*इस वर्ष होली नहीं खेलेंगे बर्ख़ास्त सहायक शिक्षक*
*इस वर्ष होली नहीं खेलेंगे बर्ख़ास्त सहायक शिक्षक*
*रंगोत्सव पर रंगों से अछूते रहेंगे 2621 चेहरे*
*होलिका दहन कर ईश्वर से की सेवा-सुरक्षा की प्रार्थना*
*विगत 3 माह से तूता धरना स्थल पर जारी है संघर्ष*
रायपुर
होली रंगों का तथा हँसी-खुशी का त्योहार है, जिसे सम्पूर्ण भारत वर्ष में हर्षो-उल्लास के साथ मनाया जाता है। आज जहाँ प्रदेश में पूरे उत्साह के साथ इस त्योहार का स्वागत किया जाएगा वहीं 2621 बर्ख़ास्त बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षक होली के रंगों से अछूते रह जाएंगे। निर्दोष होते हुए भी नौकरी छीन लिए जाने से इन शिक्षकों के जीवन में अब कोई रंग शेष नहीं है। इसलिए इन शिक्षकों ने ग्राम तूता में होलिका दहन कर शासन के हृदय में करुणा उपजाने एवं समायोजन हेतु ईश्वर से प्रार्थना की। इसके साथ ही माँग पूरी न हो जाने तक इस वर्ष होली नहीं मनाने का संकल्प लिया।
*नियमों में बदलाव की वजह बेरोज़गार हुए 2621 सहायक शिक्षक*
गौरतलब है कि इन अभ्यर्थियों की नियुक्ति एन. सी.टी.ई. के गजट तथा व्यापम द्वारा आयोजित परीक्षा आधार पर पूरे नियमों के तहत हुई थी। सुप्रीमकोर्ट द्वारा एन. सी.टी.ई. का गजट रदद् कर दिए जाने की वजह से 15 माह की सेवा के बाद इन्हें नौकरी से बर्ख़ास्त कर दिया गया।
*पिछले 3 महीनों से आंदोलनरत हैं शिक्षक*
अपने भविष्य के प्रति चिंतित 2621 बर्ख़ास्त शिक्षक सेवा-सुरक्षा की माँग को लेकर विगत 3 महीने से तूता धरना स्थल पर बैठे हैं। बर्ख़ास्त शिक्षकों का कहना है कि केंद्रीय संस्थाओं की चूक की सज़ा हमें दी जा रही है। जबकि विभाग में हज़ारों रिक्त पदों पर हमारा समायोजन किया जा सकता है।
*शासन की ओर से बनाई गई है अंतर्विभागीय समिति*
बर्ख़ास्त शिक्षकों की समस्या के सम्बंध में शासन को सुझाव देने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का निर्माण किया गया है। लेकि सवा दो माह पूर्व गठित समिति द्वारा अब तक कोई निष्कर्ष प्रस्तुत नहीं किया गया है। कार्यवाही में विलम्ब की वजह से शिक्षकों में रोष व्याप्त है।
निर्दोष होते हुए भी नौकरी से बेदखल शिक्षकों का कहना है कि पदमुक्ति के आदेश से हम सभी के जीवन में आर्थिक संकट तो आया ही है, हमारी सामाजिक प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुँची है। अब इस बर्खास्तगी के दाग के ऊपर कोई भी रंग चढ़ना सम्भव नहीं है। इसलिए हम रंगों के इस पर्व का त्याग कर रहे हैं। सत्य की जीत हो इसी के प्रतीक स्वरूप आज हम होलिका दहन कर रहे हैं। माननीय मुख्यमंत्री जी से निवेदन है कि संवेदनशीलता के साथ हमारी समस्या का शीघ्र-अतिशीघ्र निवारण करें। समायोजन के रूप में हमारी खुशियाँ लौट आए, वही हमारी असली होली होगी।