को इससे प्रेरणा मिलती है और कहा जा सकता है" -मंजिले उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है- पंखों से कुछ नहीं होता- हौसलों से उड़ान पूरी होती है"।। सुश्री तृप्ति देव को कई मंचोऔर संस्थान  से कई सम्मान मिल चुका है- दीन हीन की सेवा करना और नेचर से प्यार भी इनकी प्राथमिकता में है।।


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